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‘पुष्पा पार्ट 2’ की ओटीटी रिलीज में नया अड़ंगा, अब इतने हफ्ते बाद ही मिल सकेगी अनुमति

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पुष्पा 2तमिल सिनेमा के सुपरस्टार रजनीकांत के दामाद रहे धनुष की आखिरी फिल्म आपने सिनेमाघरों में कौन सी देखी? शायद दिमाग पर जोर देकर याद करने की कोशिश करें तो भी याद न आए। हिंदी में अक्षय कुमार के साथ बनी उनकी फिल्म ‘अतरंगी रे’ को भी फिल्म वितरकों ने तमिलनाडु में रिलीज करने से मना कर दिया। वजह? तमिलनाडु के फिल्म वितरकों ने ये नियम बना रखा है कि जो भी कलाकार अपनी फिल्म सीधे ओटीटी पर या सिनेमाघरों में रिलीज की तय अवधि से पहले ओटीटी पर करेगा, उसे वह अपने यहां ब्लैकलिस्ट कर देंगे। ऐसा ही कुछ अब तेलुगू सिनेमा में होने जा रहा है। 1 जुलाई से तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में फिल्म वितरकों व निर्माताओं ने नई फिल्मों के लेकर नया नियम लागू कर दिया है।

पुष्पा द राइज

कोरोना संक्रमण काल के दौरान देश के सिनेमा कारोबार पर एक तरह से तेलुगू सिनेमा का ही असर सबसे ज्यादा रहा है। बीते साल हिंदी सिनेमा की बड़ी बड़ी फिल्मों ने जब इस दौरान बॉक्स ऑफिस पर हथियार डाल दिए तो एक तेलुगू फिल्म ‘पुष्पा पार्ट वन’ यानी ‘पुष्पा द राइज’ ने बॉक्स ऑफिस पर हंगामा कर दिया। कोरोना संक्रमण काल के दो साल यानी साल 2020 और 2021 ऐसे रहे जिनमें हिंदी सिनेमा का कारोबार तेजी से घटा। एक अनुमान के मुताबिक इन दो साल से पहले भारतीय सिनेमा के कुल कारोबार में हिंदी सिनेमा का हिस्सा करीब 55 फीसदी के करीब रहा जो इन दो साल में घटकर 27 फीसदी पर आ गया। तेलुगू सिनेमा की हिस्सेदारी इस दौरान 28 फीसदी रही।

केजीएफ 2, बाहुबली 2

सिनेमाघरों में तेलुगू सिनेमा के चमत्कार के बीच एक कन्नड़ फिल्म ने भी इस साल दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। निर्देशक प्रशांत नील की यश स्टारर फिल्म ‘केजीएफ 2’ हिंदी में अब तक रिलीज हुई फिल्मों दूसरी सबसे कामयाब फिल्म बन चुकी है। तेलुगू फिल्म ‘बाहुबली 2’ इस लिस्ट में अभी भी नंबर वन पर है। तेलुगू फिल्मों की हिंदी पट्टी में हो रही शानदार कमाई को देखते हुए देश में सक्रिय देसी विदेशी ओटीटी कंपनियों ने इन फिल्मों के ओटीटी अधिकार खरीदने के लिए इन दिनों होड़ लगा रखी है। लेकिन, हैदराबाद के फिल्म निर्माताओं और वितरकों ने अब इसे नियंत्रित करने का फैसला किया है।
तेलुगू फिल्म निर्माताओं ने हाल ही में ये फैसला किया है कि कोरोना संक्रमण के सबसे कठिन समय में तेलुगू फिल्मों को सिनेमाघरों के बाद ओटीटी पर जल्द से जल्द प्रदर्शित करने के लिए दी गई ढील अब खत्म की जा रही है। 1 जुलाई से लागू इस निर्देश के मुताबिक अब कोई भी तेलुगू फिल्म सिनेमाघरों में कम से कम छह हफ्ते चलने के बाद ही ओटीटी पर प्रसारित हो सकेगी। तेलुगू फिल्म उद्योग के बड़े सितारों पर ये प्रतिबंध आठ हफ्ते का होगा। हर तेलुगू फिल्म को अब पहले सिनेमाघरों में प्रदर्शित करना ही होगा।
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राधेश्याम

हैदराबाद से संचालित होने वाली तेलुगू फिल्म इंडस्ट्री के लिए ये नियम इसके निर्माताओं की संस्था ने इसलिए भी बनाया है कि तमाम फिल्मकारों ने हाल के दिनों मे सिनेमाघरों में फिल्म को रिलीज करने के चार हफ्ते बाद ही ओटीटी पर रिलीज कर दिया। सुपरस्टार प्रभास की फिल्म ‘राधेश्याम’ तो तीन हफ्ते बाद ही ओटीटी पर रिलीज हो गई। 1 जुलाई से लागू ये नया नियम उन्हीं फिल्मों पर लागू होगा जो सिनेमाघरों में प्रदर्शित करने के लिए वितरकों से करार करेंगी। मुंबई के फिल्म निर्माताओं की संस्थाओं में इस नए नियम को लेकर शुक्रवार से ही चर्चा जारी है। संभव है कि जल्द ही हिंदी फिल्मों के निर्माता भी ऐसी ही किसी व्यवस्था को लागू करने पर एकमत हो जाएं।

 

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