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अब कपड़ों के लिए भारत सरकार बनाएगी ‘इंडिया साइज’, अब तक यूके-अमेरिकी साइज में तैयार होते हैं कपड़े

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परियोजना के तहत भारत के विभिन्न हिस्सों से 25 हजार महिला व पुरुषों की शारीरिक बनावट का डाटा जुटाया जाएगा। 15 से 65 साल के इन लोगों के समस्त शरीर का त्रिआयामी स्कैन किया जाएगा। इसके आधार पर बनी नई नाप का प्रयोग भारतीय और विदेशी कंपनियां परिधान तैयार करते समय करेंगी।

Now Indian government will make India size for clothes before clothes made in UK-American size

कपड़े खरीदते समय हम भारतीयों को ब्रिटेन, अमेरिकी साइज में से चुनाव करना होता है। ये अमेरिका, यूरोप के नागरिकों की शारीरिक बनावट पर आधारित हैं, जो अक्सर भारतीयों पर फिट नहीं होते। इस मुश्किल को समझते हुए केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय इंडिया साइज बनवा रहा है। टेक्सटाइल सचिव रचना शाह ने मंगलवार को कारोबारी संगठन फिक्की के कार्यक्रम में बताया कि इंडिया साइज में कपड़ों की नाप और मानक आकार भारतीयों की शारीरिक बनावट के अनुसार होंगे, जो हमें बेहतर ढंग से फिट होंगेइस समय एक्स्ट्रा स्मॉल (एक्सएस), स्मॉल (एस), मीडियम (एम), लार्ज (एल), एक्स्ट्रा लार्ज (एक्सएल) और डबल एक्स्ट्रा लार्ज (डबल एक्सएल) नाप के कपड़े भारत में मिल रहे हैं। यह अमेरिका और ब्रिटेन में तय किए गए हैं। कंपनी भारतीय हो या विदेशी, भारत में इन्हीं नाप में कपड़े बेचती है, जबकि विदेशियों की ऊंचाई, वजन, शारीरिक बनावट हमसे अलग होती हैं। इसी वजह से अक्सर नाप की समस्या आती है। रचना शाह ने बताया, कपड़ा मंत्रालय ने इंडिया साइज परियोजना को अनुमति दी है।

25 हजार महिला-पुरुषों की शारीरिक बनावट से होंगे तैयार
परियोजना के तहत भारत के विभिन्न हिस्सों से 25 हजार महिला व पुरुषों की शारीरिक बनावट का डाटा जुटाया जाएगा। 15 से 65 साल के इन लोगों के समस्त शरीर का त्रिआयामी स्कैन किया जाएगा। इसके आधार पर बनी नई नाप का प्रयोग भारतीय और विदेशी कंपनियां परिधान तैयार करते समय करेंगी। केवल कपड़े ही नहीं, यह अध्ययन वाहन, फिटनेस व खेल, कला, कंप्यूटर गेमिंग और विमान निर्माण जैसे सेक्टर में भी भारतीयों की शारीरिक बनावट के अनुसार उत्पाद बनाने में मदद करेगा।

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