एक करोड़ से अधिक की आबादी को पेयजल आपूर्ति करने वाला बीसलपुर बांध पूरी तरह से लबालब है। बांध का जलस्तर 315.50 आरएल मीटर पर स्थिर रखते हुए अधिशेष पानी को लगातार एक गेट खोलकर निकाला जा रहा है। बांध के गेट नंबर नौ को आधा मीटर खोलकर छह हजार क्यूसेक प्रति सैकेंड पानी की निकासी की जा रही है। यह पानी बनास में छोड़ा जा रहा है। भीलवाड़ा, चित्तौड़ सहित आसपास की जगह पर हुई बारिश से लगातार बांध में पानी की आवक हो रही है।
बीते दस दिनों में बांध के लबालब होने के बाद अब तक कुल 5.7 टीएमसी पानी की निकासी हो चुकी है। जयपुर सहित तीन जिलों में इस पानी से पांच महीने तक पानी की जलापूर्ति हो सकती थी। बांध से निकाला जा रहा पानी बनास में छोड़ा जा रहा है। अभी त्रिवेणी नदी का गेज 3.40 मीटर मापा गया है। स्काडा सिस्टम से लैस बीसलपुर बांध में पानी की आवक राजसमंद, चित्तौडगढ़, भीलवाड़ा, अजमेर व टोंक जिले से होती है जिसे कैचमेंट एरिया माना गया है।
बांध परियोजना के अभियंताओं के अनुसार बांध में पानी की मुख्य आवक चित्तौडगढ़ व भीलवाड़ा जिलों से होना माना जाता है। जिसमें बनास नदी मुख्य आवक का स्रोत है। वहीं खारी व डाई नदियां भी पानी के भराव में सहायक है। बनास नदी में बीसलपुर बांध से पूर्व मातृकुंडिया, गोवटा, कोठारी, जैतपुरा मुख्य बांध है। ऐसे में बांध के लबालब होने के बाद सैर सपाटे के लिए जयपुर, अजमेर सहित आस-पास के लोगों के लिए यह घूमने के लिए नया पिकनिक स्पाट बन गया है।