Search
Close this search box.

माफिया अतीक अहमद के इनामी बेटे उमर की खुलेगी हिस्ट्रीशीट

Share:

Prayagraj News : मोहम्मद उमर और अतीक अहमद। फाइल फोटो

मोहम्मद उमर अतीक का सबसे बड़ा बेटा है। लखनऊ के प्रॉपर्टी डीलर मोहित जायसवाल को अगवा कर देवरिया जेल में ले जाकर पिटाई करने के मामले में उसके खिलाफ दिसंबर 2018 में लखनऊ के कृष्णा नगर थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी।

माफिया अतीक अहमद का इनामी बेटा उमर जल्द ही हिस्ट्रीशीटर होगा। जिला पुलिस ने उसकी हिस्ट्रीशीट खोलने की कार्यवाही शुरू कर दी है। इसके लिए दस्तावेज जुटाने का काम शुरू कर दिया गया है। उमर पर सीबीआई ने दो लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा है, लेकिन वह तीन साल से केंद्रीय जांच एजेंसी को छका रहा है।

मोहम्मद उमर अतीक का सबसे बड़ा बेटा है। लखनऊ के प्रॉपर्टी डीलर मोहित जायसवाल को अगवा कर देवरिया जेल में ले जाकर पिटाई करने के मामले में उसके खिलाफ दिसंबर 2018 में लखनऊ के कृष्णा नगर थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर करीब छह महीने बाद कृष्णा नगर थाने में दर्ज एफआईआर को ही आधार बनाते हुए सीबीआई लखनऊ की स्पेशल क्राइम ब्रांच ने केस दर्ज कर जांच शुरू की। इसमें अतीक के साथ ही उसके बेटे उमर, करीबी जफरउल्लाह, फारुख, जकी व गुलाम सरवर समेत 18 लोगों को नामजद किया गया।

Prayagraj News : दो लाख का इनामी मोहम्मद उमर।

मोहम्मद उमर पर घोषित है दो लाख का इनाम

काफी तलाश के बाद भी नहीं मिलने पर उमर के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कराया गया। इसके कुछ दिनों बाद उस पर सीबीआई की ओर से दो लाख का इनाम घोषित किया गया, लेकिन फिर भी वह हाथ नहीं आया। नाम न छापने की शर्त पर एक अफसर ने बताया कि उमर अपहरण कर जेल में पिटाई, रंगदारी समेत कई गंभीर धाराओं में दर्ज मामले का आरोपी है।

उसका पिता अतीक अहमद कुख्यात माफिया है और उसका चाचा अशरफ भी अपराधी है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि हिस्ट्रीशीट खोलकर उसकी निगरानी की जाए। सूत्रों का कहना है कि अफसरों के निर्देश पर खुल्दाबाद पुलिस ने इस संबंध में दस्तावेज जुटाने का काम भी शुरू कर दिया है।

माफिया अतीक अहमद और उसका बेटा मोहम्मद उमर। फाइल फोटो
उमर के खिलाफ मिले थे फोरेंसिक साक्ष्य
मोहित जायसवाल केस की जांच के दौरान सीबीआई को उमर के खिलाफ फोरेंसिक साक्ष्य मिले थे। सीडीआर और टॉवर लोकेशन से यह पता चला था कि घटना के वक्त उसकी मोबाइल लोकेशन देवरिया जेल के इलाके में ही थी। एक खास बात यह भी रही कि जमानत प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किए जाने के दौरान उमर की ओर से उसके वकीलों ने यह बात स्वीकार की थी कि घटना वाले दिन वह परिजनों को साथ लेकर अपने पिता से मिलने देवरिया जेल गया था। लेकिन सीबीआई की ओर से बताया गया था कि उसे जांच के दौरान ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं मिला, जिसमें जेल प्रशासन ने उमर को जेल के भीतर जाने की अनुमति दी हो।नोएडा से कर रहा था कानून की पढ़ाई
24 साल का उमर नोएडा के एक निजी लॉ कॉलेज का छात्र रहा है। खास बात यह है कि कृष्णा नगर पुलिस की ओर से जो चार्जशीट दाखिल की थी उसमें उसका नाम नहीं था। उसके वकीलों की ओर से कोर्ट में जो जमानत प्रार्थनपत्र दिया गया था, उसमें दावा किया गया था कि  उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है।

  • आशा खबर /शिखा यादव

Leave a Comment

voting poll

What does "money" mean to you?
  • Add your answer

latest news