संसद के मानसून सत्र का चौथा दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया। मंगलवार को लोकसभा और राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ। मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान को लेकर विपक्ष अपनी मांग पर अड़ा रहा। हालांकि, सरकार चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष की शर्तें उसे मंजूर नहीं हैं। इन्हीं सब पर पर अपनी आगे की रणनीति के लिए भाजपा ने संसदीय दल तो विपक्ष ने ‘इंडिया’ गठबंधन की बैठक बुलाई। इस बीत खबर आई कि विपक्ष सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगा। मंगलवार रात लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने इस पर मुहर लगा दी। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल बुधवार को सरकार के खिलाफ लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे।
वहीं, पूरे मानसून सत्र के लिए आप सांसद संजय सिंह के निलंबन और मणिपुर मुद्दे को लेकर राज्यसभा के विपक्षी सांसदों ने मंगलवार देर रात संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने मोमबत्ती जलाकर विरोध प्रदर्शन किया।
मांग पर अड़े रहेंगे विपक्षी दल
एक ओर संसद में भाजपा संसदीय दल की बैठक हुई। वहीं, सदन के पटल पर रणनीति पर चर्चा करने के लिए संसद में राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष कक्ष में समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों के नेताओं की भी बैठक हुई। इस दौरान विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस (I.N.D.I.A) ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने पर चर्चा की। समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों के नेताओं ने बैठक में फैसला लिया है कि वे दोनों सदनों में मणिपुर पर प्रधानमंत्री के बयान की मांग जारी रखेंगे।
सरकार और विपक्ष मढ़ रही एक दूसरे पर आरोप
गौरतलब है कि विपक्षी दल मणिपुर मुद्दे पर लंबी चर्चा की मांग कर रहे हैं। इसके लिए कई विपक्षी सांसदों ने स्थगन नोटिस दिया था। विपक्ष इस मुद्दे पर बिना किसी समय की पाबंदी के सभी दलों को बोलने की अनुमति के साथ बहस चाहता है। इसी को लेकर गुरुवार को मानसून सत्र शुरू होने के बाद से लगातार विपक्ष इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन कर रहा है। वहीं, दूसरी ओर सरकार ने विपक्ष पर इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर बहस से भागने का आरोप लगाया है और इसके प्रति उनकी गंभीरता पर सवाल उठाया है। विपक्ष ने भी सरकार पर पलटवार करते हुए बहस से भागने का इल्जाम लगाया है।