नागपंचमी का त्योहार मंगलवार को पारंपरिक हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। सुबह नाग देवता की पूजा की गई। दूध और लावा अर्पित किया गया। दोपहर में अखाड़ों में जोर आजमाइश हुई। कबड्डी, चीका और बरगत्ता जैसे पारंपरिक खेलों में भी युवाओं ने जोर आजमाइश की।
बेल्थरारोड में सुबह अपने घरों की साफ-सफाई कर नाग देवता को दूध व लावा चढ़ाकर उनकी पूजा-अर्चना कर श्रद्धालुओं ने अपने परिवार के रक्षा की कामना की। राजपुर गांव में अखाड़े में पहलवानों ने एक दूसरे पर दांव लगाकर आपस में जोर आजमाइश की। ग्राम प्रधान पति विजय यादव, रोहित सिंह, सिधारी पाल, विजेंद्र गोंड, गोपी पाल आदि रहे। मानस मंदिर, बिचला पोखरा, कुंडैल ढाला, गुलौरा मठिया, तुर्तीपार आदि मंदिरों पर श्रद्धालुओं की भीड़ रही। इस दौरान विभिन्न ग्रामों में खेलकूद और कुश्ती कला का आयोजन किया गया, जिसमें युवाओं ने अपने दमखम का प्रदर्शन किया।
गड़वार क्षेत्र के नारायनपाली गांव में नाग पंचमी पर ग्रामीण युवाओं द्वारा कुश्ती, ऊंची कूद व लंबी कूद प्रतियोगिता आयोजित की गई। रोमांचक कुश्ती प्रतियोगिता में मुन्ना ने मन्नू को पटखनी दी। विपुल ने पंकज को पटका व नीरज दुबे ने अमितेश यादव को जबरदस्त पटखनी दी।इसके पूर्व बतौर मुख्य अतिथि प्रधान संघ के ब्लॉक अध्यक्ष अनिल यादव व विशिष्ट अतिथि पप्पू पांडेय ने सभी प्रतियोगियों से हांथ मिलाकर व परिचय प्राप्त कर प्रतियोगिता का आगाज किया। लंबी कूद में कुल 15 प्रतियोगियों ने प्रतिभाग किया। इसमें प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पर अनुज, ऋषिकेश व मुकेश रहे। ऊंची कूद में अनुज, पंकज व अनूप क्रमश: प्रथम , द्वितीय व तृतीय स्थान पर रहे। सभी विजयी प्रतिभागियों को मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथि द्वारा शील्ड देकर पुरस्कृत किया गया। प्रतियोगिता के आयोजक मंडल में सरोज दुबे, चंदन यादव, नन्हे लाल खरवार, पंकज पांडेय, तेज बहादुर, बिट्टू, अंचल यादव रहे।
मनियर क्षेत्र में मंगलवार को नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा के बाद दूध लावा चढ़ाया गया। नाग पंचमी की पूजा धूमधाम से घरों में एवं मंदिरों पर भी हुआ। बताया जाता है कि मुडियारी गांव के रामजीत बाबा के स्थान से मिट्टी लाकर करीब 100 वर्ष पूर्व अकलू राजभर निवासी असना अपने गांव में रामजी बाबा के नाम से पिंड स्थापित किए थे जो अब मंदिर बन गया है। इस स्थान का नाम रामजी बाबा का मंदिर कहा जाता है। हर वर्ष नाग पंचमी के दिन यहां पर दूर-दूर के गांवों से लोग बाबा का दर्शन करने आते हैं। बाबा को दूध लावा चढ़ाते हैं। इस स्थान के बारे में लोगों का मानना है कि विषधर से विषधर सर्प के काटने पर इस स्थान पर लाने पर विष उतर जाता है। नाग पंचमी के दिन सड़क के किनारे यहां मेला भी लगता है। इस स्थान पर बड़े-बड़े बांस में झंडा पताका लेकर गाजे बाजे के साथ ग्रामीण लाव लश्कर के साथ आते हैं। असना, बहादुरा, पीलूई, दुरौंधा, धनवती, पुरुषोत्तम पट्टी, सरकंडा, सोनूपार, लेतरहा, बालूपुर ,काजीपुर ,चंदायर, निपनिया, बिजलीपुर आदि गांव के लोग झंडा पताका लेकर पहुंचे। सुरक्षा की दृष्टि से एसएचओ मनियर आरआर यादव भी पुलिस बल के साथ मौजूद रहे।
आशा खबर / शिखा यादव