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Gold Price: और बढ़ेंगे सोने के दाम, त्योहारी सीजन में खरीदारी पर नहीं पड़ेगा असर, रुपया पहली बार 82 के पार बंद

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तीन महीने से लगातार सोने के दाम में गिरावट...त्योहारी सीजन में खरीदारी का  है अच्छा मौका | Gold prices fall for three months in a row ... shopping is  a good opportunity

दिल्ली सराफा बाजार में बृहस्पतिवार को सोना 497 रुपये महंगा होकर 52,200 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। रुपये में गिरावट और वैश्विक बाजार में बहुमूल्य धातुओं की कीमतों में तेजी से घरेलू बाजार में सोने के दाम बढ़े।

पिछले पांच कारोबारी सत्रों में उछाल के बाद सोने की कीमतें आने वाले दिनों में और बढ़ सकती हैं। इसकी प्रमुख वजह सोने के कम आयात के अलावा चीन और तुर्किये हैं। हालांकि, बढ़ी कीमतों का असर त्योहारी सीजन में सोने की खरीदारी पर नहीं पड़ेगा।

दरअसल, भारत में सोने की ज्यादातर आपूर्ति आईसीबीसी स्टैंडर्ड बैंक, जेपी मॉर्गन और स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक करते हैं। ये त्योहारी सीजन में ज्यादा सोना मंगाकर अपने पास रख लेते हैं। हालांकि, कम प्रीमियम मिलने की वजह से ये बैंक भारत की सोने की आपूर्ति में कटौती कर रहे हैं। वे ज्यादा कीमत के लिए चीन व तुर्किये को सोना बेच रहे हैं।

ऐसे में त्योहारी सीजन में देश में सोने की कमी से कीमतों में तेजी आ सकती है। केडिया एडवाइजरी के निदेशक अजय केडिया ने कहा, आपूर्ति में कटौती और आयात में कमी से सोने की कीमतें अभी के 52,000 से बढ़कर दिवाली तक 53,000 तक पहुंच सकती हैं।

इसके बावजूद पीली धातु के दाम 2020 के मुकाबले करीब 3,000 कम ही रहेंगे। उस समय सोना 56,000 के स्तर पर था। इसके अलावा, धनतेरस और दिवाली जैसे त्योहारी सीजन में लोग सोना खरीदना शगुन मानते हैं। इन वजहों से खरीदारी पर खास असर नहीं दिखेगा।

दाम बढ़ाने में चीन-तुर्किये की भूमिका
भारत में अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क कीमत की तुलना में सोने का प्रीमियम केवल एक से दो डॉलर रह गया है, जो पिछले साल त्योहारी सीजन में चार डॉलर था। चीन में 20 से 45 डॉलर तक प्रीमियम इन बैंकों को मिल रहा है। तुर्किये में 80 डॉलर तक प्रीमियम मिल रहा है। एक बैंक के अधिकारी का कहना है कि बैंक वहीं सोना बेचेंगे, जहां उन्हें ज्यादा भाव मिलेगा। अभी चीन और तुर्किये ज्यादा प्रीमियम दे रहे हैं।

30 फीसदी घट गया आयात
भारत में सितंबर में सोने के आयात में 30% की गिरावट रही। इसके उलट, तुर्किये में आयात 543 फीसदी और चीन में 40% बढ़ गया था। केडिया ने बताया, अक्तूबर-दिसंबर तिमाही में आमतौर पर सोने का ज्यादा आयात होता है। पिछले साल की समान तिमाही में करीब 1,000 टन सोना आयात किया गया था, लेकिन इस बार आयात में कमी आई है।

बैंकों के पास भी 10% कम भंडार

सूत्रों का कहना है कि भारत में सोने की ज्यादातर आपूर्ति करने वाले बैंकों के पास इस बार एक साल पहले की तुलना में 10 फीसदी कम भंडार है। मुंबई के एक डीलर ने बताया कि इस समय भंडार में कई टन सोने की जरूरत थी, लेकिन यह कई किलो में ही है।

सोना 497 रुपये महंगा, चांदी सस्ती
दिल्ली सराफा बाजार में बृहस्पतिवार को सोना 497 रुपये महंगा होकर 52,200 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। रुपये में गिरावट और वैश्विक बाजार में बहुमूल्य धातुओं की कीमतों में तेजी से घरेलू बाजार में सोने के दाम बढ़े। हालांकि, चांदी 80 रुपये सस्ती होकर 61,605 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव रही।

  • एचडीएफसी सिक्योरिटीज के दिलीप परमार ने कहा, कॉमेक्स में सोने की कीमतों में वृद्धि हुई है। त्योहारी मांग व कम आपूर्ति से घरेलू सोने के दाम बढ़ गए।
  • वैश्विक बाजार में सोना तेजी के साथ 1,722.6 डॉलर प्रति औंस रहा। चांदी 20.68 डॉलर प्रति औंस रही।

रुपया पहली बार 82 के पार बंद
कच्चे तेल की कीमतों में तेजी और विदेशी बाजार में अमेरिकी मुद्रा के मजबूत होने से बृहस्पतिवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 55 पैसे टूटकर 82.17 के सार्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ। यह पहली बार है, जब रुपया 82 के पार बंद हुआ है।

तेल आयातकों में डॉलर की भारी मांग एवं फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में और वृदि्ध की आशंका से घरेलू मुद्रा पर दबाव बढ़ा। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 81.52 के सकारात्मक स्तर पर खुला था।

ईसीबी की बैठक पर नजर
सोमैया ने कहा, डॉलर के मुकाबले यूरो व पाउंड में भी ऊपरी स्तर पर बिकवाली का दबाव देखा गया। अब यूरोपीय केंद्रीय बैंक (ईसीबी) की बैठक के ब्योरे पर नजरें टिकी रहेंगी। उन्होंने कहा कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये का हाजिर भाव 81.20 से लेकर 82.05 के दायरे में रहने की उम्मीद है।

इस वजह से आई गिरावट
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के गौरांग सोमैया ने कहा कि मंगलवार को रुपये में थोड़ी मजबूती देखी गई थी, लेकिन बृहस्पतिवार को यह फिर से दबाव में आ गया। दरअसल, अमेरिका में सेवा पीएमआई और निजी नौकरियों के आंकड़े उम्मीद से बेहतर रहने से डॉलर को मजबूती मिली। इससे रुपये में गिरावट देखी गई।

 

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