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‘लाइगर’ के हकलाने में मेरे दोस्तों की परछाई, बिग बी ने इसलिए बदल दिया था पिछली फिल्म का टाइटल

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Puri Jagannath

इस हफ्ते रिलीज हो रही फिल्म ‘लाइगर’ के निर्देशक पुरी जगन्नाथ का साउथ सिनेमा में त बड़ा नाम है। दक्षिण भारत के हर बड़े सितारे के साथ काम कर चुके पूरी जगन्नाथ हिंदी में ‘शॉर्ट- द चैलेंज’ और ‘बुड्ढा होगा तेरा बाप’ जैसी फिल्मों का निर्देशन पहले भी कर चुके है। ‘लाइगर’ उनकी पहली अखिल भारतीय (पैन इंडिया) फिल्म है। हिंदी और तेलुगू में एक साथ बनी ये फिल्म तमिल, कन्नड़ और मलयालम में भी डब होकर रिलीज हो रही है। पुरी जगन्नाथ ने इस फिल्म का निर्माण भी करण जौहर के साथ मिलकर किया है। ‘अमर उजाला’ से एक खास मुलाकात में उन्होंने अपने संघर्ष, सिनेमा के शुरुआती सबक और अब तक के सफर में आए अहम पड़ावों पर बात की।
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किताब पढ़ने के शौक ने बनाया लेखक 

आंध्र प्रदेश के गांव पिथापुरम में 28 सितंबर 1966 को जन्मे पुरी जगन्नाथ के पिता सिंहाचलम को किताबें पढ़ने का बहुत शौक था। पुरी जगन्नाथ कहते है, ‘मेरे पिता जी इतनी किताबें पढ़ते थे कि किताबों से मेरा घर भर गया। मैं उनकी सारी किताबें पढ़ता था। जब आठवीं तक पहुंचा तो उनकी सभी किताबें पढ़ चुका था। उस समय ज्यादा मुझे कुछ समझ में नहीं आता था। बस किताबें पढ़ता रहा, वहीं से मुझे लिखने की प्रेरणा मिली। मैने एक नाटक लिखा और उसका निर्देशन किया। वह नाटक गांव के लोगों को बहुत पसंद आया, लोगों ने मेरी खूब सराहना की।’
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पिताजी ने बढ़ाया हौसला

पुरी जगन्नाथ के नाटक की चर्चा गांव में बहुत हुई। इससे पूरी के पिता भी बहुत खुश हुए। पुरी जगन्नाथ कहते है, ‘पिता जी ने एक दिन मुझे बुलाकर 20 हजार रुपये दिए और कहा कि जाओ और सिनेमा को अपना जीवन बनाओ। मैं गांव से हैदराबाद आ गया और मेरी मुलाकात राम गोपाल वर्मा से हुई। मैं उनकी फिल्म ‘शिवा’ में सहायक के रूम में जुड़ गया। रामू के कहने पर मैंने इसमें एक छोटा सा किरदार भी निभाया था। ‘रंगीला’ तक मैं उनके साथ जुड़ा रहा। उसके बाद मैंने दूरदर्शन के लिए कई शॉर्ट फिल्में बनाईं और साल 2000 में तेलुगू फिल्म ‘बद्री’ से बतौर निर्देशक अपने करियर की शुरुआत की। बाद में इसी फिल्म का रीमेक हिंदी में मैंने ‘शॉर्ट- द चैलेंज’ के रूप में बनाया जिसमे तुषार कपूर, ग्रेसी सिंह, अमृता अरोड़ा और अनुपम खेर की प्रमुख भूमिकाएं थीं।’
Puri Jagannath

अमिताभ बच्चन के बहुत बड़े मुरीद

‘शॉर्ट -द चैलेंज’ के बाद पूरी जगन्नाथ ने हिंदी में अमिताभ बच्चन को लेकर फिल्म ‘बुड्ढा होगा तेरा बाप’ बनाई। पुरी जगन्नाथ कहते है, ‘मैं बचपन से ही अमिताभ बच्चन का बहुत बड़ा प्रशंसक रहा हूं। मैंने अपने घर में उनकी एक बड़ी सी तस्वीर लगा रखी थी। मेरे गांव में उनकी फिल्में बहुत चलती थीं। लोग हिंदी नहीं समझते थे फिर भी लोग अमिताभ बच्चन की सभी फिल्में देखते है। मुझे याद है सबसे पहले मैने अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘जंजीर’ देखी थी। मैने बच्चन साहब को ध्यान में रखकर फिल्म ‘बुड्ढा’ लिखी और राम गोपाल वर्मा को बताया। उन्होंने मेरी मुलाकात अमिताभ बच्चन से कराई, बच्चन साहब को स्क्रिप्ट बहुत पसंद आई। लेकिन उनको ‘बुड्ढा’ टाइटल बड़ा अटपटा लग रहा था तो उन्होंने ही बुड्ढा का नाम बदलकर बुड्ढा होगा तेरा बाप कर दिया।’
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निजी जीवन के अनुभव से मिले किरदार

पुरी जगन्नाथ की ‘बुड्डा होगा तेरा बाप’ साल 2011 में रिलीज हो हुई थी। अब 11 साल के बाद उनकी पहली पैन इंडिया फिल्म ‘लाइगर’ आ रही है। पुरी जगन्नाथ कहते हैं, ‘इस फिल्म की स्क्रिप्ट मैने 10 साल पहले ही लिख ली थी। मैं जो भी कहानी लिखता हूं, वे मेरे निजी जीवन के अनुभव से ही प्रेरित होते है। मेरे बचपन के ऐसे बहुत सारे दोस्त अभी भी हैं जो हकलाते है। इसी को आधार बनाकर मैने ‘लाइगर’ की स्क्रिप्ट लिखी। इस फिल्म को लेकर विजय देवरकोंडा को मैं पहले ही फाइनल कर चुका था, जब इस फिल्म को लेकर मेरी मुलाकात करण जौहर से हुई तो फिल्म की हीरोइन के लिए उन्होंने ही अनन्या पांडे का सुझाव दिया।’

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