बच्चों की लंबाई का न बढ़ना या ठीक गति से न बढ़ना भी आजकल के पेरेंट्स (Parents) के लिए सबसे ज्यादा चिंता का विषय बन गया है. हालांकि शारीरिक लंबाई को लेकर पहले से चली आ रही एक धारणा के चलते अभी भी ज्यादातर अभिभावक किसी स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह नहीं लेते और ये समझते हैं कि लंबाई स्वाभाविक रूप से बढ़ती है, यह कोई बीमारी नहीं है लेकिन हाल ही में दिल्ली के गंगाराम अस्पताल के इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल जेनेटिक्स एंड जीनोमिक्स के द्वारा किए गए एक रिसर्च में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं.
हाल ही में ‘इंडियन पीडियाट्रिक्स’ (Indian Pediatrics)’ संस्करण में प्रकाशित इस रिसर्च पेपर में बताया गया है कि बच्चों में असामान्य छोटी लंबाई (Height) होने का कारण जेनेटिक (Genetic) बीमारी भी हो सकती है. स्टडी के अनुसार हाइट का उतार-चढ़ाव सामान्य रूप से परिवार से मिले जीन्स से होता है, लेकिन असामान्य रूप से छोटी हाइट का कारण बच्चे के जीन (gene) में बदलाव हो सकता है जिसका बहुत बड़ा असर बच्चे के शारीरिक विकास पर पड़ता है.
हाइट का उतार-चढ़ाव सामान्य रूप से परिवार से मिले जीन्स से होता है, लेकिन असामान्य रूप से छोटी हाइट का कारण बच्चे के जीन (gene) में बदलाव हो सकता है जिसका बहुत बड़ा असर हाइट पर पड़ता है. हमारी स्टडी में 455 असामान्य छोटी हाइट के बच्चों को शामिल किया गया जो 10 महीने से 16 वर्ष के थे. इनमें से 226 मरीजों को डिटेल्ड जेनेटिक टेस्टिंग (detailed genetic testing) एवं फेनोटाइपिंग (phenotyping) से कारणों की जांच की गई जबकि 229 मरीजों में प्रारंभिक हिस्ट्री, शारीरिक जांच और टेस्ट द्वारा छानबीन द्वारा की गई. इनमे से 63% (142) में proportionate छोटा कद (शरीर के ऊपरी एवं निचले हिस्से असामान्य रूप से छोटे) पाया गया. जिसमें से 65% (93) को जानी पहचानी जेनेटिक बीमारियां पायी गई जैसे कि टर्नर सिंड्रोम (Turner Syndrome), विलियम सिंड्रोम (William Syndrome) और रासओपेथीज़ (RASopathies) आदि बीमारियां हो सकती हैं.
226 में से बाकी बचे 84 बच्चे (37%) में disproportionate छोटा कद (शरीर के ऊपरी एवं निचले हिस्से में से एक असामान्य रूप से छोटा) पाया गया. इनमें से 45% (38) में lysosomal storage genetic disorder पाया गया. 44% (37) बच्चों में Skeletal Dysplasias पाया गया. 8% (9) बच्चों में कारण नहीं पता चला.
बच्चे की हाइट कम तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी
डॉ. रत्ना दुआ पुरी ने कहा, अगर परिवार के अंदर बच्चे में असामान्य रूप से लंबाई छोटी हो और शरीर का विकास धीमी गति से हो रहा हो तो मेडिकल एक्सपर्ट की राय लेना बहुत आवश्यक है. आजकल जेनेटिक फील्ड में कई नए टेस्ट आ चुके हैं और इनकी कीमत भी गिर चुकी है. सही जेनेटिक सलाह एवं जांच से कारण का पता चल सकता है और इलाज की शुरुआत की जा सकती है.’