जनपद में आयुष्मान कार्ड के चयनित लाभार्थियों में पचास फीसदी लाभार्थियों का हीं गोल्डेन कार्ड बनाया गया है। विभाग की ओर अब आयुष्मान भारत योजना के तहत आशा कार्यकत्री अब लाभार्थियों के घर-घर जाकर उनका गोल्डन कार्ड बनाएंगी। इसके लिए विभाग के आईटी की ओर से आशा कार्यकत्रियों को फोन एप डाउनलोड़ करवाकर केवाईसी करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। वहीं आयुष्मान भारत योजना के तहत सालाना पांच लाख रुपये तक निशुल्क इलाज की सुविधा मिलती है। इस योजना को देने के लिए जनपद में कुल परिवार एक लाख 82 हजार चयनित है। जिसमें सात लाख 72 हजार लाभार्थी है। इसमें अबतक एक लाख 39 हजार परिवारों के तीन लाख 57 हलार लाभार्थियों के कार्ड बनाए है। जबकि 4 लाख 15 हजार लाभार्थियों के कार्ड नहीं बनाए गये है। सीएससी प्रबंधक शिवानंद उपाध्याय ने बताया कि गोल्डन कार्ड बनाने के लिए आशा कार्यकर्ताओं का सहयोग लिया जाएगा। घर-घर जाकर लाभार्थियों का गोल्डन कार्ड बनाएंगी। इसके लिए आशाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
एप से बनेगा गोल्डन कार्ड : आशाओं को गोल्डन कार्ड बनाने के लिए पीएमजेवाई का एप लांच किया गया है। आशा कार्यकत्रियों को अपने-अपने मोबाइल में एप को डाउनलोड करना होगा। कार्यदायी संस्था एनएचए की ओर से आशाओं को यूजर आईडी और पासवर्ड दिया जा रहा है। इसके बाद आशा घर-घर जाकर लाभार्थी का केवाइसी (सत्यापन) कर गोल्डन कार्ड बनाएंगी। लाभार्थी आयुष्मान मित्र, जन सेवा केंद्र पर जाकर अपना प्रिंट ले सकेगा। आशा को प्रति गोल्डन कार्ड के अनुसार प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी। यह राशि आशा कार्यकत्रियों के सीधे खाते में भेजी जाएगी।