राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जन्मभूमि और बिहार केसरी डॉ. श्रीकृष्ण सिंह की कर्मभूमि बेगूसराय में स्थित पावन गंगा तट सिमरिया अब नए रूप में दिखेगा। अध्यात्म और मोक्ष के लिए मिथिला से मगध तक प्रसिद्ध रहा सिमरिया अब पर्यटकों को भी अपनी ओर आकर्षित करेगा। इसके लिए एक ओर केंद्र सरकार के नमामि गंगे से प्रोजेक्ट की शुरुआत हो रही है, केंद्र सरकार का रेलवे एवं सड़क परिवहन मंत्रालय बहुआयामी प्रोजेक्ट चला रही है तो दूसरी ओर बिहार सरकार की भी नजर इस पर गई है। केंद्र सरकार के नमामि गंगे योजना में सहायता करते हुए पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड के सीएसआर फंड से जहां सिमरिया गंगा घाट पर सीढ़ी नुमा दिनकर स्नान घाट और उसके बगल में सभी सुविधाओं के साथ श्मशान घाट बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
सिक्स लेन पुल के 150 मीटर पूर्व दिशा में 63 मीटर लंबा और 25 मीटर चौड़ा दिनकर स्नान घाट, स्नान घाट से 50 मीटर पूर्व श्मशान घाट बनेगा। मुख्य स्नानागार के पास छह दुकानें बनाई जाएगी, मुख्य घाट पर एक शौचालय सह चेंजिंग रूम तथा स्नान घाट और श्मशान घाट के पास एक-एक हाई मास्ट लाइट लगेगा, मुख्य घाट से श्मशान घाट तक साढ़े चार मीटर का एप्रोच रोड बनेगा। अभी पर्याप्त रोशनी, स्नान घाट, शमशान घाट नहीं रहने के कारण लोगों को काफी असुविधा होती है। लेकिन जब श्मशान घाट रोशनी के साथ बेहतर बन जाएगा तो रात में भी लोग धड़ल्ले से अंतिम संस्कार करने आएंगे।
दूसरी ओर नवनिर्मित सिक्स लेन सड़क पुल से लेकर नवनिर्मित रेलवे पुल तक नीचे में बिहार सरकार विभिन्न योजनाओं से सीढ़ीनुमा घाट, पार्क, धर्मशाला, शौचालय, आरती मंडप आदि का निर्माण करेगी। यह तो हुई सिमरिया गंगा घाट की व्यवस्था, इसके अलावा सिमरिया पुल निर्माण कार्य से अब तक अपेक्षित रहे राजेंद्र पुल के विकास पर भी केंद्र सरकार की नजर गई है। राजेन्द्र पुल रेलवे स्टेशन को ऐसा आकर्षक स्वरूप दिया जा रहा है, जिसे देख पुल से गुजरने वाले देश के तमाम लोगों को एयरपोर्ट जैसी सुविधा का एहसास होगा। सिमरिया गंगा तट स्थित दानापुर रेल मंडल राजेन्द्र पुल स्टेशन टर्मिनल स्टेशन की तरह आधुनिक सुविधाओं से भी लैस होगा।
जिस गति से कार्य चल रहा है, उसमें कोई बाधा नहीं आई तो 2023 के अंत तक यह निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा। राजेन्द्र पुल स्टेशन पर पिछले छह माह से निर्माण कार्य युद्धस्तर पर किया जा रहा है। स्टेशन पर पांच रेल ट्रैक एवं छह सौ मीटर लंबा तीन प्लेटफार्म निर्माण के साथ-साथ दो फुट ओवर ब्रिज (एफओबी) बन रहा है। एक सौ मीटर लंबा और नौ मीटर चौड़ा दो मंजिला स्टेशन भवन का निर्माण किया जा रहा है। स्टेशन परिसर में स्टॉल, फूड प्लाजा, कॉम्प्लेक्स, दुकानें, एटीएम, शेड, प्रकाश की व्यवस्था, दिव्यांगों की सुविधा एवं यात्रियों को सामान ले जाने के लिए रैम्प एवं पार्किंग आदि का भी निर्माण होगा।
स्टेशन के एक नंबर रेल ट्रैक को पश्चिम दिशा में शिफ्ट कर स्टेशन भवन को और अधिक चौड़ा बनाया जा रहा है। स्टेशन पर यात्री सुविधाएं बढ़ जाने से जिले वासियों के अलावे देश-विदेश के लोगों को भी फायदा होगा। आदि कुंभस्थली सिमरिया गंगा तट पर पड़ोसी देश नेपाल से भी हजारों श्रद्धालु गंगा स्नान समेत अन्य धार्मिक कार्यक्रमों के लिए पहुंचते हैं। लेकिन अभी ना तो सभी ट्रेनों का यह ठहरा है और ना ही स्टेशन पर श्रद्धालुओं के लिए कोई सुविधा जिसके कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। आधुनिक तरीके से सभी सुविधाओं का कार्य होने से लोगों को सहूलियत होगी। दो-दो रेल पुल का जुड़ाव हो जाने से यहां अधिक ट्रेनों का ठहराव संभव है। गंगा नदी के ऊपर तीन-तीन पुल और नीचे विकसित घाट लोगों के आकर्षण का केंद्र बनेगा, पर्यटकों की संख्या काफी बढ़ जाएगी।
स्टेशन का निर्माण हो जाने से एनटीपीसी एवं हर्ल खाद कारखाना के अधिकारियों और कर्मचारियों को आवागमन में सुविधा होगी तो इससे रेल के राजस्व में वृद्धि होगी। राजेन्द्र पुल स्टेशन बेगूसराय और बरौनी जंक्शन की तरह गुलजार होगा तो मिथिला के अंतिम सीमा एवं सिमरिया गंगा तट किनारे रहने से स्टेशन का महत्व और अधिक बढ़ जाएगा। राजेन्द्र पुल स्टेशन के सामने ही एनएच-31 फोरलेन पर गोलंबर का निर्माण हो रहा है। यहीं पर हाथीदह-बरौनी जीरोमाइल एनएच-31, फोरलेन के अलावे नवनिर्मित सिक्सलेन सड़क पुल के एप्रोच पथ का भी ज्वाइंट होगा।