प्रयागराज में तैनात खंड शिक्षा अधिकारी राजेश यादव ने बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रयागराज प्रवीण कुमार त्रिपाठी से अभद्रता कर दी। मामला गाली-गलौच तक पहुंच गया। इससे पहले दोनों के बीच हाथापाई होती अन्य कर्मियों ने पहुंचकर बीच बचाव कर दिया। मामला किसी तरह से शांत कराया। बीएसए ने इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से की है।
दफ्तर न आने का कारण पूछ तो भड़क गए एबीएसए
खंड शिक्षा अधिकारी राजेश यादव लंबे समय से अनुपस्थित चल रहे हैं। ऐसे में बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रयागराज प्रवीण कुमार तिवारी ने एबीएसए राजेश यादव को कार्यालय में आकर उपस्थिति दर्ज कराने का निर्देश दिया गया था। गुरुवार को राजेश यादव मम्फोर्डगंज स्थित बीएसए कार्यालय पहुंचे। बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी अपने कार्यालय में बैठे हुए थे। आरोप है कि बीएसए ने जब राजेश यादव से दफ्तर न आने का कारण पूछा तो उन्होंने अभद्रता शुरू कर दी। बीएसए ने संसदीय भाषा का इस्तेमाल करने को कहा तो वह और भड़क गए।
इस पर बीएसए ने कार्यालय के अन्य कर्मचारियों को भी बुला लिया और खंड शिक्षा अधिकारी को दफ्तर से जाने को कहा। आरोप है बावजूद इसके खंड शिक्षा अधिकारी राजेश यादव अभद्रता करते रहे। आरोप यह भी है कि राजेश यादव ने बीएसए से गाली-गलौज तक किया। इस पूरे प्रकरण की जानकारी बीएसए ने अपर शिक्षा निदेशक को दी है और कार्रवाई की संस्तुति की है। उधर, खंड शिक्षा अधिकारी राजेश यादव का कहना है कि मुझे हाईकोर्ट से स्टे मिला था। मैं उरुवा कार्यालय में बैठ रहा था । बीएसए ने 20 फरवरी को मुझे पत्र देकर बीएसए ऑफिस ‘बुलाया। इसी दौरान उन्होंने मेरे साथ अभद्रता शुरू कर दी। मेरे खिलाफ जो भी आरोप लगाए गए हैं वो गलत हैं।
राजेश का उरुआ से जालौन हुआ था ट्रांसफर
उप खंड शिक्षा अधिकारी राजेश यादव का पिछले दिनों जालौन ट्रांसफर किया गया था। अपर शिक्षा निदेशक बेसिक अनिल भूषण चतुर्वेदी ने 16 जुलाई 2022 को ट्रांसफर आर्डर निकाला था। इसमें कहा गया था कि राजेश यादव के बारे में शासन में विभिन्न स्रोतों से शिकायतें मिली हैं। जिस के क्रम में राजेश यादव को प्रशासनिक आधार पर स्थानांतरित करते हुए उन्हें उसी पद पर जालौन में उपस्थित रिक्त पद के प्रति पदस्थापित किया जाता है। अपर शिक्षा निदेशक बेसिक का आदेश मिलने के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रयागराज कुमार तिवारी राजेश यादव को 16 जुलाई 2022 को ही कार्यमुक्त कर दिया था। साथ ही यह भी कहा था कि 2 दिन के अंदर जालौन में कार्यभार ग्रहण कर लें।
इस ट्रांसफर आदेश को राजेश यादव ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चैलेंज किया था, जहां उन्हें हाई कोर्ट ने स्टे दे दिया था।