अवधेश राय हत्याकांड में माफिया मुख्तार अंसारी को सजा के एलान के बाद हनी ने विशेष बात की और कहा कि जब पिता की हत्या हुई थी, तब साढ़े चार साल की थी। मुझे नहीं पता था कि हुआ क्या है? चाची और परिवार के अन्य लोगों को रोते देखा तब भी समझ नहीं आया। करीब दो घंटे बाद पापा की मौत के बारे में मुझे बताया गया। यह कहते हुए वह फफक पड़ीं।
पिता के हत्यारे को सजा मिलने के बाद कलेजे को ठंडक मिली है। अभी कुछ आरोपियों को सजा नहीं मिली है। उन्हें सजा दिलाने तक हमारी लड़ाई जारी रहेगी। ये कहना है कि दिवंगत अवधेश राय की बेटी अविशांतिका व उर्फ हनी राय का। उन्होंने मुख्तार अंसारी को उम्रकैद की सजा दिए जाने के फैसले का स्वागत किया।
सजा के एलान के बाद हनी ने विशेष बात की और कहा कि जब पिता की हत्या हुई थी, तब साढ़े चार साल की थी। मुझे नहीं पता था कि हुआ क्या है? चाची और परिवार के अन्य लोगों को रोते देखा तब भी समझ नहीं आया। करीब दो घंटे बाद पापा की मौत के बारे में मुझे बताया गया। यह कहते हुए वह फफक पड़ीं।
सजा के एलान के बाद हनी ने विशेष बात की और कहा कि जब पिता की हत्या हुई थी, तब साढ़े चार साल की थी। मुझे नहीं पता था कि हुआ क्या है? चाची और परिवार के अन्य लोगों को रोते देखा तब भी समझ नहीं आया। करीब दो घंटे बाद पापा की मौत के बारे में मुझे बताया गया। यह कहते हुए वह फफक पड़ीं।
आंखों में आंसू लिए कहा कि न्याय मिलने में देरी हुई, लेकिन अदालत पर पूरा भरोसा था। बाकी आरोपियों को भी उनके अंजाम तक पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि चाचा अजय राय ने उन्हें कभी पिता की कमी खलने नहीं दी।
चाचा ने पिता जी से किया वादा भी निभाया और मुझे कभी एहसास भी होने नहीं दिया कि पापा नहीं हैं। चाचा ने सदैव मुझे और सभी बच्चों को इस माहौल से दूर रखा। हनी वर्तमान में प्रयागराज के निजी विश्वविद्यालस से पीएचडी कर रही हैं।
उस दिन को याद कर आज भी रोती हूं, कुत्ते को भी मार दिया था
हनी कहती हैं कि तीन अगस्त 1991 मेरे परिवार के लिए काला दिन रहा। उस दिन दोपहर में घर के पालतू कुत्ते राजा को भी गोली मारी गई थी। मुझे पता चला तो मैं छत पर गई। बाहर भीड़ देखकर वापस नीचे आ गई। गेट के नीचे जाली से देखा तो सड़क पर अफरा-तफरी थी। ज्यादा याद तो नहीं, लेकिन सड़क पर खून फैला था।
हनी कहती हैं कि तीन अगस्त 1991 मेरे परिवार के लिए काला दिन रहा। उस दिन दोपहर में घर के पालतू कुत्ते राजा को भी गोली मारी गई थी। मुझे पता चला तो मैं छत पर गई। बाहर भीड़ देखकर वापस नीचे आ गई। गेट के नीचे जाली से देखा तो सड़क पर अफरा-तफरी थी। ज्यादा याद तो नहीं, लेकिन सड़क पर खून फैला था।
हर कोई डरा हुआ था। किसी ने कुछ नहीं बताया। अचानक से रात में पापा के आने की खबर मिली। दरवाजे पर दौड़कर गई तो पता चला कि पापा मुझे हमेशा के लिए छोड़कर चले गए। चाचा, चाची व अन्य सभी का रो रहे थे। मेरी मां का निधन 1990 में ब्रेन स्ट्रोक के कारण पहले ही हो चुका था। मेरी शादी को सात साल हो गए हैं। एक बेटा भी है।
फैसले के एक दिन पूर्व ही जुटने लगे रिश्तेदार
फैसले के एक दिन पहले रविवार से ही घर में रिश्तेदार आने लगे थे। सभी को पूरा भरोसा था कि अगली सुबह आने वाला फैसला उनके पक्ष में होगा और दुर्दांत अपराधी मुख्तार अंसारी को सजा होगी। फैसला आने के बाद घर में खुशी का माहौल है। सबने महादेव का जयकारा लगाया। लेकिन, सबकी आंखें एक बार फिर उस भयानक मंजर को याद कर नम हो गईं।
फैसले के एक दिन पहले रविवार से ही घर में रिश्तेदार आने लगे थे। सभी को पूरा भरोसा था कि अगली सुबह आने वाला फैसला उनके पक्ष में होगा और दुर्दांत अपराधी मुख्तार अंसारी को सजा होगी। फैसला आने के बाद घर में खुशी का माहौल है। सबने महादेव का जयकारा लगाया। लेकिन, सबकी आंखें एक बार फिर उस भयानक मंजर को याद कर नम हो गईं।
चार साल के कनिष्क ने नाना को दी श्रद्धांजलि
फैसला आने के बाद प्रदेश कांग्रेस के प्रांतीय अध्यक्ष अजय राय ने चेतगंज स्थित अपने आवास पर बड़े भाई अवधेश राय को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान हनी के बेटे कनिष्क ने भी फूल व माला अर्पित कर अपने नाना को श्रद्धांजलि दी।
फैसला आने के बाद प्रदेश कांग्रेस के प्रांतीय अध्यक्ष अजय राय ने चेतगंज स्थित अपने आवास पर बड़े भाई अवधेश राय को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान हनी के बेटे कनिष्क ने भी फूल व माला अर्पित कर अपने नाना को श्रद्धांजलि दी।
अवधेश राय हत्याकांड में मुख्तार अंसारी को उम्रकैद
आपको बता दें कि विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए कोर्ट) अवनीश गौतम की अदालत ने सोमवार को करीब 32 वर्ष पुराने अवधेश राय हत्याकांड के मामले में माफिया मुख्तार अंसारी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने उस पर 1.20 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना अदा न करने पर मुख्तार को छह महीने की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।
आपको बता दें कि विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए कोर्ट) अवनीश गौतम की अदालत ने सोमवार को करीब 32 वर्ष पुराने अवधेश राय हत्याकांड के मामले में माफिया मुख्तार अंसारी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने उस पर 1.20 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना अदा न करने पर मुख्तार को छह महीने की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।
मुख्तार ने अब तक जेल में जो समय बिताया है, वह आजीवन कारावास की सजा में समायोजित हो जाएगी। अदालत ने बांदा के जेल अधीक्षक को निर्देशित किया और कहा कि अवधेश राय की हत्या से जुड़े मामले में अभियुक्त मुख्तार अंसारी जमानत पर है। उसकी जमानत निरस्त की जाती है। उसे तत्काल न्यायिक अभिरक्षा में लिया जाए।
इस फैसले के साथ ही तय हो गया कि अब माफिया मुख्तार अंसारी को ताउम्र जेल में ही रहना होगा। इससे पहले दिल्ली, लखनऊ और गाजीपुर की अदालतें भी मुख्तार अंसारी को सजा सुना चुकी हैं। जानकारी मुताबिक, तीन अगस्त 1991 को चेतगंज थाने से लगभग सौ मीटर की दूरी पर स्थित घर के दरवाजे पर ही अंधाधुंध गोलियां बरसाकर अवधेश राय की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी।
बदमाश बिना नंबर प्लेट की सफेद रंग की मारुति वैन से आए थे। परिजन अवधेश को लेकर अस्पताल गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था। इस मामले में अवधेश राय के छोटे भाई अजय राय की तहरीर के आधार पर चेतगंज थाने की पुलिस ने मुख्तार अंसारी, भीम सिंह, राकेश न्यायिक, कमलेश सिंह और पूर्व विधायक अब्दुल कलाम के अलावा एक अज्ञात के खिलाफ हत्या और बलवा सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज किया था।