हरियाणा गठन के बाद पहली बार सरकारी विभागों का बड़े स्तर पर मर्जर हुआ है। 19 विभाग मर्ज कर आठ बना दिए गए हैं। इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग को खत्म करने पर सहमति बनी है। आपूर्ति एवं निपटान विभाग को वित्त महकमे और अग्निशमन सेवाएं एवं सुरक्षा को शहरी स्थानीय निकाय से राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग में शिफ्ट किया जाएगा। एक विभाग से जुड़ा एजेंडा पास नहीं हो पाया। मर्जर के बाद बने नए विभागों के हिसाब से ही जल्दी मंत्रियों के पोर्टफोलियो में बड़ा बदलाव होगा।
यह दिसंबर के महीने या जनवरी में संभव है। विभागों के मर्जर को अंतिम मंजूरी हरियाणा मंत्रिमंडल देगा। गुरुवार को होने वाली बैठक में भी इसका प्रस्ताव लाया जा सकता है। बीते 21 नवंबर को मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में विभागों के मर्जर को लेकर उच्च स्तरीय बैठक हुई थी, जिसमें मुख्य सचिव संजीव कौशल, मुख्यमंत्री के विशेष प्रधान सचिव डीएस ढेसी, सीएम के प्रधान सचिव वी. उमाशंकर और मानव संसाधन विभाग के विशेष सचिव अदित्य दहिया के अलावा प्रशासनिक सचिव ने विचार-विमर्श के बाद एजेंडा पर मुहर लगाई।
सरकार ने यह निर्णय सरकारी विभागों की कार्यकुशलता और बढ़ाने के लिए लिया है। मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद सरकार इन्हें सांविधानिक दर्जा देने के लिए विधानसभा में संशोधन विधेयक भी लाएगी। चूंकि, हरियाणा सरकार के विभिन्न आवंटन नियमों में बदलाव होना है। मर्ज हुए विभागों का मंत्री और प्रशासनिक सचिव एक ही होगा। निदेशालय पहले की तरह काम करते रहेंगे, कर्मचारियों का कैडर भी मर्ज नहीं होगा।
कौन से विभाग को मर्जर के बाद मिला नया नाम
- नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा व बिजली ऊर्जा
- एससी-बीसी कल्याण व सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता सामाजिक न्याय अधिकारिता, अंत्योदय व एससी-बीसी कल्याण
- उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा व विज्ञान एवं प्रौद्यिोगिकी उच्चतर शिक्षा
- पर्यटन, पुरातत्व, संग्राहलय व अभिलेखागार धरोहर और पर्यटन
- सूचना, जनसंपर्क व भाषा, कला एवं संस्कृति नया नाम तय नहीं
- कौशल विकास व औद्योगिक प्रशिक्षण, रोजगार, युवा मामले युवा सशक्तिकरण, उद्यमिता
- निगरानी व समन्वय, प्रशासनिक सुधार सामान्य प्रशासन विभाग
- राजस्व एवं आपदा प्रबंधन व चकबंदी राजस्व एवं आपदा प्रबंधन
इलेक्ट्रॉनिक व सूचना एवं औद्योगीकरण विभाग खत्म होने के बाद सूचना और प्रौद्योगिकी का काम उद्योग विभाग देखेगा। ई-गवर्नेंस, आईटी प्राजेक्ट क्रिड के अंतर्गत आएंगे। हारट्रोन पहले की तरह काम करेगा लेकिन उद्योग विभाग के अधीन आएगा।
- वित्त विभाग : मुख्यमंत्री
- कौशल विकास, औद्योगिक प्रशिक्षण : मूलचंद शर्मा
- युवा मामले व खेल : संदीप सिंह
- रोजगार : अनूप धानक
- सूचना, जनसंपर्क और भाषा : मुख्यमंत्री
- मुद्रण और लेखन सामग्री : संदीप सिंह
- कला और सांस्कृतिक मामले : कंवर पाल
- वन विभाग : कंवर पाल
- पर्यावरण : मुख्यमंत्री
- पर्यटन : कंवर पाल
- पुरातत्व विभाग और संग्राहालय : मुख्यमंत्री
- अभिलेखागार : कमलेश ढांडा
- अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा कल्याण: बनवारी लाल
- सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता : ओमप्रकाश यादव
- तकनीकी शिक्षा : अनिल विज
- उच्च शिक्षा : कंवर पाल
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी : अनिल विज
- विद्युत, नवीन एवं नवीनीकरण ऊर्जा : रणजीत सिंह
- निगरानी, समन्वय एवं प्रशासनिक सुधार : मुख्यमंत्री