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NCP का तीखा सवाल- हमास के आतंक पर बोली मणिपुर पर मौन क्यों? कूटनीति के साथ लोगों की जान भी अहम

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इस्राइल पर हमले के बाद हमास की चौतरफा निंदा हो रही है। भारत ने भी आतंकी वारदात की कड़े शब्दों में निंदा की है। इसी बीच विपक्षी दल- ने कहा है कि बीजेपी ने इस्राइल पर तो तत्काल प्रतिक्रिया दी, लेकिन मणिपुर में हुई हिंसा पर मौन साध लिया।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी विपक्षी दल की भूमिका में अक्सर भाजपा को कठघरे में खड़ा करने के प्रयास करती है। इस्राइल में हमास के आतंकी हमले के मामले में शरद पवार की अगुवाई वाली- एनसीपी ने भाजपा की भूमिका पर सवाल खड़े किए। पार्टी ने कहा कि भाजपा नेता इस्राइल में हो रहे युद्ध पर तेजी से सवाल खड़े करते दिखे लेकिन पूर्वोत्तर भारतीय राज्य मणिपुर में हुई हिंसक झड़प के मामले में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेताओं ने मौन साध लिया।

इस्राइल के बहाने मणिपुर की हिंसा पर सवाल
एनसीपी के प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म- एक्स पर एक पोस्ट में कहा, इस्राइल और फलस्तीन में हो रही लड़ाई में कई मासूम लोगों की जान गई है। इस्राइल में हो रही हत्याओं के बाद बीजेपी नेताओं ने काफी तेजी से बयान जारी किए और आतंकी वारदात की निंदा की। ऐसा होना भी चाहिए। इसलिए हम एक विपक्षी दल के रूप में भाजपा को याद दिलाना चाहते हैं कि मणिपुर भारत का हिस्सा है।

भाजपा नेताओं का शर्मनाक रूख- मणिपुर पर मौन
उन्होंने कहा कि इस्राइल के मुद्दे पर भाजपा नेताओं ने तत्काल प्रतिक्रियाएं दीं। हत्याओं की कड़ी निंदा भी की गई। हालांकि, मणिपुर में हुई हिंसा पर शर्मनाक रूख अपनाते हुए भाजपा नेताओं ने मौन साध लिया। इस्राइल में आतंकी वारदात की कड़ी निंदा करने वाले बीजेपी नेता मणिपुर की जनता के दर्द और उनकी पीड़ा को समझने में नाकाम रहे।

कूटनीतिक रिश्ते जरूरी, लेकिन नागरिकों की जान…
एनसीपी प्रवक्ता क्रैस्ट्रो ने कहा कि मणिपुर मुद्दे पर भाजपा नेताओं का मौन काफी कुछ कहता है। मणिपुर हिंसा के मामले में बीजेपी नेताओं ने जिस तरह से प्रतिक्रिया दी है, इससे घरेलू मामलों में भाजपा की नीयत उजागर होती है। उन्होंने कहा कि कूटनीतिक रिश्ते जरूरी होते हैं लेकिन नागरिकों का सकुशल रहना और उनकी जिंदगी सबसे जरूरी होती है, भाजपा को इसकी अहमियत समझने की जरूरत है। इस्राइल में मानवीय संकट और भारत में सियासी सरगर्मियों बीच एनसीपी ने जिस तरह आंतरिक मुद्दे पर भाजपा को कठघरे में खड़ा करने का प्रयास किया है, इसके व्यापक निहितार्थ हो सकते हैं।

इस्राइल में क्या हो रहा है?
गौरतलब है कि रविवार सात सितंबर की सुबह मध्य पूर्वी देश इस्राइल में हमास के आतंकियों ने रॉकेट से अंधाधुंध हमले किए। 20 मिनट में 5000 रॉकेट दागने का दावा करने वाले आतंकी संगठन- हमास के हमले में इस्राइल के सैकड़ों मासूम लोगों की मौत हुई है। इस्राइली सेना ने हमास को मुंहतोड़ जवाब दिया। गाजा पट्टी में की गई सैन्य कार्रवाई में सैकड़ों आतंकियों को ढेर करने का दावा किया जा रहा है। हिंसा में दो हजार से अधिक लोगों के घायल होने की रिपोर्ट्स भी सामने आई हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने समेत कई राष्ट्राध्यक्षों ने इस्राइल के साथ खड़ा होने की बात कही है।

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