रंग सज्जा के लिए जगविख्यात पथरचट्टी रामलीला कमेटी के रामदल की स्वर्णमयी चौकी में करेंट उतरने के बाद सुबह अफरा तफरी मच गई। जिस सुसज्जित चौकी पर भगवान राम, लक्ष्मण सवार थे, उसमें करंट उतरने की शिकायत के बाद लीला कमेटी से जुड़े पदाधिकारियों के होश उड़ गए। आनन-फानन में राम लक्ष्मण को उस चौकी से उतार लिया गया। इसके बाद रामदल की शोभायात्रा आगे बढ़ाई गई।
बारिश की वजह से ग्वालियर कोठी से रामदल की शोभायात्रा निकलने ने इस बार देरी के कारण सड़कों की पटरियों पर प्रभु की झांकी के दर्शन के लिए खड़े तमाम लोग थक कर चले गए। बारिश की वजह से भी भीड़ छंट गई। शोभायात्रा भोर में निकली। सुबह करीब सात बजे अग्रसेन चौराहे के पास स्वर्णमयी गरुण चौकी में करंट उतरने की जानकारी दी गई। इस चौरी पर भगवान राम और लक्ष्मण सवार थे।
भगवान की सवारी वाली गरुण चौकी में करंट उतरने की जानकारी मिलते ही लाइन कटवा दी गई। इसके बाद प्रभु राम और लक्ष्मण को उस चौकी से सुरक्षित उतार लिया गया। भगवान के स्वरूपों को इसके बाद दूसरे रख पर सवार कराया गया। इस दौरान प्रभु के लिए लाया गया 11 फीट ऊंचा इलेक्ट्रिकल हाथी भी सिर्फ आगे -आगे चलता रहा। बारिश के दौरान लटकते तारों की वजह से हाथी की ऊंचाई देख उस पर भगवान को सवार नहीं करया जा सका।
दल में सबसे आगे विघ्न विनाशक गणेश की विशाल कांस्य प्रतिमा चल रही थी। इसके बाद देवी दुर्गा, भगवान शंकर,हनुमान की मोहक प्रतिमाएं थीं। बैंडबाजा के साथ भक्तिभाव वाले स्वर रास्ते भर गूंजते रहे। कमेटी के अध्यक्ष पं. मुकेश पाठक, महामंत्री विजय सिंह, कोषाध्यक्ष गिरधारीलाल अग्रवाल, प्रवक्ता लल्लूलाल गुप्त सौरभ, व्यवस्थापक धर्मेंद्र कुमार भइया जी, बसंतलाल आजाद, सतीश चंद्र केसरवानी, रमेश कुमार जायसवाल, राजीव गुप्त बिट्टू ने व्यवस्था संभाली।
पथरचट्टी लीला कमेटी की स्मारिका का विमोचन
दशहरे पर पथरचट्टी रामलीला कमेटी की 43 वें वर्ष की स्मारिका का विमोचन उत्तर मध्य रेलवे के सीपीआरओ शिवम शर्मा ने किया। इस मौके पर न्यायमूर्ति अरुण टंडन के अलावा अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। अध्यक्षता पं. मुकेश पाठक ने की। महामंत्री विजय सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया। संचालन कमेटी के प्रवक्ता लल्लूलाल गुप्त सौरभ ने किया।