हिमाचल प्रदेश में खराब मौसम ने एक बार फिर लोगों को मुश्किल में डाल दिया है। मानसून की विदाई के बाद राज्य में बादल जमकर बरस रहे हैं। इससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है। राजधानी शिमला सहित प्रदेश के मैदानी व मध्यपर्वतीय क्षेत्रों में में बीती रात से रूक-रूक कर वर्षा का क्रम जारी है। वहीं राज्य की पर्वत श्रंखलाओं पर बर्फबारी हो रही है।
लाहौल-स्पीति, किन्नौर, कुल्लू और चंबा जिलों की ऊंची चोटियों पर हो रही बर्फबारी से पर्वतीय क्षेत्रों में ठंड का प्रकोप बढ़ गया है। धौलाधार की पहाड़ियों पर भी बर्फ गिर रही है। रोहतांग, कुंजुम और बारालाचा दर्रे समेत सप्तऋषि की पहाड़ियां बर्फ से लकदक हो गई हैं। लाहौल-स्पीति की स्पीति घाटी समेत रिहाशयी क्षेत्रों में भी बर्फ गिर रही है। रोहतांग दर्रे पर बर्फबारी के कारण पर्यटकों की आवाजाही बंद कर दी गई है। बर्फबारी से चंबा-किलाड़ वाया साच पास भी बंद हो गया है।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक बारिश और बर्फबारी से प्रदेश भर में 27 सड़कों पर वाहनों की आवाजाही ठप पड़ गई है। कांगड़ा में आठ, कुल्लू व सिरमौर में छह-छह, चंबा में तीन, शिमला में दो और लाहौल-स्पीति व सोलन में एक-एक सड़क भूस्खलन से बंद है। बेमौसमी बर्फबारी से लाहौल घाटी के किसानों की चिंता बढ़ गयी है। खराब मौसम के बीच किसानों को आलू व सेब की फसल को मंडियों में पहुंचाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
मौसम विभाग के अनुसार दो दिन प्रदेश में मौसम खराब रहेगा। मंगलवार को प्रदेश के अधिकांश स्थानों पर भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पाल ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से बारिश-बर्फबारी हो रही है। उन्होंने कहा कि 13 अक्तूबर से मौसम के साफ होने की संभावना है।