वाराणसी में गंगा के पूर्वी तट पर रेत पर तंबुओं का शहर बस रहा है। इस टेंट सिटी के जरिए टूरिस्ट काशी को नए ढंग से एक्सप्लोर करेंगे। वहीं, प्रदेश सरकार की मंशा है कि टूरिस्ट काशी की धार्मिक और आध्यात्मिकता को भी आत्मसात करें। टूरिस्ट के लिए यहां सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ ही मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाने का अवसर भी मिलेगा।
इसके लिए सुरक्षा के विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं। तंबुओं के शहर के साथ फ्लोटिंग बाथ जेटी बनाई जा रही है। ताकि, टूरिस्ट गंगा में सुरक्षित तरीके से आस्था की डुबकी लगा सकें। 15 जनवरी से शुरू हो रही टेंट सिटी में वह सभी सुविधाएं होंगी जो एक लग्जिरियस होटल में होती है।
मकर संक्रांति पर होगी शुरुआत
वाराणसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक गोयल ने बताया कि मकर संक्रांति से टेंट सिटी शुरू करना प्रस्तावित है। इसके लिए दो कार्यदायी संस्थाएं तेजी से काम रही हैं। टेंट सिटी में टूरिस्ट की सुरक्षा, सुविधा और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाएगा। पर्यटन की नई पहचान बन रही टेंट सिटी में फ्लोटिंग जेटी पर बाथ कुंड बनाया रहा है।
टेंट सिटी के एक क्लस्टर का निर्माण करा रही लल्लूजी एंड संस के ओनर हिमांशु अग्रवाल ने बताया कि तीर्थाटन करने वाले और अन्य टूरिस्ट गंगा में स्नान करना चाहते हैं। इसलिए उनको सुरक्षित डुबकी लगाने के लिए फ्लोटिंग बाथ कुंड बनाया जा रहा है। इसमें एक साथ 20 से 25 लोग स्नान कर सकते हैं। दो क्लस्टर में निर्माण करा रही टेंट सिटी प्रावेग कम्युनिकेशंस (इंडिया) लिमिटेड की एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर प्रोलिना बराड़ा ने बताया की 20×20 फीट का फ्लोटिंग बाथ कुंड बनाया जा रहा है, जो हर उम्र के लोगों को देखते हुए पूरी तरह सुरक्षित होगा।
जेटी में आधुनिक सुविधाएं
काशी में मां गंगा में स्नान और बाबा विश्वनाथ का दर्शन सदियों से सनातनी परंपरा रही है। इसीलिए कहा गया है चना चबैना गंग जल जो पुरवै करतार, काशी कबहुं न छोड़िये विश्वनाथ दरबार…। अविरल व निर्मल मां गंगा का काशी में विशेष माहात्म्य है। टेंट सिटी बसा रही दोनों ही कंपनियों ने अपने अपने-अपने पैकेज में काशी की धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों से रबरु करने के साथ ही बनारसी खानपान भी परोसने की तैयारी की है। इसके साथ ही टेंट सिटी में स्पा, गेमिंग जोन, योगा और हॉर्स राइडिंग जैसी कई परंपरागत सुविधाएं आधुनिकता के साथ मिलेंगी।