लखनऊ में रेलवे ठेकेदार वीरेंद्र उर्फ गोरख ठाकुर की हत्या की कर दी गई। जानकारी के मुताबिक हत्या करने आये शूटर कैंट इलाके के होटल में शुक्रवार को ही पहुंच गए थे। वहीं से उन्होंने रेकी की, फिर वारदात को अंजाम देकर निकल गये।
रेलवे ठेकेदार व शिकारपुर थाने के हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र उर्फ गोरख ठाकुर की हत्या में शामिल शूटरों ने कैंट इलाके के होटल में ठिकाना बनाया था। वहीं से रेकी की, फिर वारदात को अंजाम देकर निकल गये। पुलिस के मुताबिक शूटर शुक्रवार को ही होटल में पहुंच गये थे। इस बात की पुष्टि पुलिस के हाथ लगे और सीसीटीवी कैमरों की फुटेज में मिला है। पुलिस का दावा है कि दो शूटर एक होटल में रुके थे जिसके बारे में पुलिस को कई अहम सुराग मिले है। इस होटल में चंद घंटे के लिये शूटर गये थे।
हत्यारों की तलाश में कैंट पुलिस की टीम ने नरकटियागंज में डेरा डाल दिया है। वहां मंगलवार को पुलिस टीम ने वीरेंद्र के घर की तलाशी ली। मौके से लाखों रुपये के सिक्के मिले। सिक्के देखकर पुलिस टीम के होश उड़ गये। तत्काल वीरेंद्र ठाकुर के भाई को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी। पुलिस ने आशंका जाहिर की है कि रेलवे ठेकेदार का परिवार सिक्कों की तस्करी करता है। वहीं शिकारपुर थाने में जाकर वीरेंद्र के आपराधिक इतिहास को खंगाला।
कैंट के नीलमथा स्थित रेलवे ठेकेदार वीरेंद्र ठाकुर की घर में शनिवार को घुसे शूटरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद शहीदपथ होते हुए भाग निकले। एसीपी कैंट डॉ. अर्चना सिंह की टीम ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर ही हत्यारों का रूट चार्ट तैयार किया था। टीम ने दो दिन में कई और फुटेज देखे। इन फुटेज से ही मंगलवार को पता चला कि शूटर एक दिन पहले ही आ गये थे। पुलिस अब यही दावा कर रही है कि इस घटना में फिरदौस शामिल था। वहीं सर्विलांस टीम को भी शूटरों के बारे में कई अहम सुराग मिले हैं। बिहार गई टीम ने वहां वीरेंद्र ठाकुर के कुछ रिश्तेदारों से भी पूछताछ की है।
परिवार के लौटने का इंतजार
पुलिस का कहना है कि वीरेंद्र की दूसरी पत्नी खुशबुन तारा से कुछ सवालों का जवाब पता करना है। लेकिन परिवार अभी बिहार में है। तेरहवीं संस्कार के बाद परिवारीजन लौटेगे। अभी उनके यहां सब शोक में हैं इसलिये वहां गई टीम भी परिवारीजनों से पूछताछ नहीं कर रही है। वहीं वीरेंद्र ने जो गार्ड सुरक्षा के लिये रखे थे। उनके पैतृक गांव शाहजहांपुर में पुलिस दो दिन डेरा डाले रही लेकिन कुछ पता नहीं चला।
वीरेंद्र उर्फ गोरख ठाकुर मर्डर केस की विवेचना कर रहे प्रभारी निरीक्षक शिवचरन लाल के मुताबिक बिहार में उसके ठिकानों से लाखों रुपए के सिक्के बरामद हुए हैं। इसके बारे में गोरख के भाई लालू ठाकुर से पूछताछ हुई। उसने बताया कि भाई रेलवे स्टैंड के ठेके लेता था। स्टैंड पर ज्यादातर रेजगारी मिलती थी। नरकटियागंज में ये सिक्के नहीं चलते इसलिए भारी मात्रा में ये रखे पड़े थे। ज्यादा होने पर ये सिक्के लखनऊ भाई के पास पहुंचा दिए जाते थे। लेकिन सवाल है कि जब नरकटियागंज में सिक्के चलते नहीं तो स्टैंड पर इतने सिक्के आते कहां से थे। इंस्पेक्टर के मुताबिक इस बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
खुद पर हमले के आरोपी शूटर को चिमनी में डलवा दिया
लखनऊ पुलिस गोरख की हत्या की आरोपी उसकी पहली पत्नी प्रियंका और उसके पति बिट्टू की तलाश में नरकटियागंज में जमी है। पुलिस ने जब वीरेंद्र के आपराधिक कुडंली खंगाली शुरू की तो सामने आया कि 2019 में वीरेंद्र को गोली मारने का आरोपी विनय वर्मा मुख्य आरोपी फिरदौस का शूटर था। हमले में जान बचने के बाद गोरख ने विनय की तलाश की। उसने विनय के साथी देवेंद्र तिवारी को रुपयों का लालच देकर अपने साथ मिलाया। उसी की मदद से विनय को पकड़कर जिंदा ही ईंट भट्ठे की चिमनी में डलवाकर उसकी हत्या कर दी। बिहार गयी पुलिस की जांच में सामने आया कि गोरख की हत्या से जुड़े हर किरदार की भूमिका संदेह के घेरे में है। यहां तक कि वीरेंद्र के साथ रहने वाले सुरक्षाकर्मी और परिवार के लोगों की भूमिका भी।
पहली पत्नी व प्रेमी पर दर्ज है बिहार में केस
रेलवे ठेकेदार वीरेंद्र की हत्या में नामजद गोरख की पहली पत्नी प्रियंका और उसके प्रेमी बिट्टू जायसवाल के खिलाफ 2008 में ही बेतिया के शिकारपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। ये मुकदमा बिट्टू की पहली पत्नी दीक्षा वर्मा ने तब दर्ज कराया जब उससे बेवफाई करके बिट्टू, प्रियंका को लेकर भागा था। उधर गोरख पर 2019 में हमले के बाद ख़ुशबुन तारा वापस बेतिया के बरवा बरौली गांव आ गयी। यहां घरवालों ने उसकी दूसरी शादी कर दी। लेकिन कुछ ही दिनों बाद वो पति को छोड़कर फिर से गोरख उर्फ वीरेंद्र ठाकुर के पास पहुंच गई।
चुनावी रंजिश में करा चुका था हत्या
हत्याकांड की पड़ताल कर रही लखनऊ पुलिस को वीरेंद्र ठाकुर के बारे में जो जानकारी मिली वह पुलिस को किसी फिल्मी ठाकुर की तरह लगी। पुलिस के मुताबिक राजनीतिक संरक्षण के लिए 2013 में गोरख उर्फ वीरेंद्र ने अपनी मां को वार्ड-13 से सभासद का चुनाव लड़ा रहा था। उसके खिलाफ गट्टू चौरसिया मैदान में था। मतदान से पहले ही गोरख ने गट्टू की हत्या करवा दी। इस वारदात के बाद उसने बिहार में छोटा वीरप्पन के नाम से मशहूर चंदन तस्कर मुस्तफा को गोली मारकर उसके लकड़ी और खनन कारोबार पर कब्जा जमाया। हालांकि इस हमले में मुस्तफा बच गया, लेकिन गोरख के खौफ से वह अंडरग्राउंड हो गया।