हृदय रोग, दुनियाभर में मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक रहे हैं। ब्रिटिश हेल्थ फाउंडेशन की रिपोर्ट के मुताबिक हर 1.5 सेकेंड में एक व्यक्ति की मौत हार्ट अटैक के कारण हो जाती है। वैश्विक स्तर पर, हृदय और संचार रोगों के कारण साल 2019 में अनुमानित 9.8 मिलियन पुरुषों और 9.2 मिलियन महिलाओं की मौत हुई। कोरोना महामारी के बाद हार्ट अटैक और इसके कारण होने वाली मौतों का आंकड़ा और भी बढ़ गया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को हृदय को स्वस्थ रखने वाले उपाय करते रहने की सलाह देते हैं।
ज्यादातर अध्ययनों से पता चलता है कि लाइफस्टाइल और आहार में गड़बड़ी के कारण हृदय रोग और हार्ट अटैक के मामले सबसे अधिक देखे जाते रहे हैं। इसी तरह के एक अन्य अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि शरीर में कुछ विटामिन्स की अधिकता के कारण भी हृदय रोग और हार्ट अटैक की दिक्कत हो सकती है।
नियासिन (विटामिन बी-3) उनमें से एक है, जिसकी अधिकता को हृदय स्वास्थ्य के लिए खतरनाक पाया गया है। अध्ययनकर्ताओं ने बताया, जो लोग नियासिन युक्त विटामिन-बी सप्लीमेंट का अधिक सेवन करते हैं ऐसे लोगों को हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है।
वैसे तो नियासिन भी हमारी सेहत के लिए अन्य पोषक तत्वों की तरह ही आवश्यक है। ये रक्त परिसंचरण में सुधार करने में मददगार मानी जाती है। सभी प्रकार के विटामिन-बी पानी में घुलनशील होते हैं, जिसका अर्थ है कि शरीर उन्हें एकत्रित नहीं करता है। आप आहार के माध्यम से अपने शरीर की बी3 की सभी जरूरतों को पूरा कर सकते हैं।
हालांकि क्लीवलैंड क्लिनिक के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में किए गए एक अध्ययन में पाया गया है कि जिन लोगों के आहार में नियासिन की अधिकता होती है, उनमें हृदय रोग और इसके कारण होने वाले जोखिम अधिक हो सकते हैं। एक अनुमान के अनुसार दुनियाभर में हर चार में से एक व्यक्ति में नियासिन का स्तर अनुशंसित मात्रा से अधिक हो सकता है।
नियासिन की अधिकता धमनियों को पहुंचा सकती है नुकसान
यहां जानना जरूरी है कि नियासिन को विटामिन बी3 या निकोटिनिक एसिड भी कहा जाता है। नेचर मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया कि जब हमारा शरीर नियासिन का ब्रेक डाउन करता है, तो यह 4PY नामक एक बायोप्रोडेक्ट बनाता है, जिससे शरीर की संचार प्रणाली में सूजन होने का खतरा हो सकता है। ये सूजन, रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाती है जिसके कारण समय के साथ एथेरोस्क्लेरोसिस बिल्डअप का खतरा रहता है।
एथेरोस्क्लेरोसिस धमनी की आंतरिक परत में प्लाक के निर्माण की समस्या को कहा जाता है, जिससे धमनियां मोटी और सख्त हो जाती हैं। इस स्थिति में स्ट्रोक, दिल का दौरा और हृदय की अन्य समस्याओं का खतरा काफी बढ़ जाता है।
क्या कहते हैं अध्ययनकर्ता?
अध्ययनकर्ता कहते हैं, हम सभी को बिना किसी डॉक्टरी सलाह के किसी भी प्रकार के विटामिन सप्लीमेंट्स के सेवन से बचना चाहिए। आहार के माध्यम से शरीर लिए आसानी से विटामिन-बी3 प्राप्त की जा सकती है।
क्लीवलैंड क्लिनिक के लर्नर रिसर्च इंस्टीट्यूट में शोधकर्ता और अध्ययन के प्रमुख लेखक स्टेनली हेजेन कहते हैं, हमने ये अध्ययन इसलिए किया क्योंकि हमें संदेह था कि हृदय रोग के कई अज्ञात खतरे मौजूद हो सकते हैं। आहार में गड़बड़ी इसे किस प्रकार से प्रभावित करती है, इस शोध में हमें स्पष्ट तौर पर पता चलता है।
क्या है अध्ययन का निष्कर्ष?
अध्ययन के निष्कर्ष में शोधकर्ता प्रो. हेजेन कहते हैं, नियासिन का प्रभाव हमेशा कुछ हद तक विरोधाभासी रहा है। हमारे निष्कर्ष इस विरोधाभास को समझाने में मदद कर सकते हैं। हालांकि ऐसा नहीं है कि हमें नियासिन का पूरी तरह से सेवन बंद कर देना चाहिए, पर इसके सप्लीमेंट्स के सेवन से बचा जाना चाहिए। खुद से ही किसी विटामिन सप्लीमेंट लेने से जोखिम रहता है कि जाने-अनजाने शरीर में इसकी अधिकता हो सकती है।
शरीर स्वस्थ रहे और ठीक तरीके से काम करता रहे इसके लिए जरूरी है कि सभी विटामिन्स का संतुलित मात्रा में ही सेवन किया जाए।
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