मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शरद कुमार चौधरी की अदालत में सोमवार को बिहार के पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव सहित कुल 8 लोगों के विरुद्ध लंबित मामले में सुनवाई हुई। कोर्ट ने पप्पू यादव के खिलाफ गवाही के लिए तलब गवाह पहुंचा ही नहीं, कोर्ट ने उसका इंतजार किया फिर जज ने अगली तारीख दे दी। कोर्ट में आरोपी और किसी गवाह के नहीं पहुंचने से गवाही नहीं हो सकी। ऐसे में कोर्ट ने अगली तारीख 19 सितंबर मुकर्रर कर दी। गाजीपुर में 29 साल पहले समर्थकों के साथ बवाल करने के आरोप में बिहार के पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव समेत कुल आठ लोगों के खिलाफ कोर्ट में आरोप तय हो चुके हैं। आरोपित होने के बाद पूर्व सांसद समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट में शामिल गवाहों को सोमवार को कोर्ट ने तलब किया था। सोमवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शरद कुमार चौधरी की अदालत में सोमवार को बिहार के मधेपुरा तत्कालीन सांसद पप्पू यादव के खिलाफ 29 साल से लंबित मामले में सुनवाई शुरू हुई। कोर्ट ने साक्ष्य और चार्जशीट के आधार पर शासकीय अधिवक्ता को गवाहों की पेशी के लिए आदेशित किया लेकिन गवाहों की गैरमौजूदगी से कोर्ट की कार्रवाई आगे नहीं बढ़ सकी। वकील के प्रार्थनापत्र के आधार पर कोर्ट ने अगली तारीख दी और गवाहों को पेश करने का आदेश दिया। शासकीय अधिवक्ता ने कोर्ट में बताया कि बिहार के मधेपुरा के तत्कालीन सांसद पप्पू यादव अपने 126 समर्थकों के साथ आठ नवंबर 1993 की गाजीपुर के मोहम्मदाबाद के शाहनिंदा चौराहे पर पहुंचे थे। पुलिस ने काफिले को रोक कर तलाशी ली तो असलहे बरामद हुए। आरोप है कि पप्पू ने शाहनिन्दा चौराहे पर भीड़ इकट्ठा कर सार्वजनिक मार्ग को जाम कर दिया और नारेबाजी करते हुए फायरिंग की। रोकने के दौरान तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक बीएन शर्मा के साथ हाथापाई भी की। कोतवाली मोहम्दाबाद में पप्पू यादव समेत 127 लोगों को नामजद किया गया। विवेचना के उपरांत पुलिस ने आरोपियों के विरुद्ध आरोप पत्र प्रेषित किया, जिस पर कोर्ट ने आरोपी होने का पर्याप्त आधार मानते हुए गवाहों को तलब किया। कोर्ट ने पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव और गवाहों को अगली तारीख 19 सितंबर को बुलाया है।