तुर्किये और सीरिया में भूकंप से हालात बदतर होते जा रहे हैं। अब तक कुल 8,364 लोगों की मौत हो चुकी है। घायलों की संख्या 25 हजार के करीब पहुंच गई है। दोनों देशों की मदद के लिए 70 से भी ज्यादा देश आगे आए हैं।
भूकंप का एपिसेंटर तुर्किये था। इसे देखते हुए एक्सपर्ट्स का कहना है कि यहां टैक्टोनिक प्लेट्स 10 फीट (3 मीटर) तक खिसक गईं। दरअसल, ये प्लेट्स हैं- एनाटोलियन टैक्टोनिक प्लेट, यूरोशियन और अरबियन प्लेट।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, एनाटोलियन टैक्टोनिक प्लेट और अरबियन प्लेट एक दूसरे से 225 किलोमीटर दूर खिसक गई हैं। इसके चलते तुर्किये अपनी भौगोलिक जगह से 10 फीट खिसक गया है। इटली के सीस्मोलॉजिस्ट डॉक्टर कार्लो डोग्लियोनी ने बताया कि टैक्टोनिक प्लेट्स में हुए इस बदलाव के चलते हो सकता है कि तुर्किये, सीरिया की तुलना में 5 से 6 मीटर (लगभग 20 फीट) और अंदर धस गया हो। उन्होंने कहा- हालांकि ये जानकारी शुरुआती डेटा से मिली है। आने वाले दिनों में सैटेलाइट इमेज से सटीक जानकारी मिल सकेगी।
भूकंप के बड़े अपडेट्स…
- वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन का कहना है कि मौत का आंकड़ा 20 हजार के पार जा सकता है।
- तुर्किये में 5,894 लोगों की जान जा चुकी है और 34 हजार 810 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है।
- सीरिया में 2,470 लोग मारे गए और 3,849 से ज्यादा जख्मी हैं। इस तरह मरने वालों की संख्या बढ़कर 7,926 हो गई है।
- तुर्किये में 8 हजार लोगों को बचा लिया गया है। रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए 24 हजार से ज्यादा बचावकर्मी तैनात किए हैं। यहां लगभग 3 लाख 80 हजार लोगों ने सरकारी शेल्टर और होटलों में शरण ली है।
2 फुटेज में समझिए, वहां के हालात…
6 फरवरी को आए थे 3 बड़े भूकंप
- तुर्किये और सीरिया में 6 फरवरी को सुबह 3 बड़े भूकंप आए थे। तुर्किये के वक्त के मुताबिक, पहला भूकंप सुबह करीब चार बजे (7.8), दूसरा करीब 10 बजे (7.6) और तीसरा दोपहर 3 बजे (6.0) आया।
- इसके अलावा 243 आफ्टर शॉक्स भी दर्ज किए गए। इनकी तीव्रता 4 से 5 रही। तुर्किये में 7 फरवरी सुबह 8.53 पर फिर भूकंप आया। इसके बाद दोपहर 12.41 बजे 5.4 तीव्रता का भूकंप आया।
तस्वीरों में देखें भूकंप के बाद के हाल…
कड़ाके की ठंड ने परेशानी बढ़ाई
तुर्किये के कई शहरों में तापमान 9 से माइनस 2 डिग्री सेलसियस पहुंच गया है। हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसी स्थिति में लोगों को हाइपोथर्मिया होना का खतरा है। हाइपोथर्मिया में शरीर में हीट प्रोड्यूस नहीं हो पाती है जिससे बॉडी टेम्परेचर तेजी से कम होने लगता है।
UN ने कहा है कि बर्फबारी और बारिश के कारण भूकंप से प्रभावित दोनों ही देशों में बचाव कार्य प्रभावित हो रहा है। इमरजेंसी सर्विसेज की टीमों को रेस्क्यू में काफी दिक्कत हो रही है।
तुर्किये और सीरिया के लिए दुनियाभर के देशों ने मदद भेजी
देश का नाम | तुर्किये और सीरिया के लिए मदद |
साउथ कोरिया | 5 मिलियन की मदद देने की घोषणा की है। |
चीन | 6 मिलियन की मदद देन की घोषणा की है। |
ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड | 11 मिलियन की मदद देने की घोषणा की है। |
भारत | इंडियन एयरफोर्स का C-17 विमान 2 NDRF टीमों, डॉक्टरों और राहत सामग्री के साथ भेजा। |
अमेरिका | 79 लोगों की दो सर्च ऑपरेशन टीम, 100 फायर फाइटर्स और इंजीनियर भेजें। |
यूरोपियन यूनियन | सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन टीम भेजी |
रूस | बचाव कार्य के लिए 300 सैनिक और हेलीकोप्टर्स |
इजराइल | बचाव कार्य के लिए 150 इंजीनियर, मेडिकल स्टाफ |
ब्रिटेन | 76 रेस्क्यू स्पेशलिस्ट की टीम |
पाकिस्तान | सर्च रेस्क्यू टीम और 25 टन की राहत सामग्री भेजी। |
इनके अलावा चेक रिपब्लिक, फ्रांस, माल्ता, नीदरलैंड, पोलैंड, अल्जेरिया, इटली, मोल्दोवा, अल्बानिया, उज्बेकिस्तान, हंगरी, जर्मनी, सर्बिया, स्लोवाकिया, आर्मेनिया और कतर ने भी तुर्किये और सीरिया में मदद भेजने का ऐलान किया है।
2017 में आया था क्रॉस-बॉर्डर भूकंप
2017 में ईरान-इराक में क्रॉस-बॉर्डर भूकंप आया था। इराक के कुर्दिश शहर हलाबजा से इरान के कर्मानशाह प्रांत में झटके महसूस किए गए थे। इसमें 630 लोगों की मौत हुई थी। 8 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
दुनिया में हर साल 20 हजार भूकंप आते हैं
हर साल दुनिया में कई भूकंप आते हैं, लेकिन इनकी तीव्रता कम होती है। नेशनल अर्थक्वेक इन्फॉर्मेशन सेंटर हर साल करीब 20 हजार भूकंप रिकॉर्ड करता है। इसमें से 100 भूकंप ऐसे होते हैं जिनसे नुकसान ज्यादा होता है। यह कुछ सेकेंड तक रहता है। अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा देर तक रहने वाला भूकंप 2004 में हिंद महासागर में आया था। यह भूकंप 10 मिनट तक रहा था।
1. मैप और तस्वीरों में देखें- भूकंप से पहले खड़ी थीं चमचमाती इमारतें, बाद में तबाही ही तबाही
तुर्किये और सीरिया में भूकंप से अब तक 5000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। तुर्किये के अधिकारी युनुस सेजर ने बताया कि भूकंप के तीन झटकों के बाद 243 आफ्टरशॉक भी आए थे।
2. तुर्किये-सीरिया त्रासदी की 6 दर्दनाक कहानियां:मलबे के नीचे बेटे को जन्म देकर मां ने दम तोड़ा
तुर्कीये और सीरिया में सोमवार को आए तीन बड़े भूकंप से अब तक 7 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) का कहना है कि मरने वालों का आंकड़ा 20 हजार तक पहुंच सकता है। UNICEF के मुताबिक, त्रासदी में हजारों बच्चों की जान जाने की आशंका है। इस बीच सोशल मीडिया पर कई दर्दनाक कहानियां वायरल हो रही हैं। इनमें कुछ जुड़ीं हैं।
3. नवंबर में आया था 6.1 तीव्रता का भूकंप, चश्मदीद बोला- ऐसा लग रहा था बिल्डिंग गिर जाएगी
नवंबर में तुर्किये में 6.1 तीव्रता का भूकंप आया था। इसके झटके इतने तेज थे कि राजधानी अंकारा, इस्तांबुल और आस-पास के इलाकों में महसूस किए गए थे। हेल्थ मिनिस्टर फहार्टिन कोका ने कहा- 22 लोग घायल हुए। ये लोग भूकंप के डर से एक ऊंची इमारत से कूद गए थे।
तुर्किये के लाखों लोगों को सोमवार सुबह 7.8 तीव्रता के भयंकर भूकंप ने झकझोर दिया। अब तक 912 लोगों की जान जा चुकी है। तुर्किये के बाहर सीरिया, लेबनान और इजराइल तक की धरती हिल गई। भास्कर एक्सप्लेनर में बताएंगे कि तुर्किये में क्यों आते हैं इतने भूकंप और इस बार का भूकंप 1939 के बाद सबसे खतरनाक क्यों है?
4. भूकंप से तुर्किये की इकोनॉमी को भी झटका: करेंसी लीरा में रिकॉर्ड गिरावट, महंगाई से घर का किराया 19,700 से 1,31,000 रु. पहुंचा
तुर्किये इस वक्त आर्थिक संकट से गुजर रहा है। देश की करेंसी लीरा लगातार कमजोर हो रही है और महंगाई दर 57% के करीब है। कॉस्ट ऑफ लिविंग के बढ़ने से जनता परेशान है। वहीं तुर्किये और सीरिया में सोमवार सुबह आए 7.7 तीव्रता के भूकंप ने परेशानी को और ज्यादा बढ़ा दिया है। इस भूकंप से अब तक 4000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।