उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिला स्थित द्रोपदी का डांडा की पर्वत चोटी ग्लेशियर में बीते मंगलवार को हुए हिमस्खलन में लापता हुए पर्वतारोहियों-प्रशिक्षुओं में से शुक्रवार तक 26 शव मिले चुके थे। इनमें से कल निकाले गए सात शवों को आज शनिवार को द्राेपदी का डांडा बेस कैम्प से हेलीकाप्टर के जरिए मातली लाया गया। शेष तीन शवों को लाने का कार्य चल रहा है। इस हादसे में कुल 29 लोग फंस गए थे। इनके अलावा पोर्टर और अन्य लोग भी शामिल थे।
डीएम अभिषेक रुहेला रेस्क्यू ऑपरेशन की लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं। उनके साथ आला अधिकारी भी मातली में मौजूद हैं। उन्होंने बताया कि मातली लाए गए शवों में शुभम सांगरी नैनीताल,दीपशिखा हजारिका असम,सिद्धार्थ खंडूरी देहरादून, टिल्लू ज्यारा शिलांग (मेघालय), राहुल पंवार उत्तरकाशी,नीतीश हरियाणा, रवि कुमार निर्मल यूपी की शिनाख्त हुई है। उन्होंने बताया है कि कुछ हिमालयी क्षेत्रों में लगातार बर्फबारी हो रही है मौसम खराब होने के कारण हेलीकॉप्टर बेस कैम्प लैंड नहीं कर पा रहे हैं। मौसम ठीक होते ही अन्य शवों को उत्तरकाशी लाने की कार्रवाई की जायेगी। अभी भी तीन लापता लोगों की खोजबीन जारी है।
गौरतलब है कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिला स्थित द्रोपदी का डांडा-2 पर्वत चोटी डोकराणी बामक ग्लेशियर क्षेत्र में बीती 04 अक्टूबर मंगलवार को हुए हिमस्खलन में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) का 29 सदस्यीय दल फंस गया था। इसमें पहले दिन चार शवों को बरामद किया गया था। इसके अगले दिन बुधवार को 15 पर्वतारोहियों-प्रशिक्षुओं काे बुधवार को सकुशल रेस्क्यू किया गया था। इनमें से पांच घायल लोग थे।
जबकि गुरुवार शाम तक कुल 12 लोगों के शव बरामद किए गए थे और एक अन्य को सकुशल रेस्क्यू किया गया था। इस तरह से सकुशल रेस्क्यू होने वाले लोगों की संख्या और मृतकों की संख्या 16-16 हो गई थी। इस तरह से अब तक कुल 26 लोगों के शव बरामद हो चुके हैं और तीन अन्य की खोज की जा रही है। हिमस्खलन हादसे में निम के कुल 29 पर्वतारोहियों-प्रशिक्षुओं के अलावा पोर्टर और अन्य लोग भी फंस गए थे। इनकी खोजबीन के लिए वायु सेना, एसडीआरएफ के अलावा अन्य टीमें लगी हुई हैं।