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जबरन वसूली में शामिल माथाडियों की खैर नहीं, उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने कड़ी कार्रवाई की दी चेतावनी

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महाराष्ट्र में  अब नकली मथाडियों’ (सिर पर सामान ढोने वाले श्रमिक)  की खैर नहीं है। उप मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने बताया कि इनके द्वारा उत्पन्न समस्याओं के कारण कई उद्योग राज्य से बाहर चले गए हैं, इसलिए उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है।

महाराष्ट्र में अब नकली मथाडियों’ (सिर पर सामान ढोने वाले श्रमिक)  की खैर नहीं है। यहां उप मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने सोमवार को मथाडियों की पहचान करने के लिए एक संयुक्त और सामूहिक प्रयास का आह्वान किया। साथ ही ब्लैकमेल और जबरन वसूली में शामिल होने और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है।

वाशी में मथाडी नेता स्वर्गीय अन्नादसाहेब पाटिल की जयंती के अवसर पर आयोजित एक रैली में फड़नवीस ने कहा कि राज्य सरकार मथाडी पर कोई अधिनियम नहीं थोपना चाहती थी। वह सिर्फ उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए मौजूदा अधिनियम में संशोधन कर रही थी, जो 50 अधिक वर्षों पुराना है।

कार्रवाई करने के दिए निर्देश 
उन्होंने बताया कि नकली और “जबरन वसूली करने वाले” मठाडियों द्वारा उत्पन्न समस्याओं के कारण कई उद्योग राज्य से बाहर चले गए हैं। इसके साथ ही फड़णवीस ने नवी मुंबई पुलिस को फर्जी ‘मठाडियों’ के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया, जो समझौतों में 25 प्रतिशत की कटौती करते हैं।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि मथाडी, हमाल और अन्य मैनुअल श्रमिक अधिनियम में संशोधन करते समय हम यह सुनिश्चित करेंगे कि अन्नासाहेब पाटिल द्वारा परिकल्पित अधिनियम की आत्मा बरकरार रहे।

मराठा समुदाय को आगे लाने की है जरूरत
फड़णवीस ने आगे कहा कि मराठा समुदाय को आगे लाने की जरूरत है और उनका विकास सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि अन्नाशेब पाटिल आर्थिक महामंडल के माध्यम से मराठा समुदाय से 70 हजार से अधिक उद्योगपति बनाए गए हैं और उन्हें 5,000 करोड़ रुपये का मुफ्त ऋण दिया गया है। सरकार ने इसके लिए प्रति वर्ष 507 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।

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