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बिहार में लगातार हो रही बारिश से नदियां उफान पर, उत्तर बिहार के सीमांचल का हाल-बेहाल

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बिहार में बाढ़ का पानी चढ़ा एनएच पर।

-अररिया में एनएच-327 ई के डायवर्सन पर दो फिट बह रहा पानी

-बाढ़ प्रभावित लोगों ने राहत दिये जाने की अपील की

बीते तीन से से रुक-रुककर लगातार हो रही बारिश से प्रदेशभर की सभी नदियों के जलस्तर में वृद्धि हुई है। इससे बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं। खासकर उत्तर बिहार के सीमांचल क्षेत्र के जिले ज्यादा प्रभावित हैं। पूर्णिया के कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। अररिया में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-327ई के डायवर्सन पर दो फीट से ऊपर पानी बह रहा है। लोग इन क्षेत्रों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र घोषित कर राहत दिए जाने और कम्युनिटी किचन शुरू कराने की अपील सरकार से कर रहे हैं।

पूर्णिया के अमौर में कनकई नदी के बढ़ते जलस्तर के साथ ही गांवों में पानी घुस चुका है। कई लोग अब भी घरों में फंसे हुए है तो कई लोग गांव से बाहर पुल पर शरण ले रहे हैं। लोगों के सामने अब खाने पीने की आफत आ गयी है। कनकई नदी के उफान से प्रभावित नागरा टोली, सिमलवारी टोला, बाभनडोभ, ज्ञानडोभ, हरिपुर, खारीमहीन गांव, हफनिया, तालबारी, चौका डहुआबाड़ी, तालबारी महादिलत टोला, सुरजापुर जैसे दर्जनों गांव में पानी घुस गया है। कुछ लोग पैठान टोली पुल में शरण लिए हुए है।

प्रशासनिक व्यवस्था नदारद

प्रशासन की ओर से अबतक कोई व्यवस्था नहीं हुई है। बीती रात से ही सिमलवारी नगरा टोली में चार परिवार पानी में फंसा है। ना एनडीआरफ टीम और ना ही एसडीआरफ की टीम ही है। अमौर से ज्ञानडोभ जाने वाली सड़क के ऊपर तीन फिट पानी बह रहा है। सड़क के ऊपर से पानी बहने के कारण प्रखंड मुख्यालय से सम्पर्क भंग हो गया। लोगों कम्युनिटी किचन की मांग कर रहे हैं। क्षेत्र का जायज़ा लेने पहुंचे अमौर के पूर्व विधायक सबा ने अंचलाधिकारी से संपर्क कर अविलंब राहत सामग्री मुहैया करने की बात कही है।

प्रशासन की ओर से कोई ठोस व्यवस्था नहीं होने के कारण लोगों में आक्रोश भी काफी है। मुख्यमंत्री से अविलंब अमौर को बाढ़ प्रभावित घोषित कर राहत सामग्री मुहैया कराने की मांग की गई है। अररिया में बाढ़ विकराल रूप लेता जा रहा है। जोकीहाट में लगातार दो दिनों से बारिश हो रही है। दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। एनएच 327 ई पर बोरिया डायवर्सन पर दो फिट पानी का बहाव हो रहा है। बड़े वाहनों का परिचालन ठप है।

बकरा नदी के जलस्तर में वृद्धि होने से पानी निचले इलाकों में प्रवेश कर गया है। इलाके की कई सड़कें डूब गयी हैं। बैरगाछी से उदाहाट को जोड़ने वाली सड़क धोबकट्टा बांध तुरकेली ध्वस्त हो गयी है जिससे यातायात पूरी तरह से बाधित हो गया है। फैटकी से बगडहरा को जोड़ने वाली सड़क का भी यही हाल है।

भागलपुर जिले में कोसी के कटाव से सहमे लोग

भागलपुर जिला अंतर्गत बिहपुर में बाढ़ से लोगों की परेशानी बढ़ी हुई है। हरिओ पंचायत के कोसी पार गांव कहारपुर के वार्ड नंबर 04 में कोसी का कटाव जारी है। तीन घर कटाव की भेंट चढ़ गये। मुखिया प्रतिनिधि सच्चिदानंद सिंह, पंसस अंजू देवी व वार्ड सचिव रविशंकर यादव ने बताया कि जगदीश रविदास, पिंटू रविदास और पंकज रविदास के घर कोसी में विलीन हो गये।

खरीक में कोसी का जलस्तर बढ़ने से तटीय इलाकों में कटाव की रफ्तार तेज हो गयी है। सिहकुंड और लोकमानपुर में भीषण कटाव शुरू हो गया है। कटाव की रफ्तार इतनी तेज है कि कई लोग अपने घरों को तोड़कर खुद हटा रहे हैं। लोकमानपुर में फ्लड फाइटिंग से तात्कालिक काम किया जा रहा है जो कटाव रोकने के लिए पर्याप्त नहीं है। सिहकुंड में कटाव की विभीषिका से जूझ रहे लोगों को बचाने के लिए अब तक कोई मुकम्मल प्रयास नहीं किया गया है। सिहकुंड में आधा दर्जन घर कटाव के मुहाने पर हैं। ग्रामीणों का कहना है कि शिव कुंड में अब तक बचाव कार्य शुरू नहीं हो सका है।

आशा खबर / रेशमा सिंह पटेल

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