अरब सागर में 10 दिनों तक छाए रहने के बाद चक्रवात ‘बिपरजॉय’ ने गुजरात के कच्छ जिले में जखाऊ बंदरगाह से टकरा गया। चक्रवात के कारण कच्छ और सौराष्ट्र तटों के आसपास तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हुई। पल-पल की अपडेट्स के लिए जुड़े रहिए अमर उजाला डॉट कॉम के साथ…
पाकिस्तान में नहीं हुआ ज्यादा नुकसान
चक्रवात बिपारजॉय के प्रकोप से पाकिस्तान काफी हद तक बच गया। सिंध प्रांत के अधिकारियों को तटीय क्षेत्रों में लगाए गए आपातकालीन उपायों को हटाने के लिए प्रेरित किया। जलवायु परिवर्तन मंत्री शेरी रहमान ने कहा कि शुक्र है, हम चक्रवात के विनाश से सुरक्षित हैं। लेकिन लोगों को सुजावल वापस भेजने में हमें कुछ समय लग सकता है।
चक्रवात बिपारजॉय के प्रकोप से पाकिस्तान काफी हद तक बच गया। सिंध प्रांत के अधिकारियों को तटीय क्षेत्रों में लगाए गए आपातकालीन उपायों को हटाने के लिए प्रेरित किया। जलवायु परिवर्तन मंत्री शेरी रहमान ने कहा कि शुक्र है, हम चक्रवात के विनाश से सुरक्षित हैं। लेकिन लोगों को सुजावल वापस भेजने में हमें कुछ समय लग सकता है।
गिर वन और कच्छ जिले में 200 से ज्यादा टीमों की हुई थी तैनाती
गुजरात सरकार ने चक्रवात बिपरजॉय के दस्तक देने के दौरान एशियाई शेरों और अन्य वन्यजीवों से संबंधित आपात स्थितियों से निपटने के लिए गिर वन और कच्छ जिले में 200 से अधिक टीमों को तैनात किया था। एक अधिकारूी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एक टीम ने गुरुवार शाम चक्रवात के दस्तक देने के दौरान गिर पूर्व संभाग के जसाधार रेंज में एक खुले कुएं में गिरे शेर के दो शावकों को बचाया।एक सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि राज्य वन विभाग द्वारा गठित 210 टीमों में से 184 को गिर वन और आसपास के क्षेत्रों में तैनात किया गया था, जिसमें जूनागढ़ वन्यजीव और क्षेत्रीय सर्कल के नौ डिवीजन शामिल थे।
गुजरात सरकार ने चक्रवात बिपरजॉय के दस्तक देने के दौरान एशियाई शेरों और अन्य वन्यजीवों से संबंधित आपात स्थितियों से निपटने के लिए गिर वन और कच्छ जिले में 200 से अधिक टीमों को तैनात किया था। एक अधिकारूी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एक टीम ने गुरुवार शाम चक्रवात के दस्तक देने के दौरान गिर पूर्व संभाग के जसाधार रेंज में एक खुले कुएं में गिरे शेर के दो शावकों को बचाया।एक सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि राज्य वन विभाग द्वारा गठित 210 टीमों में से 184 को गिर वन और आसपास के क्षेत्रों में तैनात किया गया था, जिसमें जूनागढ़ वन्यजीव और क्षेत्रीय सर्कल के नौ डिवीजन शामिल थे।