गंगा नदी अब रौद्र रूप अख्तियार करने लगी है। धौलपुर समेत अन्य बैराजों से छोड़ा गया पानी अभी जिले में पहुंचा नहीं है, इससे पहले ही नदी उफान पर पहुंच गयी है। गायघाट गेज पर गुरुवार की शाम मीडियम फ्लड को पार कर चुकी गंगा अब हाई लेवल का रुख कर चुकी है। दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। स्कूलों में पानी घुस जाने से शिक्षण संस्थान बंद कर दिए गए। सैकड़ों एकड़ में फैली फसल नष्ट हो गयी। बाढ़ के पानी से प्रभावित बस्तियां टापू में तब्दील होती जा रही है। सुघरछपरा ढाले से जाने वाला सम्पर्क मार्ग पानी में डूब गया है। वहीं दूबेछपरा बस्ती से गोपालपुर जाने वाला मार्ग नदी की धारा में शुक्रवार को कट गया। इससे लोगों को अपने सामानों को सुरक्षित करने में भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
गायघाट गेज पर शुक्रवार शाम चार बजे बजे गंगा का जलस्तर 58.970 मीटर रिकार्ड किया गया। नदी यहां खतरा बिन्दु 57.615 मीटर से 1.36 मीटर ऊपर बह रही है। जबकि एक सेमी प्रति घंटे का बढ़ाव बना हुआ है। यहां हाई फ्लड लेवल 60.390 मीटर है, जो वर्ष 2016 में था। नदी का यह रूप फिलहाल मध्य प्रदेश व उत्तराखंड द्वारा छोडे़ गये पानी के कारण है। ऐसे में धौलपुर बैराज से छोड़ा गया पानी यहां पहुंचा तो नदी किस प्रकार कहर बरपाएगी, इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। कयास लगाये जा रहे हैं कि नदी इस बार अपने पहले के रिकार्ड को भी तोड़ सकती है।