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मद्रास हाईकोर्ट ने सेना के अधिकारी की सजा को किया रद्द, मांस खरीद में अनियमितता का था आरोप

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न्यायाधीश ने कहा कि रिकॉर्ड से एक गवाह ने बताया था कि 6 फरवरी, 1988 तक विभिन्न तिथियों पर डिब्बाबंद कीमा की आपूर्ति और वितरण जारी रहा।

मद्रास उच्च न्यायालय ने ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें साल 1987 को श्रीलंका में तैनात तत्कालीन भारतीय शांति सेना (आईपीकेएफ) के सैनिकों के लिए डिब्बा बंद मांस की खरीद में कुछ कथित अनियमितताओं के लिए एक सैन्य अधिकारी को दोषी ठहराया गया था और दो साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई थी। न्यायमूर्ति जी जयचंद्रन ने हाल ही में मेजर जनरल एके गुप्ता की अपील की अनुमति देते हुए सीबीआई मामलों के लिए XIV अतिरिक्त न्यायालय के मई 2013 के आदेश को रद्द कर दिया।न्यायाधीश ने कहा कि रिकॉर्ड से एक गवाह ने बताया था कि 6 फरवरी, 1988 तक विभिन्न तिथियों पर डिब्बाबंद कीमा की आपूर्ति और वितरण जारी रहा।

खरीदी का था सामूहिक निर्णय
उन्होंने स्वीकार किया कि वस्तुओं की खरीद शीर्ष गुप्त थी और सैनिकों की आवाजाही, खाद्य पदार्थों की आपूर्ति की जा रही थी।  उपरोक्त साक्ष्यों से यह स्पष्ट था कि खरीदी का निर्णय अभियुक्तों की एकतरफा कार्रवाई नहीं थी, बल्कि यह एक सामूहिक निर्णय था।

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