दक्षिण 24 परगना के बासंती में एक भाजपा कार्यकर्ता पर हमले को लेकर भारतीय जनता पार्टी की विधायक और महिला मोर्चा की अध्यक्ष अग्निमित्रा पाल ने ममता बनर्जी पर तीखा हमला बोला है। गुरुवार को कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती भाजपा कार्यकर्ता अमल मंडल और उसके परिजनों से मुलाकात के बाद अग्निमित्रा ने मीडिया से बात की। उन्होंने कहा कि अमल मंडल को सिर्फ इसीलिए मौत के घाट उतारने की कोशिश हुई है क्योंकि वह भाजपा के कार्यकर्ता हैं। मैं ममता बनर्जी से पूछना चाहती हूं कि क्या उनके राज में भिन्न मत रखने वालों को जीने का अधिकार नहीं है?
उन्होंने कहा कि वारदात के 12 घंटे से अधिक का वक्त बीत जाने के बावजूद किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। अमल मंडल की पत्नी को भी लगातार धमकियां मिल रही हैं। परिवार के अन्य सदस्यों को भी जान का खतरा है। पूरा परिवार चुनाव के बाद घर छोड़कर फरार था ताकि जान बचा सके और अब जबकि कोर्ट की सख्ती के बाद वापस लौटा है तब भी प्रशासन उन्हें सुरक्षा नहीं दे पाया।
अग्निमित्रा ने कहा कि हाई कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिया है कि चुनावी हिंसा के शिकार लोगों को सुरक्षित घर वापसी और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है लेकिन अमल मंडल के साथ ऐसा नहीं हुआ। योजनाबद्ध तरीके से उनकी मॉब लिंचिंग की कोशिश हुई है जो राज्य में अराजकता और कानून व्यवस्था की बदहाली की पोल खोलने वाली है। उन्होंने ममता बनर्जी से सवाल पूछा और कहा कि सीएम को इस मामले में सामने आकर बताना चाहिए कि राज्य में उनकी पार्टी के अलावा जो दूसरी पार्टी करने वाले लोग हैं या उनसे इतर जो भिन्न मत रखते हैं उन्हें जीने का अधिकार क्यों नहीं है।
उन्होंने राज्य में लोकतंत्र की बदहाली का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर पूरे देश में कोई राज्य आज सबसे ज्यादा अराजक स्थिति में है तो वह बंगाल है।
2021 के बहुचर्चित विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए अग्निमित्रा ने कहा कि चुनाव परिणाम के बाद 50 से अधिक भाजपा कार्यकर्ताओं को मौत के घाट उतार दिया गया। सैकड़ों महिलाओं का सामूहिक दुष्कर्म हुआ और अनगिनत भाजपा कार्यकर्ताओं के घरों में तोड़फोड़ आगजनी की गई। पूरी दुनिया में ऐसा कहीं नहीं हुआ था। ममता बनर्जी के शासन में बंगाली समुदाय और यहां की संस्कृति विश्व पटल पर शर्मिंदा हो रही है।