अप्रैल के पहले पखवारे में ही गर्मी बेचैन करने लगी है। पिछले सात दिन से बढ़ रहा तापमान गुरुवार को 39 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। गर्म हवा के थपेड़ों ने लोगों को दोपहर में घरों में ही रहने को मजबूर किया।
गर्मी बढ़ रही है। तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच रहा है। गुरुवार को पारा 39 डिग्री सेल्सियस पर रहा है। यह इस सीजन का सबसे गर्म दिन रहा। सीएसए के मौसम विभाग के प्रभारी डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि अब तापमान लगातार बढ़ता रहेगा।
वैसे 15 अप्रैल तक पश्चिमी विक्षोभ हिमालय की तलहटी तक पहुंचेगा। लेकिन इसका अधिक असर कानपुर परिक्षेत्र में नहीं आएगा। जो थोड़ा-बहुत असर पड़ेगा, उससे हल्के और मध्यम श्रेणी के बादल आएंगे। इससे रात को गर्मी और बढ़ जाएगी।
इसके अलावा अभी कोई मौसमी गतिविधियों की संभावना नहीं है। मौसम विभाग प्रभारी डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि इस समय माहौल में नमी कम हो गई है। अधिकतम नमी 47 प्रतिशत है और न्यूनतम 19 प्रतिशत। माहौल में नमी न होने से हवाओं में नमी नहीं है।
42-43 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है तापमान
इससे तपिश और सख्त होगी। इसके अलावा अधिकतम तापमान सामान्य औसत से 2.6 डिग्री सेल्सियस अधिक है। न्यूनतम तापमान सामान्य औसत के आसपास है। उन्होंने बताया कि तापमान 42-43 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। आने वाले दिनों में गर्मी काफी परेशान करेगी।
इससे तपिश और सख्त होगी। इसके अलावा अधिकतम तापमान सामान्य औसत से 2.6 डिग्री सेल्सियस अधिक है। न्यूनतम तापमान सामान्य औसत के आसपास है। उन्होंने बताया कि तापमान 42-43 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। आने वाले दिनों में गर्मी काफी परेशान करेगी।
गर्मी से बिलबिला उठे लोग, सड़कों पर रहा सन्नाटा
मौसम का अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। आग उगल रहीं सूरज की किरणों के बीच गर्मी से लोग बिलबिला उठे। दोपहर के समय सड़कों पर सन्नाटा नजर आया। अंगोछा, गमछा पहनकर ही लोग घरों से बाहर निकले। मौसम विशेषज्ञों की मानें, तो तापमान और बढ़ेगा।
मौसम का अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। आग उगल रहीं सूरज की किरणों के बीच गर्मी से लोग बिलबिला उठे। दोपहर के समय सड़कों पर सन्नाटा नजर आया। अंगोछा, गमछा पहनकर ही लोग घरों से बाहर निकले। मौसम विशेषज्ञों की मानें, तो तापमान और बढ़ेगा।
आपदा विशेषज्ञों ने भी जारी किया अलर्ट
वहीं, गर्मी को देखते हुए प्रशासन की ओर आपदा विशेषज्ञों ने भी अलर्ट जारी किया है। उन्होंने कहा है कि तेज धूप में विशेष रूप से दोपहर 12 बजे से तीन बजे के बीच घर से बाहर जाने से बचें। भीषण गर्मी में दोपहर के समय अधिक श्रम वाली गतिविधियों को न करें।
वहीं, गर्मी को देखते हुए प्रशासन की ओर आपदा विशेषज्ञों ने भी अलर्ट जारी किया है। उन्होंने कहा है कि तेज धूप में विशेष रूप से दोपहर 12 बजे से तीन बजे के बीच घर से बाहर जाने से बचें। भीषण गर्मी में दोपहर के समय अधिक श्रम वाली गतिविधियों को न करें।
खानपान का रखें विशेष ध्यान
दोपहर के समय खाना पकाने से बचें। रसोई घर को हवादार बनाए रखने के लिए खिड़की व दरवाजे खुली रखें। शराब, चाय, कॉफी व शीतल पेय पदार्थ का सेवन करने से बचें। उच्च प्रोटिन वाले भोजन से बचें और बासी भोजन बिल्कुल न खाएं। अपने बच्चों और पशुओं को खड़ी वाहनों के अंदर न छोडें।
दोपहर के समय खाना पकाने से बचें। रसोई घर को हवादार बनाए रखने के लिए खिड़की व दरवाजे खुली रखें। शराब, चाय, कॉफी व शीतल पेय पदार्थ का सेवन करने से बचें। उच्च प्रोटिन वाले भोजन से बचें और बासी भोजन बिल्कुल न खाएं। अपने बच्चों और पशुओं को खड़ी वाहनों के अंदर न छोडें।
पेय पदार्थ का इस्तेमाल करें
गर्मी से बचने के लिए यह करें उपाय सफर में अपने साथ पीने का पानी रखें और पर्याप्त और नियमित अंतराल पर इसे पीते रहें। पानी की कमी को दूर रखने के लिए ओआरएस घोल, नारियल पानी, लस्सी, नींबू पानी, छाछ, आम का पन्ना आदि पेय पदार्थ का इस्तेमाल करें।
गर्मी से बचने के लिए यह करें उपाय सफर में अपने साथ पीने का पानी रखें और पर्याप्त और नियमित अंतराल पर इसे पीते रहें। पानी की कमी को दूर रखने के लिए ओआरएस घोल, नारियल पानी, लस्सी, नींबू पानी, छाछ, आम का पन्ना आदि पेय पदार्थ का इस्तेमाल करें।
हल्के रंग और ढीले कपड़े पहनें
हल्के रंग के ढीले-ढाले और सूती कपड़े पहनें। धूप में बाहर निकलते समय अपना सिर ढक कर रखें। शिशुओं को पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ एवं पानी पिलाएं। बच्चों को हमेशा ठंडे कमरे में रखें। आपदा विशेषज्ञ ने बताया कि यदि बच्चों के पेशाब का रंग गहरा नजर आए तो समझ लें कि बच्चा पानी की कमी का शिकार है।
हल्के रंग के ढीले-ढाले और सूती कपड़े पहनें। धूप में बाहर निकलते समय अपना सिर ढक कर रखें। शिशुओं को पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ एवं पानी पिलाएं। बच्चों को हमेशा ठंडे कमरे में रखें। आपदा विशेषज्ञ ने बताया कि यदि बच्चों के पेशाब का रंग गहरा नजर आए तो समझ लें कि बच्चा पानी की कमी का शिकार है।
तापमान
- अधिकतम-39 डिग्री सेल्सियस।
- न्यूनतम-19.6 डिग्री सेल्सियस।