कस्टडी रिमांड के दौरान सौलत ने बेहद अहम खुलासे किए। बताया कि उमेश की हत्या से पहले असद ने उसे एक आईफोन दिया था। इसी फोन के फेसटाइम एप के जरिए वह अतीक, अशरफ, असद, शाइस्ता व गैंग के अन्य सहयोगियों से बात करता था।
उमेश पाल की हत्या के दिन कचहरी से निकलने पर उसकी लोकेशन शूटरों तक पहुंचाने वालों में अतीक का करीबी खान सौलत हनीफ भी शामिल था। उसने अपने फोन से अतीक व असद को जानकारी दी थी कि उमेश अब अपनी गाड़ी से कचहरी से निकल गया है। इस बात का खुलासा खुद सौलत ने पुलिस की पूछताछ में किया
सूत्रों के मुताबिक, कस्टडी रिमांड के दौरान सौलत ने बेहद अहम खुलासे किए। बताया कि उमेश की हत्या से पहले असद ने उसे एक आईफोन दिया था। इसी फोन के फेसटाइम एप के जरिए वह अतीक, अशरफ, असद, शाइस्ता व गैंग के अन्य सहयोगियों से बात करता था।
यही नहीं 24 फरवरी को उसने इसी फोन से उमेश के कचहरी से निकलने की सूचना अतीक व असद को दी थी। तीन मई को कस्टडी रिमांड के दौरान सौलत की निशानदेही पर उसके घर से इसी आईफोन को बरामद किया गया था। साथ ही उसके दो अन्य फोन भी मिले थे।
विजय ने इंटरनेट कॉल से दी थी सूचना
सूत्रों के मुताबिक, पुलिस के सामने सौलत ने अपने इकबालिया बयान में विजय मिश्रा का भी नाम लिया है। कहा है कि 24 फरवरी को विजय मिश्रा ने भी मेरे सामने अशरफ व असद को उमेश पाल के कचहरी से निकलने के बारे में अपने मोबाइल से नेट कॉल से सूचना दी थी। हालांकि फिलहाल उसके बयान से यह स्पष्ट नहीं है कि यह विजय मिश्रा कौन है।