बाल गोेविंद नाम के एक यूजर ने तीन दिन पहले अपने ट्विटर हैंडल से भोपाल शताब्दी एक्सप्रेस में खरीदी गई चाय के बिल की फोटो ट्वीट की। इस बिल में इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म (आईआरसीटीसी) द्वारा चाय की कीमत 20 रुपये रखी गई है, लेकिन सेवा शुल्क 50 रुपये दिखाया गया है।
वंदे भारत, शताब्दी, राजधानी एक्सप्रेस हो या दुरंतो, यदि इन ट्रेनों में अगर सफर करना है तो रिजर्वेशन के दौरान ही वेज-नॉनवेज फूड की बुकिंग करवा लें। नहीं तो फिर इन वीआईपी ट्रेनों की चाय की चुस्की महंगी पड़ेगी। इन ट्रेनों में एक कप चाय के लिए 70 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं। वैसे यहां एक कप चाय की कीमत 20 रुपये ही है, लेकिन रेलवे सर्विस चार्ज केे नाम पर पिछले चार वर्षों से 50 रुपये की अतिरिक्त वसूली कर रहा है। तमाम यात्रियों को इसकी जानकारी नहीं थी, लेकिन तीन दिन पहले जब एक यात्री ने ट्वीट कर यह मामला उठाया तो रेलवे बोर्ड तक हड़कंप मच गया।
बाल गोेविंद नाम के एक यूजर ने तीन दिन पहले अपने ट्विटर हैंडल से भोपाल शताब्दी एक्सप्रेस में खरीदी गई चाय के बिल की फोटो ट्वीट की। इस बिल में इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म (आईआरसीटीसी) द्वारा चाय की कीमत 20 रुपये रखी गई है, लेकिन सेवा शुल्क 50 रुपये दिखाया गया है। यह ट्वीट सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो गया। उत्तर मध्य रेलवे के वाणिज्य विभाग में भी इसकी खासी चर्चा है।
बताया जा रहा है कि सर्विस टैक्स लेेने का यह मामला इसलिए भी सामने आया, क्योंकि अब रेलवे ने स्टेशनों और ट्रेनों में मिलने वाली खानपान की सभी वस्तुओं में बिल अनिवार्य कर दिया है। वाणिज्य विभाग केे एक अफसर ने बताया कि यह सर्विस टैक्स बीते चार वर्ष से लिया जा रहा है।
एक अनुमान के मुताबिक वीआईपी श्रेणी की ट्रेन वंदेभारत, शताब्दी, राजधानी, दुरंतो एक्सप्रेस में 15 से 20 फीसदी यात्री बुकिंग के दौरान नो फूड के विकल्प का चयन करते हैं। सफर के दौरान इनमें से तमाम मुसाफिर ट्रेन में खाने-पीने की वस्तुुएं अधिकृत वेंडर से खरीदना पसंद करते हैं। चाय ही नहीं, सुबह का ब्रेक फास्ट, लंच, डिनर भी अगर रिजर्वेशन के दौरान बुक नहीं है तो आईआरसीटीसी द्वारा 50 रुपयेे सर्विस चार्ज ले लिया जाता है।
ट्रेनों में और स्टेशनों पर खाने-पीने की वस्तुओं की ओवर रेट का मामला जब बीतेे दिनों जीएम एनसीआर प्रमोद कुमार ने कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर पकड़ा तो उसके बाद से ही यात्रियों को बिल देने की अनिवार्यता हो गई। हालांकि यह व्यवस्था पहले भी लागू थी, लेकिन रेल प्रशासन की सख्ती के बाद वेंडर बिल देने लगे हैं।आईआरसीटीसी दे रहा सर्कुलर का हवाला
20 रुपये की चाय के लिए 50 रुपये सर्विस चार्ज लेने को आईआरसीटीसी सही बता रहा है। क्षेत्रीय प्रबंधक अजीत कुमार सिन्हा का कहना है कि जून 2018 में ही रेलवे बोर्ड के टूरिज्म एंड कैटरिंग के डिप्टी डायरेक्टर पीपी लाठे की ओर से पत्र जारी कर बताया गया था कि अगर कोई यात्री राजधानी या शताब्दी एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों में पहले से भोजन बुक नहीं कराता है, और वह यात्रा के दौरान भोजन या चाय की डिमांड करता है तो उसे 50 रुपये सर्विस चार्ज के रूप में अतिरिक्त चुकाने होंगे।
वीआईपी ट्रेनों में बिना बुुकिंग भोजन, चाय आदि पर लिए जा रहे सर्विस टैक्स को जेडआरयूसीसी और डीआरयूसीसी के सदस्यों ने वापस लेने की मांग की है। जेडआरयूसीसी (क्षेत्रीय रेल उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति) के सदस्य विजय अरोरा और डीआरयूसीसी (मंडल रेल उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति) के सदस्य पवन श्रीवास्तव ने कहा कि रेलवे बोर्ड इस मामले को संज्ञान में ले।