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माफिया अतीक को बड़े 006, अशरफ को छोटे 007 का दिया था कोडनेम, शाइस्ता चला रही थी वसूली गैंग

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उमेश पाल हत्याकांड से पहले अतीक, अशरफ समेत साजिश व हत्या में शामिल अन्य सभी को कोडनेम दिए गए थे। यह खुलासा खान सौलत हनीफ की निशानदेही पर बरामद उसके आईफोन से हुआ है। पता चला है कि अतीक को बड़े 006 और अशरफ को छोटे 007 कोडनेम दिया गया था।

माफिया अतीक के करीबी खान सौलतने कस्टडी रिमांड के दौरान बेहद चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। बताया कि उमेश की हत्या से पहले असद ने उसे एक आईफोन दिया था। इसी फोन के फेसटाइम एप के जरिए वह अतीक, अशरफ, असद, शाइस्ता व गैंग के अन्य सहयोगियों से बात करता था।

यही नहीं 24 फरवरी को उसने इसी फोन से उमेश के कचहरी से निकलने की सूचना अतीक व असद को दी थी। तीन मई को कस्टडी रिमांड के दौरान सौलत की निशानदेही पर उसके घर से इसी आईफोन को बरामद किया गया था। साथ ही उसके दो अन्य फोन भी मिले थे।

अतीक के राजदार खान सौलत ने यह भी खुलासा किया है कि शौहर व देवर के जेल जाने के बाद गैंग की कमान शाइस्ता ने संभाल ली थी। वह वसूली समेत तमाम धंधे संचालित कर रही थी। शाइस्ता के कहने पर ही उसने कई बार अलग-अलग जगहों पर रहने वाले लोगों से मोटी रकम लाकर उसे दी थी।

पिछले साल 17 जून को सुधांशु श्रीवास्तव से लेकर उसे 1.68 करोड़ रुपये दिए थे। इसके अलावा भी दिल्ली व अन्य शहरों में जाकर कारोबारियों व अन्य लोगों से रकम लेकर शाइस्ता तक पहुंचाए थे। सूत्रों का कहना है कि इस लेनदेन से संबंधित सबूत तब मिले, जब उसके मोबाइल की पड़ताल की गई। सौलत ने व्हाट्सएप पर इस लेनदेन से संबंधित चैट भी किए थे।

अतीक को बड़े 006, अशरफ को छोटे 007 का दिया था कोडनेम

उमेश पाल हत्याकांड से पहले अतीक, अशरफ समेत साजिश व हत्या में शामिल अन्य सभी को कोडनेम दिए गए थे। यह खुलासा खान सौलत हनीफ की निशानदेही पर बरामद उसके आईफोन से हुआ है। पता चला है कि अतीक को बड़े 006 और अशरफ को छोटे 007 कोडनेम दिया गया था। इन्हीं नामों से उनकी फेसटाइम आईडी बनाई गई थी। इसके अलावा सौलत का कोडनेम एडवो 10 रखा गया था।

उमेशपाल के हत्यारों को शरण देने में आतिन जफर गिरफ्तार
मुठभेड़ में ढेर अतीक के बेटे असद के दोस्त आतिन जफर को धूमनगंज पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उस पर इनामी शाइस्ता व साबिर को शरण देने का आरोप है। उसने असद का स्लेटी रंग का आईफोन भी बरामद कराया, जिसमें सिम भी लगा है।

आतिन को खुल्दाबाद स्थित उसके घर से पकड़ने का दावा किया गया है। सूत्रों के मुताबिक पूछताछ में उसने 16 अप्रैल को शाइस्ता व साबिर के खुल्दाबाद आने की बात स्वीकार की है। इतना ही नहीं , दो मई को भी दोबारा साबिर के अपने घर आने की बात उसने कबूली है। उसने असद का आईफोन भी बरामद कराया, जिसमें सिम लगा है। उसने बताया है कि उमेशपाल की हत्या के लिए जाने से पहले असद ने अपना आईफोन लखनऊ स्थित अपने फ्लैट में छोड़ दिया था। ऐसा करने के पीछे उसकी मंशा यह थी कि घटना वाले दिन उसकी लोकेशन लखनऊ में मिलने से पुलिस उस पर शक न करे। हालांकि सीसीटीवी फुटेज में नजर आने से उसकी प्लानिंग फेल हो गई। इसके अलावा आतिन के कब्जे से सिल्वर व गहरे नीले रंग के दो अन्य फोन भी बरामद किए गए हैं जो उसके खुद के हैं।
लखनऊ जेल में उमर के साथ बंद है पिता
आतिन उस जफर उल्लाह का बेटा है, जो अतीक के बड़े बेटे उमर के साथ लखनऊ जेल में बंद है। कारोबारी मोहित जायसवाल को अगवा कर देवरिया जेल में ले जाकर पिटाई करने के मामले में सीबीआई उसके खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। पिता के जेल जाने के बाद से ही आतिन प्रयागराज छोड़कर लखनऊ चला गया था। वहां वह अतीक के बेटे असद के साथ उसके महानगर स्थित यूनिवर्सल क्रिसेंट अपार्टमेंट के फ्लैट में रहता था।

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