राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट अंडर ग्रेजुएट) के दौरान कई परीक्षा केंद्रों पर बेटियों को शर्मसार होना पड़ा है।
NEET UG 2023 के दौरान कई परीक्षा केंद्रों पर बेटियों को शर्मसार होना पड़ा है। रविवार, सात मई को स्नातक स्तरीय चिकित्सा शिक्षा पाठ्यक्रमों में दाखिले को लेकर आयोजित राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट अंडर ग्रेजुएट) में करीब 21 लाख परीक्षार्थी शामिल हुए थे। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से नीट परीक्षा 499 से अधिक शहरों में आयोजित की गई थी।
इनमें से कई परीक्षा केंद्रों पर प्रवेश जांच प्रक्रिया के दौरान छात्राओं को अंडर गार्मेंट यानी इनरवियर उतारने को कहा गया। इस कारण अधिकतर परीक्षा केंद्रों पर लड़कियों को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। क्योंकि कई केंद्रों पर तो उनके कपड़े बदलने के लिए चेंजिंग रूम तक की व्यवस्था नहीं थी।
महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु आदि राज्यों से ऐसे कई मामले सामने आए हैं। महाराष्ट्र के संगली स्थित कस्तूरबाई वालचंद कॉलेज में परीक्षा देने गई एक छात्रा ने आपबीती जाहिर की। छात्रा ने बताया कि वहां छात्राओं को इनवियर उतारने को कहा गया था और वहां कपड़े बदलने के लिए कोई निर्धारित स्थल जैसे चेंजिंग रूम भी नहीं था।
मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि पश्चिम बंगाल में एक और घटना की सूचना मिली थी जहां कुछ लड़कियों को कपड़े बदलने के लिए कहा गया था। आसपास के क्षेत्र में कपड़े बदलने का स्थान नहीं होने से कुछ लड़कियों को दीवारों की आड़ में कपड़े बदलने पड़े। कुछ ने आरोप लगाया कि उन्हें कपड़े उतारने को कहा गया और उनके अंडरवियर की जांच की गई।
मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि पश्चिम बंगाल में एक और घटना की सूचना मिली थी जहां कुछ लड़कियों को कपड़े बदलने के लिए कहा गया था। आसपास के क्षेत्र में कपड़े बदलने का स्थान नहीं होने से कुछ लड़कियों को दीवारों की आड़ में कपड़े बदलने पड़े। कुछ ने आरोप लगाया कि उन्हें कपड़े उतारने को कहा गया और उनके अंडरवियर की जांच की गई।
हालांकि, नीट परीक्षा आयोजित करने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) शिकायतें मिलने के बाद मामले की जांच कर रही है। अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। वहीं, कुछ मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि कॉलेज के अधिकारियों ने उम्मीदवारों से कहा कि वे राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी द्वारा अनिवार्य ड्रेस कोड का पालन नहीं कर रहे थे, यही वजह है कि उन्हें आखिरी समय में कपड़े बदलने पड़े।