भारत की अध्यक्षता में चल रहे जी-20 शिखर सम्मेलन के समारोहों के तहत आयोजित होने वाली यह प्रदर्शनी सदस्य देशों के नोटों पर केंद्रित है। यह एक विशेष अवसर होगा, जब यूनेस्को विश्व धरोहर सम्मेलन के 50वें वर्ष का उत्सव मना रहा है।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र 30 जून से नौ जुलाई तक प्रदर्शनी का आयोजन कर रहा है, जिसमें यूनेस्को की सूची में शामिल विश्व धरोहर स्थलों के चित्रण वाले नोटों को अनूठे तरीके से प्रदर्शित किया जाएगा। इस अनूठी प्रदर्शनी की क्यूरेटर रुक्मिणी दहानुकर हैं। 30 जून को प्रदर्शनी का उद्घाटन होगा। जी-20 देशों के उच्चायुक्त और राजदूत इसमें शामिल होंगे।
भारत की अध्यक्षता में चल रहे जी-20 शिखर सम्मेलन के समारोहों के तहत आयोजित होने वाली यह प्रदर्शनी सदस्य देशों के नोटों पर केंद्रित है। यह एक विशेष अवसर होगा, जब यूनेस्को विश्व धरोहर सम्मेलन के 50वें वर्ष का उत्सव मना रहा है, वहीं भारत की स्वतंत्रता के भी 75 वर्ष पूरे हुए हैं और पूरा भारत अमृतकाल का जश्न मना रहा है।
मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इसकी जानकारी देते हुए आईजीएनसीए के सांस्कृतिक अभिलेखागार में पुरा लेखपाल प्रो. कुमार संजय झा ने कहा कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र अपनी तरह की पहली प्रदर्शनी बैंकिंग ऑन वर्ल्ड हेरिटेज पेश करने जा रहा है। इससे पहले कभी भी दुनियाभर के यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों को प्रदर्शित करने वाले नोटों को इतने अनोखे तरीके से प्रस्तुत और स्मरण नहीं किया गया। रुक्मिणी दहानुकर ने कहा कि यह प्रदर्शनी मिलेनियल पीढ़ी (1980 और 90 के दशक में जन्मे लोग) और युवाओं को नोटों के माध्यम से उनकी संस्कृति और विरासत के बारे में शिक्षित करेगी। हमारे देश के बैंक नोटों में देश की 17 भाषाएं हैं, जो विविधता में एकता को दर्शाती हैं। यह प्रदर्शनी नोटों के माध्यम से मानवता और संस्कृति के संबंध को भी प्रदर्शित करेगी।
बैंक नोट विशेषज्ञ पैनल चर्चा में हिस्सा लेंगे
प्रदर्शनी के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए एक पैनल चर्चा का भी आयोजन होगा। पैनल चर्चा में भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण लिमिटेड के पूर्व प्रबंध निदेशक सुधाकर कजार, एनसीएईआर की प्रोफेसर पूनम महाजन, डेलारू इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के कंट्री डायरेक्टर आशीष चंद्रा, विद्वान आनंद कोठारी और प्रदर्शनी की क्यूरेटर रुकमिणी दहानुकर शामिल होंगी। रुक्मिणी की संस्था ‘मनी टॉक्स’ दुनियाभर के बैंक नोट, कला और डिजाइन पर निरंतर शोध कर रही है।