ताइवान ने चीन की घुसपैठ और युद्ध की तैयारियों को भांपते हुए अपनी तैयारी तेज कर दी है। इसके लिए ताइवान महिलाओं को रिजर्व फोर्स में शामिल कर पुरुषों की तरह मिलिट्री ट्रेनिंग देने जा रहा है। जो महिलाएं रिजर्व फोर्स में शामिल होना चाहती हैं, वो स्वेच्छा से ट्रेनिंग के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकती हैं।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि वह इस साल की दूसरी तिमाही से 220 महिला सैनिकों को ट्रेनिंग देगा। ताइवान के रक्षा मंत्रालय की ऑल-आउट डिफेंस मोबिलाइजेशन एजेंसी के मेजर जनरल यू वेन-चेंग कह चुके हैं कि इस साल यह योजना परीक्षण के तौर पर होगी। अभी तक हमारे पास सिर्फ पुरुष उम्मीदवारों को ही मिलिट्री ट्रेनिंग देने की क्षमता है, जबकि महिलाओं के लिए ऐसी व्यवस्था नहीं है।
चीनी एयरक्राफ्ट की बढ़ती घुसपैठ के बीच फैसला लिया
इस बयान पर सांसदों ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि महिलाओं को रिजर्व ट्रेनिंग से बाहर करना लैंगिक भेदभाव है। दरअसल, ताइवान की हवाई सीमा में चीन आए दिन लड़ाकू विमानों से घुसपैठ कर रहा है। चीन ने हाल में ही ताइवान के बिलकुल नजदीक बड़ा नौसैनिक अभ्यास किया है। अंदेशा है कि इस ट्रेनिंग की आड़ में चीन युद्ध की तैयारी कर रहा है।
हर साल 1.2 लाख रिजर्व सैनिकों को प्रशिक्षण मिलता है
ताइवान में 18 से 36 वर्ष की उम्र के पुरुषों को अनिवार्य सैन्य सेवा की अवधि को पूरा करना होता है। छुट्टी मिलने के बाद, रिजर्व पुरुष सैनिकों को 8 साल में 4 मौकों पर प्रशिक्षण के लिए दोबारा बुलाया जाता है। ताइवान लगभग 1.2 लाख रिजर्व सैनिकों को सालाना प्रशिक्षण भी देता है।
पुरुषों की अनिवार्य सैन्य सेवा बढ़ाएगी ताइवान सरकार
ताइवान 2024 से पुरुषों के लिए अनिवार्य सैन्य सेवा की अवधि को 4 माह से बढ़ाकर एक साल कर देगा। यह फैसला 2005 के बाद पैदा हुए पुरुषों पर लागू होगा। ताइवान में लगभग 1.7 लाख जवानों का सैन्य बल है, जो ज्यादातर वॉलियंटर्स को मिलाकर बना है।