यहां कन्हैयालाल तेली की निर्मम हत्या से आक्रोशित लोगों ने गुरुवार को कर्फ्यू के बीच मौन जुलूस निकालकर हत्यारोपितों को फांसी की सजा देने की मांग की।
उधर, दोपहर बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उदयपुर पहुंचे और कन्हैयालाल के घर गए। वहां उन्होंने परिवारजनों को ढांढस बंधाया और सख्त कानूनी कार्यवाही का विश्वास दिलाया। मुख्यमंत्री ने परिवार को 51 लाख का चेक भी सौंपा। इसके बाद वे एमबी अस्पताल में भर्ती ईश्वर से भी मिलने पहुंचे। मुख्यमंत्री ने घायल को 5 लाख रुपये की सहायता और पुख्ता सुरक्षा की बात कही। उन्होंने कहा कि घटना देश को हिला देने वाली है और एनआईए इसकी गहन जांच कर रही है। राज्य की एसओजी और एसआईटी एनआईए को पूरा सहयोग कर रही है।
इधर, सुबह नगर निगम प्रांगण से निकले मौन जुलूस में हजारों की संख्या में उदयपुर शहर और समीपवर्ती क्षेत्रों से सर्व समाज के नागरिक शामिल हुए। आतंक के खिलाफ कार्रवाई, हत्यारों को फांसी तथा कन्हैयालाल को न्याय दो आदि नारे लिखी तख्तियों तथा भगवा पताकाओं के साथ जुलूस सूरजपोल, बापू बाजार, बैंक तिराहा, देहलीगेट होते हुए जिला कलेक्ट्रेट पहुंचा। संत समाज के नेतृत्व में जब जुलूस बापूबाजार पहुंचा तो सड़क पर तिल धरने तक की भी जगह नहीं थी। अनुशासित रूप से जुलूस कलेक्ट्रेट पहुंचा और वहीं पर सभा हुई।
इस मौन प्रदर्शन का सम्पूर्ण नेतृत्व मेवाड़ के संत समाज ने किया। भाजपा-कांग्रेस के कई जनप्रतिनिधि इसमें शामिल हुए और एक सुर से इस आतंकी कार्रवाई के आरोपितों को फांसी की सजा की मांग की गई। ऐसे तत्वों को जड़ से समाप्त करने की मांग की। इसके बाद मेवाड़ में बड़ीसादड़ी स्थित रामानुज आश्रम के मेवाड़पीठ के पीठाधीश सुदर्शनानंद ने ज्ञापन का वाचन किया। उन्होंने कहा कि हत्या करना और हत्या के बाद उसका वीडियो प्रदर्शन करना जिस मानसिकता को दर्शाता है, वह मानसिकता स्वीकार नहीं की जा सकती।
इसके बाद संत समाज ने राष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में राजस्थान की गहलोत सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लागू करने, मामले की जांच एनआईए से करवाकर हत्यारों को मृत्युदंड देने, सिमी, पीएफआई जैसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाने, राजस्थान में रहने वाले राष्ट्रविरोधी तत्वों की पहचान कर कानूनी कार्रवाई करने, मृतक के परिजनों को पांच करोड़ मुआवजा, दोनों पुत्रों को सरकारी नौकरी, मृतक को बचाने के दौरान घायल हुए साथी के सम्पूर्ण उपचार सहित उसके पूरे परिवार की सम्पूर्ण सुरक्षा भी पुख्ता करने की मांग की गई।
इस मौके पर जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा ने बताया कि हत्यारोपितों को पकड़ लिया गया है। लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई की गई है। आरोपितों के सम्पर्क वालों की भी जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को निकलने वाली रथयात्रा के लिए प्रशासन पूरी तरह चाक-चौबंद है। रथयात्रा मार्ग पर कर्फ्यू हटाने या ढील देने के निर्णय पर विचार किया जा रहा है।