मोरबी के मच्छु नदी पर बने झुलता पुल के टूटकर नदी में गिरने से मरने वालों की संख्या 60 से अधिक बताई जा रही है। इसमें ज्यादातर महिला, वृद्ध और बच्चे होने की आशंका जताई जा रही है। राजकोट के सांसद मोहन कुंडरिया ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि प्रशासन अनवरत राहत और बचाव कार्य में जुटा है, अभी तक 60 से ज्यादा शव बरामद किए गए हैं। इनमें ज्यादातर बच्चे, वृद्ध और महिलाएं हैं। वहीं मोरबी सिविल अस्पताल के चिकित्सकों के सूत्र के अनुसार अस्पताल में 77 शव आ चुके हैं, यह संख्या अभी और बढ सकती है।
घटना के बाद देर रात मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल मोरबी पहुंचे। मुख्यमंत्री ने नौका से मच्छु नदी के अंदर जाकर हालात का जायजा लिया। इसके बाद वे सिविल अस्पताल जाकर घायलों से मिले। उन्हें सांत्वना दिया। देर रात तक नदी में शवों के ढूढ़ने का कार्य जारी रहा। नदी में पानी के प्रवाह को रोकने के साथ जलस्तर को कम करने का प्रयास भी प्रशासन की ओर से किया जा रहा है। मौके पर एनडीआरएफ की 3 प्लाटून, इंडियन नेवी के 50 जवान और वायु सेना के 30 जवान के साथ आर्मी की दो कंपनी, फायर ब्रिगेड की 7 टीम राजकोट, जामनगर, दीव और सुरेन्द्रनगर की आधुनिक साधनों के साथ मोरबी पहुंच चुकी थी। वडोदरा से 17 जवानों की टीम मोरबी के लिए रवाना हो गई थी, इनके पास अंडर वाटर कैमरे भी हैं। इसके साथ ही राजकोट सिविल अस्पताल में एक अलग वार्ड भी स्टैंडबाय रखा गया है।
दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सोमवार को रोड शो रद्द कर दिया गया है। हादसे की वजह से वीरपुर में संत जलाराम बापा की 223वीं जयंती सादगी से मनाया जाएगा। जलाराम बापा की जगह पर सभी तरह के डेकोरेशन को हटा लिया गया है। वहीं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के चिकित्सकों की टीम सिविल अस्पताल में इलाज समेत निशुल्क एक्सरे सिटी स्केन आदि की सुविधा देने के लिए तैनात हो गई है।