शिवकुमार ने कहा कि तमिलनाडु ने 12,500 क्यूसेक पानी की मांग की है। जबकि, सीडब्ल्यूआरसी ने 5000 क्यूसेक पानी की मांग की है। लेकिन हमारे पास पानी ही नहीं है। हम इस मसले पर दिल्ली के अपने कानूनी विशेषज्ञों के साथ चर्चा करेंगे।
कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच कावेरी जल विवाद वर्षों पुराना है। इसे लेकर दोनों राज्यों में लंबे समय से खींचतान जारी है। कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि वह पड़ोसी राज्य तमिलनाडु को कावेरी नदी का पानी देने में असमर्थ है। शिवकुमार ने बताया कि बेसिन क्षेत्र में पर्याप्त बारिश की कमी के कारण कर्नाटक के पास पर्याप्त जल भंडारण नहीं है।
सीडब्ल्यूआरसी ने की है सिफारिश
शिवकुमार ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं स्पष्ट कर रहा हूं कि हमारे पास पानी नहीं है। मामला अब उच्च समिति (सीडब्ल्यूएमए) के समक्ष पेश किया जाएगा। मैंने आज सुबह ही मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से इस पर चर्चा की है और अपने अधिकारियों से कहा है कि हम पानी नहीं छोड़ सकते। दरअसल, कावेरी जल विनिमयन समिति (सीडब्ल्यूआरसी) ने सिफारिश की थी कि कर्नाटक अगले 15 दिनों के लिए तमिलनाडु को रोजाना पांच हजार क्यूसेक पानी छोड़ेगा।
शिवकुमार ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं स्पष्ट कर रहा हूं कि हमारे पास पानी नहीं है। मामला अब उच्च समिति (सीडब्ल्यूएमए) के समक्ष पेश किया जाएगा। मैंने आज सुबह ही मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से इस पर चर्चा की है और अपने अधिकारियों से कहा है कि हम पानी नहीं छोड़ सकते। दरअसल, कावेरी जल विनिमयन समिति (सीडब्ल्यूआरसी) ने सिफारिश की थी कि कर्नाटक अगले 15 दिनों के लिए तमिलनाडु को रोजाना पांच हजार क्यूसेक पानी छोड़ेगा।
पीने के पानी के लिए भी कमी
शिवकुमार ने कहा कि तमिलनाडु ने 12,500 क्यूसेक पानी की मांग की है। जबकि, सीडब्ल्यूआरसी ने 5000 क्यूसेक पानी की मांग की है। लेकिन हमारे पास पानी ही नहीं है। हम इस मसले पर दिल्ली के अपने कानूनी विशेषज्ञों के साथ चर्चा करेंगे। हमें खुद के पीने के लिए भी पानी बचाना है। अभी किसानों को तो जोड़ा ही नहीं है, हमारी पहली प्राथमिकता पीने का पानी है। तमिलनाडु को पानी देना हमारे लिए असंभव है।
शिवकुमार ने कहा कि तमिलनाडु ने 12,500 क्यूसेक पानी की मांग की है। जबकि, सीडब्ल्यूआरसी ने 5000 क्यूसेक पानी की मांग की है। लेकिन हमारे पास पानी ही नहीं है। हम इस मसले पर दिल्ली के अपने कानूनी विशेषज्ञों के साथ चर्चा करेंगे। हमें खुद के पीने के लिए भी पानी बचाना है। अभी किसानों को तो जोड़ा ही नहीं है, हमारी पहली प्राथमिकता पीने का पानी है। तमिलनाडु को पानी देना हमारे लिए असंभव है।
भाजपा ने दिया राज्य सरकार का साथ
कर्नाटक भाजपा भी जल विवाद पर कांग्रेस सरकार के साथ खड़ी है। भाजपा अध्यक्ष का कहना है कि तमिलनाडु को किसी भी कीमत पर पानी न छोड़ा जाए। भाजपा अध्यक्ष नलिन कुमार कतील ने कहा कि हम राज्य सरकार और मुख्यमंत्री से अनुरोध करते हैं कि हमारे यहां किसानों के लिए पानी ही नहीं है। सूखा है। पीने के पानी की भी कमी है। इसलिए किसी भी कीमत पर तमिलनाडु को पानी नहीं छोड़ा जाना चाहिए। राज्य के हितों की रक्षा करना सरकार का फर्ज है।
कर्नाटक भाजपा भी जल विवाद पर कांग्रेस सरकार के साथ खड़ी है। भाजपा अध्यक्ष का कहना है कि तमिलनाडु को किसी भी कीमत पर पानी न छोड़ा जाए। भाजपा अध्यक्ष नलिन कुमार कतील ने कहा कि हम राज्य सरकार और मुख्यमंत्री से अनुरोध करते हैं कि हमारे यहां किसानों के लिए पानी ही नहीं है। सूखा है। पीने के पानी की भी कमी है। इसलिए किसी भी कीमत पर तमिलनाडु को पानी नहीं छोड़ा जाना चाहिए। राज्य के हितों की रक्षा करना सरकार का फर्ज है।