पश्चिम बंगाल में वाम दलों के साथ गठबंधन से नाराज पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने जहां कांग्रेस को अपने गृहराज्य में एक भी सीट नहीं देने का संकेत दिए हैं।
बिहार में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक से पूर्व जहां इसकी अगुवाई कर रहे जदयू को हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने झटका दिया है, वहीं अब क्षत्रपों ने कांग्रेस को आंख दिखाना शुरू कर दिया है। पश्चिम बंगाल में वाम दलों के साथ गठबंधन से नाराज पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने जहां कांग्रेस को अपने गृहराज्य में एक भी सीट नहीं देने का संकेत दिए हैं।
बंगाल में कांग्रेस को नहीं मिलेगा समर्थन- ममता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को साफ कर दिया कि तृणमूल कांग्रेस राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस का समर्थन करेगी लेकिन बंगाल में पार्टी कांग्रेस का समर्थन नहीं करेगी। ममता ने कांग्रेस, माकपा और भाजपा पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि बंगाल में ये सभी मिले हैं।
कांग्रेस तृणमूल पर करती है हमला
ममता बनर्जी ने पंचायत चुनाव में कांग्रेस के वाम दलों से गठबंधन का हवाला देते हुए नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि राज्य में तृणमूल कांग्रेस की प्रतिद्वंद्वी से हाथ मिलाने के बाद कांग्रेस हमारी पार्टी से सहयोग की उम्मीद नहीं रखे। ममता ने कहा कि कांग्रेस संसद में हमारा सहयोग चाहती है और पार्टी राज्य में हम पर हमला करती है।
पवार और नीतीश भी बना रहे हैं दबाव
दूसरे क्षेत्रीय दलों की तरह एनसीपी प्रमुख शरद पवार और नीतीश कुमार भी कांग्रेस पर दबाव बना रहे हैं। दोनों चाहते हैं कि कांग्रेस विपक्ष का नेतृत्व करने की दावेदारी छोड़े, वह उन्हीं 244 सीटों पर चुनाव लड़े, जहां पिछले चुनाव में पार्टी पहले और दूसरे स्थान पर रही थी। कांग्रेस चाहती है दिल बड़ा करें क्षत्रप : कांग्रेस नीतीश-पवार के एक सीट एक उम्मीदवार के फार्मूले पर सैद्धांतिक तौर पर राजी है। हालांकि पार्टी चाहती है कि क्षेत्रीय दल पश्चिम बंगाल, बिहार और यूपी में उसके लिए दिल बड़ा करे।
दिल्ली-पंजाब में कांग्रेस ने खोया जनता का विश्वास
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि हम कांग्रेस का मध्यप्रदेश और राजस्थान में सहयोग कर सकते हैं, बशर्ते वह दिल्ली और पंजाब में चुनाव नहीं लड़े। भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली में कांग्रेस खाता नहीं खोल पाई, जबकि पंजाब में उसकी उपस्थिति नाम मात्र है। कांग्रेस ने इन दोनों राज्यों में लोगों का विश्वास खो दिया है, उसे आप से राजस्थान और मध्यप्रदेश में सहयोग चाहिए तो इन्हें इन दो राज्यों में चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा करनी चाहिए।