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‘हिंदू शब्द का भी नहीं कर सकते इस्तेमाल’, जानें थरूर ने ‘इंडिया’ विवाद पर ऐसा क्यों कहा

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‘इंडिया बनाम भारत’ बहस के बीच थरूर ने कहा, यह बहुत विरोधाभासी है जब मैं सत्तारूढ़ दल के कुछ लोगों को ‘इंडिया’ शब्द के इस्तेमाल पर आपत्ति जताते हुए देखता हूं, लेकिन वही लोग नारे लगाते हुए कहते हैं कि ‘गर्व से कहो हम हिंदू हैं’।

देश में इन दिनों भारत और इंडिया को लेकर विवाद चल रहा है। इस बीच कांग्रेस सांसद और वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने उन लोगों पर कटाक्ष किया है, जिन्हें ‘इंडिया’ शब्द से परेशानी हो रही है, लेकिन वे खुद को ‘हिंदू’ कहने में उन्हें कोई गुरेज नहीं है। थरूर ने कहा, अगर आप ‘इंडिया’ शब्द का इस्तेमाल नहीं करना चाहते हैं, तो आप हिंदू शब्द का भी इस्तेमाल नहीं कर सकते। क्योंकि इंडिया और हिंदू दोनों शब्दों की उत्पत्ति का स्रोत एक ही है, जो सिंधु नदी है।

अपनी पुस्तक के विमोचन के दौरान कही यह बात
थरूर ने अपनी पुस्तक ‘व्हाई आई एम ए हिंदू’ के कन्नड़ संस्करण ‘नानू याके हिंदू’ के विमोचन के दौरान कहा कि दोनों शब्द विदेशियों ने ही दिए थे। इन शब्दों का मतलब ऐसे क्षेत्र या लोगों की पहचान करना है, जो सिंधु या इंडस नदी के पार स्थित था। इस पुस्तक का अंग्रेजी से कन्नड़ में अनुवाद कांग्रेस नेता प्रोफेसर केई राधाकृष्ण ने किया है।

थरूर ने इस बात पर जताई हैरानी
‘इंडिया बनाम भारत’ बहस के बीच थरूर ने कहा, यह बहुत विरोधाभासी है। जब मैं सत्तारूढ़ दल के कुछ लोगों को ‘इंडिया’ शब्द के इस्तेमाल पर आपत्ति जताते हुए देखता हूं, लेकिन वही लोग नारे लगाते हुए कहते हैं कि ‘गर्व से कहो हम हिंदू हैं’। थरूर ने कहा, यह दिलचस्प है कि हिंदू शब्द का लेबल उनकी ओर से या उनकी भाषा में नहीं खोजा गया है, बल्कि विदेशियों ने उन्हें इस शब्द से संदर्भित किया है, और उन्होंने उस लेबल को खुशी-खुशी अपना लिया है।

ऐसे शुरू हुआ विवाद 
इंडिया-भारत विवाद की शुरुआत जी20 शिखर सम्मेलन के समय से शुरू हुई। जब भारत के राष्ट्रपति की ओर से जी20 देशों के राष्ट्राध्यक्ष सहित अन्य नेताओं को रात्रिभोज के लिए आमंत्रित किया था तो उस वक्त आमंत्रण पत्र में प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की जगह प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा था। इसी के बाद से भारत और इंडिया विवाद शुरू हुआ। विपक्ष ने इसके लिए केंद्र सरकार की खूब आलोचना की।

ब्लू डार्ट ने किया बड़ा बदलाव
विवाद के बीच लॉजिस्टिक कंपनी ब्लू डार्ट ने बड़ा एलान किया था। कंपनी ने कहा था कि अब अपनी प्रीमियम सेवा डार्ट प्लस का नाम बदलकर भारत प्लस कर दिया है। कंपनी ने कहा था कि यह कूटनीतिक बदलाव से ब्लू डार्ट की मौजूदा यात्रा में एक मील का पत्थर है। यह भारत की वृहद जरूरतों की सेवा के लिए हमारी अटल प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

पहले भी निशाना साध चुके हैं थरूर 
इससे पहले भी थरूर ने इंडिया-भारत विवाद की आलोचना की है। कुछ दिनों पहले थरूर ने कहा था कि इंडिया को भारत कहने में कोई सांविधानिक आपत्ति नहीं है। हालांकि कोई भी सरकार इतनी मूर्ख नहीं होगी कि ‘इंडिया’ नाम पूरी तरह खत्म कर दे, क्योंकि इस नाम की ब्रांड वैल्यू का कोई पैमाना नहीं है। कांग्रेस सांसद ने दावा किया था कि पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना ने भी इंडिया नाम पर आपत्ति जताई थी, क्योंकि इसका मतलब यह था कि हमारा देश ब्रिटिश राज का उत्तराधिकारी राष्ट्र था और पाकिस्तान एक अलग देश था।

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