जिले की आठ नगर पंचायतों में छह पर भाजपा-सपा के बीच मुख्य मुकाबले के आसार हैं। लेकिन चार सीटें ऐसी हैं, जहां निर्दलीय दूसरे या तीसरे स्थान पर पीछा करते दिख रहे हैं। इनमें भी दो सीटें ऐसी हैं जहां राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों को निर्दल सीधी टक्कर दे रहे हैं।
जिले की आठ नगर पंचायतों में छह पर भाजपा-सपा के बीच मुख्य मुकाबले के आसार हैं। लेकिन चार सीटें ऐसी हैं, जहां निर्दलीय दूसरे या तीसरे स्थान पर पीछा करते दिख रहे हैं। इनमें भी दो सीटें ऐसी हैं जहां राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों को निर्दल सीधी टक्कर दे रहे हैं। नगर पंचायतों में इस बार भी विकास के मुद्दे गौड़ रहे हैं, ज्यादातर सीटों पर जातिवाद हावी रहा है। जिले की आठों नगर पंचायतों में मुकाबले की तस्वीर पेश करती रिपोर्ट।
फूलपुर में बसपा को मिला मुस्लिमों का साथ तो सपा से आगे होगी भाजपा
नगर पंचायत में जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा, यह तस्वीर तो 13 मई को ही साफ हो सकेगी, लेकिन प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं। हालांकि यहां सपा, भाजपा के जीत की गणित को बसपा ने उलझा दिया है। अगर मुस्लिमों ने बसपा का दामन थामा तो सपा से आगे भाजपा निकल सकती है। इस बार फूलपुर के मतदाताओं ने प्रत्याशियों को खूब छकाया है। यही वजह है कि अभी तक यहां जीत की स्थिति कुछ साफ नजर नहीं आ पा रही है।
फूलपुर नगर पंचायत अध्यक्ष की लड़ाई हमेशा से ही भाजपा और सपा के बीच केंद्रित रही, लेकिन इस बार बसपा से मुस्लिम प्रत्याशी होने की वजह से सपा की राह कठिन हो सकती है। भाजपा इस बात से खुश होगी कि मुस्लिम मतों का विभाजन हुआ तो नगर पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी उसके पाले में होगी। इस बार के चुनाव के शुरुआती दिनों में मुद्दे तो हावी रहे, लेकिन मतदान के आखिरी क्षणों में यहां चुनाव बिरादरीवाद में ही सिमट कर रह गया।
पिछले चुनाव की अपेेक्षा इस बार मतदान फीसदी भी काफी कम रहा है। इसे लेकर भी सभी पार्टियों के प्रत्याशियों की चिंता बढ़ी है। दिन भर प्रत्याशी जहां अपनी जीत हासिल करने की गुणा गणित करते रहे, वहीं जगह-जगह कस्बे के मोहल्लों में मतदाता और चुनावी गणितज्ञ भी अपने-अपने मत देते हुए प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करते रहे।
समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार काजमीन जहां ने फूलपुर नगर पंचायत की समस्याओं के समाधान एवं स्टेडियम, लाईब्रेरी, सार्वजनिक पार्क, कम्युनिटी हाल के निर्माण, सीवर लाइन जैसे विकास कार्यों को जमीन पर उतारने के साथ ही हिंदू-मुस्लिमों के बीच की खाई को दूर करते हुए प्रदेश में एक मिसाल कायम करने को चुनावी मुद्दा बनाया। वहीं भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी अमरनाथ यादव और बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी इलियास अहमद ने भी विकास के साथ ही फूलपुर के कायाकल्प को अपना-अपना चुनावी मुद्दा बनाया है। अब देखना यह है कि जीत का सेहरा किस पार्टी के प्रत्याशी के सिर बंधता है।
शंकरगढ़ में त्रिकोणीय मुकाबला
नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर किसी पार्टी प्रत्याशी को सेहरा बंधेगा यह तो 13 मई को तय होगा, लेकिन मतदान के बाद जीत हार को लेकर गली चौराहे, चाय पान की दुकानों पर कयास लगाने का दौर शुरू हो गया है। समर्थक अपने प्रत्याशी के जीत का दावा कर रहे हैं। चर्चाओं पर गौर किया जाए जो इस बाद अध्यक्ष पद पर मुकाबला त्रिकोणीय दिख रहा है। सीट अनुसूचित महिला आरक्षित होने के बाद से ही सत्ताधारी दल में टिकट को लेकर काफी उठापटक थी।
टिकट की घोषणा के साथ अंदरूनी कलह भी सामने आई थी। सत्ता पक्ष की अंदरूनी कलह को देखकर लोग यह कयास लगा रहे कि इसका पूरा फायदा निर्दलीय को मिल सकता है। विपक्षी सपा भी चुनाव को पूरे दमखम के साथ लड़ी और इसे लेकर पार्टी समर्थक जीत का दावा कर रहे हैं। नगर पंचायत के कुल 15122 मतदाताओं में 8,446 (55.85%) मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है।
वार्ड की बात करें तो वार्ड नंबर एक चिकान टोला में 669, वार्ड नंबर दो चमरौटी टोला में 622, वार्ड नंबर तीन गुड़िया तालाब में 625, वार्ड नंबर चार लाला का पुरवा में 625, वार्ड नं पांच मोटियान टोला में 660, वार्ड नंबर छह धर्म नगर में 600, वार्ड नंबर सात मोदीनगर में 830, वार्ड नं आठ पटेल नगर में 710, वार्ड नं नौ राजा कोठी मोहल्ले में 812, वार्ड नं दस हज्जी टोला में 720, वार्ड नं ग्यारह सदर बाजार में 908 तथा वार्ड नं बारह वाया सिंधी टोला में 665 मत पड़े है।
बीते नगर पंचायत के चुनाव के अपेक्षा यह मत प्रतिशत कम है। बीते चुनाव में मत प्रतिशत 59 फीसदी था। पिछले चुनाव में भाजपा ने पांच, सपा ने एक व निर्दलीय छह वार्डों में विजयी हुए थे। इस बार भाजपा से अंजू देवी, सपा से कंचन देवी व निर्दलीय में पार्वती देवी ही अध्यक्ष पद के मुकाबला करते हुए दिखाई पड़ रही है। आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी शिखा समद्दार के समर्थक भी जीता का दावा कर रहे हैं।
भारतगंज में निर्दलीय से भाजपा की सीधी टक्कर
भारतगंज नगर पंचायत में मतदान सकुशल पूर्ण होने के दूसरे दिन चाय- पान की दुकान सहित प्रत्याशियों के घर पर मतदाताओं व समर्थकों की भीड़ जुटी रही और उम्मीवारों के जीत-हार को लेकर अटकलों का बाजार गर्म रहा। जीत-हार का फैसला आगामी 13 मई को आना है, लेकिन समर्थक अपने प्रत्याशी के जीत का दावा ठोकते नहीं थक रहे। इतना ही नही समर्थक जीत-हार के दावे पर प्रश्निचह्न खड़ा करने वालों से शर्त भी लगा रहे हैं।
बृहस्पतिवार को कस्बे के चार मतदान केंद्र पर पहुंचे 10038 मतदाताओं ने मतदान किया। जबकि नगर पंचायत भारतगंज के मतदाता सूची में 17550 मतदाता दर्ज थे। चुनाव में भाग्य आजमा रहे अध्यक्ष पद के आठ व सभासद के 56 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला मतपेटी में बंद होकर स्ट्रांग रूम में जमा हो गया है। अध्यक्ष पद के आठ प्रत्याशी में पांच प्रत्याशी को ही मतदाताओं ने मतदान किया। जबकि अध्यक्ष पद के तीन प्रत्याशी सास-बहू व ननद-भाभी का संबंध निभाकर चुनाव मैदान से दूरी बना ली थी।
भारतगंज में मुस्लिम मतदाता की संख्या अधिक हैं। मुस्लिम में छीपा बिरादरी के करीब सात हजार मतदाता कस्बे में हैं। पूर्व चुनावी आंकड़ों के अनुसार छीपा बिरादरी का झुकाव जिस प्रत्याशी की तरफ रहा है, वह अध्यक्ष चुना जाता रहा है। इस चुनाव में छीपा बिरादरी के तीन प्रत्याशी चुनाव मैदान में कूद पड़े। जबकिए मतदान के एक दिन पहले तक छीपा बिरादरी के एक बड़े नेता द्वारा एक प्रत्याशी के पक्ष में मतदान कराने का प्रयास किया गया। बावजूद इसके मत विभाजित होने का अनुमान है।
हिंदू बाहुल्य वार्ड संख्या एक, दो, तीन, छह, आठ व दस में निर्दलीय प्रत्याशी फरा बेगम व भाजपा प्रत्याशी अनीता सोनी की सीधी लड़ाई का अनुमान है। मुस्लिम छीपा बिरादरी बाहुल्य वार्ड संख्या 09,11,12,13 में निर्दलीय प्रत्याशी सबकदुन, नूर बानो व फरा बेगम में लड़ाई रही। परबीन मुस्लिम बाहुल्य वार्ड सख्या चार, पांच, सात में निर्दलीय प्रत्याशी फरा बेगम व सबकदुन में सीधी टक्कर देखने को मिली। कस्बे में दो निर्दलीय प्रत्याशी के बीच सीधी टक्कर का कयास लागए जा रहे हैं। बहरहाल चुनाव का अंतिम फैसला 13 मई को होना है।
किस वार्ड में कितने पड़े मत
वार्ड संख्या एक अंबेडकर नगर में 575 मतदाताओं ने मतदान किया। इसी तरह वार्ड दो में 629, वार्ड तीन 616, वार्ड चार 709, वार्ड पांच 1182, वार्ड छह 642, वार्ड सात 1047, वार्ड आठ 523, वार्ड नौ 1075, वार्ड दस 894, वार्ड ग्यारह 845, वार्ड बारह 632, वार्ड तेरह में 669 मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया।
मऊआइमा में सपा-भाजपा में सीधी लड़ाई
जनपद की सबसे पुरानी नगर पंचायत मऊआइमा में बृहस्पतिवार को चुनाव के बाद सपा और भाजपा के बीच सीधी टक्कर के आसार हैं। हालांकि बसपा को भी मुकाबले में माना जा रहा है, लेकिन राजनीति के जानकार सपा और भाजपा के प्रत्याशी की ही जीत दांव लगा रहे हैं। हालांकि मतदान के बाद वोटरों ने चुप्पी साध ली है। नगर पंचायत मऊआइमा की स्वीकृति 1921 में मिली। नजरी नक्शा बनने के बाद 1939 में टाउन एरिया का कार्यालय खुला। मऊआइमा में प्रथम चेयरमैन बनने का सौभाग्य फैजउल्ला को मिला। अंग्रेजों के जमाने में हाथ उठाकर मतदान होता था।
मऊआइमा में अब तक कुल 13 चेयरमैन बन चुके हैं। यहां अब सभी अध्यक्ष मुस्लिम बिरादरी से ही रहे हैं। 2017 में चुनाव में नगर पंचायत अध्यक्ष पद की सीट महिला के लिए सुरक्षित थी। सपा से फात्मा अंजुम ने 4749 मत, बसपा की उजमा बानो को 1762, भाजपा की सावित्री देवी 509 तथा पूर्व चेयरमैन स्व. मोहम्मद नोमान की पत्नी शाकिरा खातून को निर्दलीय के रूप में 1221 मत हासिल हुए।
इस बार पिछड़ा वर्ग होने के कारण सपा से शोएब अंसारी, भाजपा से मोहम्मद आलम, बसपा के अय्यूब अंसारी तथा चार निर्दलीय चुनावी मैदान में हैं। ऐसे में प्रथम चरण में बृहस्पतिवार को मतदान के बाद से सपा के शोएब अंसारी, भाजपा के मोहम्मद आलम के बीच मुकाबला सीधा मुकाबला माना जा रहा है। बसपा के अय्यूब अंसारी और उनके समर्थक उनको जीता हुआ बता रहे हैं। नगर क्षेत्र में कुल 16,249 मतदाता हैं। 9235 मतदाताओं ने अपने मतों का प्रयोग किया है
सिरसा में भजपा-सपा के बीच कांटे की लड़ाई
सिरसा नगर पंचायत में बृहस्पतिवार को हुए मतदान में मतदाता बेहद खामोश रहे, लेकिन जो स्थिति दिखी उससे साफ है कि भाजपा और सपा प्रत्याशी के बीच में कड़ा मुकाबला है। एक-एक वोट के लिए प्रत्याशी एवं उनके समर्थक जूझते नजर आए। केसरवानी और स्वर्णकार मतदाताओं की सिरसा में चेयरमैन बनाने में अहम भूमिका होती है। इसलिए भाजपा प्रत्याशी लखन केशरी ने केसरवानी और स्वर्णकार मतदाताओं को साधने के लिए कई दफे बैठकें कीं, लेकिन इन मतदाताओं में सपा भी सेंध लगा गई।
ऐसे में पोलिंग बूथों पर वोटिंग से साफ है कि भाजपा और सपा प्रत्याशी में कड़ा मुकाबला है। वोटिंग प्रतिशत भी 63.91 फीसदी रहा। किसके सिर पर सेहरा सजेगा, यह कहना अभी जल्दबाजी होगी। मतदान के दौरान गुड़हट्टी, कपसहाई और महुआकोठी मोहल्ले में लखन केशरी के पक्ष में अच्छी खासी वोटिंग हुई है। इन मोहल्लों में सपा प्रत्याशी पप्पू यादव को काफी नुकसान पहुंचा है। वहीं मुंशी राम स्वरूप नगर, कृष्णानगर, पूराजगन्नाथ, हीराराम कटरा, बभनौटी मुहल्ला, बालमुकुंदनगर, कटरा अजीबबेग, रमकियान मुहल्ले में सपा प्रत्याशी पप्पू यादव ने वोट बटोरने में सफल हुए हैं
लालगोपालगंज : बसपा और निर्दलियों के बीच फंसी दो पूर्व अध्यक्षों की प्रतिष्ठा
स्थानीय नगर पंचायत में बसपा और तीन निर्दलीय प्रत्याशियों के बीच दो पूर्व अध्यक्षों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। चेयरमैन और सभासद पद के लिए संपन्न हो चुके चुनाव में जातीय समीकरण के साथ स्थानीय मुद्दे हावी नजर आए। उधर लोगों में जीत, हार की चर्चा चौक, चौराहे और होटलों पर चाय की चुस्कियों के साथ जारी है। नगर पंचायत लालगोपालगंज में बृहस्पतिवार को हुए निकाय चुनाव में कुल 29,669 मतदाताओं में 16,391 वोटरों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। चेयरमैन पद के चुनाव में भाजपा, बसपा और तीन निर्दलीय प्रत्याशियों के दरम्यान कांटे का मुकाबला है। जबकि समाजवादी पार्टी ने यहां अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था।
भाजपा से पूर्व चेयरमैन प्रदीप केसरवानी की पत्नी विमला देवी, बसपा से मिथिलेश देवी, कांग्रेस से हिना कौसर, निवर्तमान चेयरमैन मुख्तार अहमद की पत्नी पूर्व चेयरमैन जुलेखा, शबीना बानो और तलत जबीं निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में थीं। लोगों का कहना है कि मतदान के दौरान जातीय समीकरण के साथ विकास का मुद्दा प्रमुखता से हावी रहा। चार प्रमुख उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर होने से हार, जीत का अंतर बहुत कम होने का भी लोग अंदाजा लगा रहे हैं। उधर मतदान के बाद बाजार, चौक, चौराहे और होटलों पर चाय की चुस्कियों के साथ चुनावी नतीजों पर चर्चा और कयास का सिलसिला जारी है
कोरांव में त्रिकोणीय मुकाबला
नगर पंचायत कोरांव में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला है। यहां सत्ता पक्ष भाजपा, विपक्ष सपा के साथ निर्दरीय भी पूरे दमखम के साथ चुनाव मैदान में थे और सभी अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं। जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा यह तो 13 को तय होगा। बृहस्पतिवार को मतदान के बाद जीत हार को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं। लोग प्रत्याशियों के जीत का कयास लगाते हुए अपने अपने दावे करने में जुटे हुए हैं।
कोई भाजपा को तो कोई सपा का जीता रहा है। इनके बीच निर्दलीय प्रत्याशी की मजबूत उपस्थिति लोग मान रहे हैं। नगर पंचायत में कुल 12,605 मतदाताओं में 8,680 लोगों ने मतदान किया। यहां भाजपा से नरसिंह केसरी, निर्दलीय ओमप्रकाश केसरी व सपा की पूजा चतुर्वेदी के बीच रोचक मुकाबला देखने को मिल रहा है। सभी प्रत्याशी नगर पंचायत के विकास व वहां की मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था दुरुस्त करने के नाम पर चुनाव लड़ा है।
पिछली बार भाजपा प्रत्याशी निवर्तमान चेयरमैन नरसिंह केसरी को पिछले चुनाव में 3094 तथा सपा उम्मीदवार ओमप्रकाश केसरी की पत्नी स्व. सुषमा केसरी को 2582 मत मिले थे। वहीं निर्दलीय प्रत्याशी अवध नारायण तिवारी को 1600 मत मिले थे। जातीय समीकरण की बात करें तो नगर पंचायत में मुस्लिम 2500, वैश्य 2300, ब्राह्मण 1400 एवं कुशवाहा समाज का 1100, कुर्मी 1000 मत है। दलित वर्ग के लगभग 2500 मतदाता है। सभी समीकरणों को साधकर अपनी जीत हार के दांव पेश कर रहे है।
हंडिया में नगर पंचायत सपा -भाजपा में सीधी टक्कर के आसार
नगर पंचायत चुनाव के दौरान प्रत्याशी एवं नगर पंचायत के लोग जिन समस्याओं को गिनाते थे, वह मतदान के दिन दरकिनार हो गईं। मतदाता दलगत एवं जातिगत मठाधीशों से प्रभावित हो गए। समस्याओं के बजाय मतदान प्रक्रिया में व्यक्तिगत हित एवं जातीय समीकरण हावी रहा। हालांकि वोटिंग के बाद मतदाताओं ने भी चुप्पी साध ली है और समर्थक अपने-अपने प्रत्याशियों के जीतने की भविष्यवाणी कर रहे हैं। फिलहाल नगर पंचायत में भाजपा और सपा में कड़े मुकाबले के आसार हैं।
पंचायत के अध्यक्ष पद के चुनाव में भाजपा से जवाहर लाल जायसवाल, सपा से कुलसुम बीबी, कांग्रेस से धर्मेंद्र कुमार जायसवाल, बसपा से रुस्तम शाह, आप से हेमलता के अतिरिक्त तीन निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में रहे। 20,859 में से 60 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
गैर भाजपा प्रत्याशियों द्वारा नगर पंचायत क्षेत्र के वार्ड दो, सात और नौ में बारिश के दौरान जलभराव की समस्या को प्रमुखता से दूर करने, सीवर तथा कूड़ा निस्तारण की समुचित व्यवस्था का भरोसा दिया गया। भाजपा, सपा एवं बसपा में जातीय आधार पर जुड़े वोटों में ही मतदान के दौरान बिखराव देखने को मिला।