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घटने के बावजूद खुदरा महंगाई आरबीआई के दायरे से बाहर, रेपो दर के फिर यथावत रहने का अनुमान

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आईडीएफसी बैंक के अर्थशास्त्री गौरा सेन गुप्ता ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने संकेत दिया है कि वह खाद्य महंगाई में होने वाली वृद्धि पर जोर देगा क्योंकि आने वाले समय में इसमें नरमी की उम्मीद है।

retail inflation is out of scope of RBI repo rate is expected to remain the same again
खुदरा महंगाई अगस्त, 2023 में घटने के बावजूद केंद्रीय बैंक के संतोषजनक दायरे से बाहर है। विशेषज्ञों का दावा है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित (सीपीआई) महंगाई में इस गिरावट के बावजूद आरबीआई मौद्रिक नीति समिति की आगामी बैठक में भी 2023-24 के लिए रेपो दर में बदलाव नहीं करेगा।

आईडीएफसी बैंक के अर्थशास्त्री गौरा सेन गुप्ता ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने संकेत दिया है कि वह खाद्य महंगाई में होने वाली वृद्धि पर जोर देगा क्योंकि आने वाले समय में इसमें नरमी की उम्मीद है। फिलहाल, सेवाओं और वस्तुओं की महंगाई में नरमी से मुख्य महंगाई अच्छी स्थिति में बनी हुई है। इसलिए, पूरे वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान प्रमुख नीतिगत दर के यथावत रहने की ही उम्मीद है।

सितंबर में राहत की उम्मीद
इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि सब्जियों और अन्य खाद्य उत्पादों के दाम धीरे-धीरे घट रहे हैं। सितंबर में खुदरा महंगाई के मोर्च पर राहत मिलने की उम्मीद है। इस दौरान सीपीआई महंगाई 5.3 से 5.5 फीसदी के बीच रह सकती है। राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय के आंकड़ों के मुताबिक, खुदरा महंगाई राजस्थान, हरियाणा, ओडिशा, झारखंड और कर्नाटक में सर्वाधिक रही। उत्तराखंड में खुदरा महंगाई 7.84 फीसदी, पंजाब में 7.34 फीसदी व यूपी में 7.20 फीसदी रही।

बुनियादी ढांचे में सबसे ज्यादा बढ़त
देश के औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) में जुलाई में 5.7 फीसदी की वृद्धि में सबसे अधिक योगदान बुनियादी ढांचा क्षेत्र का रहा। इस दौरान बुनियादी ढांचा क्षेत्र में उत्पादन की वृद्धि दर सबसे ज्यादा 11.4 फीसदी रही। पूंजीगत वस्तुओं में 4.6 फीसदी की वृद्धि हुई। एक साल पहले की समान अवधि में इसमें 5.1 फीसदी वृद्धि हुई थी। हालांकि, टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं के उत्पादन में 2.7 फीसदी की गिरावट आई। एक साल पहले की समान अवधि में इसमें 2.3 फीसदी वृद्धि हुई थी।

चार साल में मिलीं 5.2 करोड़ औपचारिक नौकरियां, एसबीआई इकोरैप रिपोर्ट में दावा

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India Created 5.2 Crore Payrolls In Last four Years SBI Ecowrap Report based on EPFO, NPS Data Business news

पिछले चार साल में 5.2 करोड़ औपचारिक नौकरियां पैदा हुई हैं। इनमें से 47 फीसदी लोगों को पहली बार नौकरी मिली थी। पिछले चार साल के ईपीएफओ पेरोल डाटा के विश्लेषण के अनुसार, वित्त वर्ष 2020 से वित्त वर्ष 2023 तक कुल नए ईपीएफ सदस्यों की संख्या 4.86 करोड़ थी। इसी अवधि में नई पेंशन सिस्टम (एनपीएस) में 31 लाख नए सदस्य जुड़े थे।

44 लाख शुद्ध नए ईपीएफ ग्राहक जुड़े
एसबीआई की इकोरैप रिपोर्ट के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ईपीएफओ पेरोल डाटा का रुझान काफी उत्साहजनक है। पहले ही 44 लाख नए सदस्य ईपीएफओ से जुड़ चुके हैं। इनमें 19.2 लाख पहली बार जुड़े हैं। यह रुझान पूरे वित्त वर्ष में रहता है तो 2023-24 में जुड़ने वाले नए सदस्यों की संख्या 1.60 करोड़ पार पहुंच जाएगी, जो अब तक सर्वाधिक होगा। इनमें पहली बार जुड़ने वाले 70-80 लाख होंगे।

कुल सदस्यों में महिलाओं का हिस्सा 27 फीसदी
रिपोर्ट के अनुसार, कुल सदस्यों में महिलाओं की हिस्सेदारी 27 फीसदी है। श्रम बल में महिलाओं की वृद्धि बढ़ाने के लिए रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत नियुक्त बैंक सखियों को बैंकिंग संवाददाता के रूप में नियुक्त करने पर विचार किया जा सकता है। वे नियमित बैंक संचालन से अच्छी तरह वाकिफ हैं।

पर्यावरण अनुकूल परिवहन व्यवस्था का विकास समय की मांग…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, पर्यावरण अनुकूल परिवहन व्यवस्था विकसित करना समय की मांग है। भारतीय वाहन उद्योग ‘अमृत काल’ के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए एक मार्ग प्रशस्त करे। प्रधानमंत्री ने मंगलवार को सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के सालाना सम्मेलन में अपने संदेश में कहा, देश की वृद्धि में वाहन उद्योग की बड़ी भूमिका है। आज आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिहाज से देश में परिवहन के विभिन्न साधन महत्वपूर्ण हैं। करोड़ों लोग जैसे-जैसे गरीबी से बाहर निकलकर नव-मध्यम वर्ग में आते हैं, वहां सामाजिक और आर्थिक गतिशीलता आती है। जैसे ही वे अपनी आकांक्षाओं के जरिये देश की वृद्धि को आगे बढ़ाते हैं, हमें दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनने की शक्ति देते हैं। इससे ही भारत 10वीं से 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। जल्द ही हम शीर्ष-3 में पहुंचने के लिए तैयार हैं। इस दौरान उन्होंने कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए एथनॉल व हाइड्रोजन जैसे वैकल्पिक प्रौद्योगिकी अपनाने पर जोर दिया। पीएम का संबोधन सियाम के अध्यक्ष विनोद अग्रवाल ने पढ़ा।

बाजार आठवें सत्र में भी बढ़ा पर, 5.6 लाख करोड़ घटी पूंजी
घरेलू शेयर बाजार में मंगलवार को लगातार 8वें कारोबारी सत्र में तेजी देखने को मिली। लेकिन, निवेशकों को करीब 5.6 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में सेंसेक्स 94.05 अंक चढ़कर 67,221.13 पर बंद हुआ। दिन में यह 412.02 अंक उछल गया था। हालांकि, निफ्टी 3.15 अंक गिरकर 19,993.20 पर बंद हुआ। दिन में यह 20,110.35 के सार्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था। तेजी के बावजूद निवेशकों की पूंजी 5.59 लाख करोड़ घटकर 318.66 लाख करोड़ रह गई।

सख्त उत्सर्जन मानकों से घट सकती है डीजल वाहनों की बिक्री
मारुति सुजुकी इंडिया और ह्यूंडई मोटर इंडिया ने मंगलवार को कहा कि सख्त उत्सर्जन नियमों से खरीद लागत बढ़ने के साथ कुल यात्री वाहनों में डीजल वाहनों का हिस्सा घट सकता है। वाहन कंपनियों ने कहा, डीजल वाले यात्री वाहनों की बिक्री पहले से ही घट रही है। 2013-14 में यात्री वाहनों में डीजल चालित वाहनों का हिस्सा 53.2% था। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-अगस्त में यह 18.2% रह गया।

एनटीपीसी ने 2.908.9 करोड़ का दिया लाभांश
एनटीपीसी ने मंगलवार को 2022-23 के लिए 2,908.99 करोड़ रुपये के अंतिम लाभांश के भुगतान की घोषणा की। यह रकम एनटीपीसी लि. की चुकता इक्विटी शेयर पूंजी का 30 फीसदी है। कंपनी ने लगातार 30वें साल लाभांश दिया है।

अपोलो फॉर्मेसी और मामाअर्थ के बीच करार
अपोलो फॉर्मेसी ने मामाअर्थ ब्रांड की होनासा कंज्यूमर से करार किया है। उसने अपने उत्पादों की खुदरा बिक्री अपोलो के 5,000 स्टोर से शुरू की है। होनासा के सीईओ वरुण अलघ ने कहा, करार से प्राकृतिक उत्पादों की पहुंच सुलभ होगी।

नाबार्ड और यूएनडीपी के बीच समझौता
यूएनडीपी व नाबार्ड ने छोटे किसानों को समर्थन देने के लिए कृषि और खाद्य प्रणालियों में डाटा-संचालित नवाचारों के निर्माण के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते से छोटे किसानों की आजीविका में सुधार में मदद मिलेगी।

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