अमेरिका का डाऊजोंस और फ्रांस का बाजार 20-20% गिरा है। स्विटजरलैंड का शेयर बाजार 22.2%, यूरो बाजार 22.8%, हांगकांग 23.3% गिरा है। जर्मनी का बाजार 23.7% गिरा है, वहीं अमेरिका के एसएंडपी 500 में 23.8% की गिरावट आई है।
एसबीआई की एक ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय शेयर बाजार ने दुनिया के बाजारों में इस साल सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है। इस साल सेंसेक्स और निफ्टी में 3.5% की गिरावट आई है। ब्रिटेन के शेयर बाजार में 6.5%, जापान के शेयर बाजार में 9.8% और चीन के शेयर बाजार में 16% की गिरावट आई है।
खुदरा निवेशक भारतीय बाजार को संभाल रखे हैं। इन्होंने कोरोना में बाजार में प्रवेश किया। तब से सेकेंडरी बाजार में 2.9 लाख करोड़ लगाए हैं। इसमें से 2.3 लाख करोड़ 2021 में और इस साल की पहली छमाही में आया है।
यूके का भंडार 11.7% घटा
यूके का फॉरेक्स 11.7% घटा है। दक्षिण कोरिया का फॉरेक्स 5.50% या 24 अरब डॉलर घटा है। जापान के विदेशी मुद्रा भंडार में 6.5% की कमी आई है। यह 1,259 अरब डॉलर से 1,177 अरब डॉलर रह गया है। चीन का विदेशी मुद्रा भंडार 4.9 फीसदी या 159 अरब डॉलर कम होकर 3,055 अरब डॉलर रह गया।
देश का फॉरेक्स 86 अरब डॉलर घटा
डॉलर की तुलना में रुपये की कमजोरी का असर देश के विदेशी मुद्रा भंडार पर पड़ा है। शीर्ष देशों की तुलना करें तो भारत के मुद्रा भंडार में ज्यादा गिरावट आई है। इस साल फरवरी में विदेशी मुद्रा भंडार (फॉरेक्स) 632 अरब डॉलर था। अगस्त में यह 86 अरब डॉलर या 13.6 फीसदी घटकर 546 अरब डॉलर पर आ गया। थाईलैंड का फॉरेक्स इसी दौरान 223 अरब डॉलर से 28 अरब डॉलर या 12.6 फीसदी गिरकर 195 अरब डॉलर पर आ गया है।