रकम की वसूली के लिए जिला प्रशासन को भेजी गई रिपोर्ट, दावा अधिकरण के माध्यम से नोटिस जारी कराने की तैयारी। अटाला बवाल से संबंधित जिस खर्च का हिसाब जोड़ा गया है उसमें टियर गैस, रबर बुलेट समेत अतिरिक्त पुलिसकर्मियों की ड्यूटी समेत अन्य खर्च जोड़े गए हैं।
अटाला में 10 जून को जुमे के दिन हुए बवाल के मामले में पुलिस विभाग को लंबी चपत लगी है। उपद्रवियों से निपटने में विभाग के 54 लाख रुपये खर्च हो गए। यह वह राशि है, जो पुलिस विभाग के हिसाब-किताब में आई है। फिलहाल इस रकम की वसूली की तैयारी है। अफसरों ने इस रकम की वसूली के लिए जिला प्रशासन को रिपोर्ट भेज दी है।
अटाला में बवाल के दौरान उपद्रवियों से निपटने में पुलिस को खासा मशक्कत करनी पड़ी थी। उपद्रव में शामिल युवकों ने पत्थर बरसाने के साथ ही बमबाजी व आगजनी भी की थी। इस दौरान कई पुलिसकर्मियों के निजी वाहनों के साथ ही पीएसी के ट्रक को भी फूंक दिया गया था। पथराव में कई पुलिसकर्मी जख्मी हुए थे।
हालात इस कदर बेकाबू हुए थे कि पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने के साथ ही रबर बुलेट का भी इस्तेमाल करना पड़ा था। न सिर्फ प्रयागराज बल्कि आसपास के जनपदों कौशाम्बी, चित्रकूट, प्रतापगढ़ से भी फोर्स बुलानी पड़ी थी। लगातार एक हफ्ते तक पुलिस फोर्स के साथ ही पीएसी व आरएएफ की टुकड़ियों को भी अटाला में तैनात करना पड़ा था। पुलिस अफसरों की ओर से जब घटना में प्रयुक्त पुलिस बल व संसाधनों के खर्च का हिसाब निकाला गया तो यह लाखों में आया। विभाग की ओर से लगाए गए हिसाब में जोड़ी गई कुल रकम 54 लाख रुपये आई।
पुलिस की ड्यूटी का भी जोड़ा गया खर्च
अटाला बवाल से संबंधित जिस खर्च का हिसाब जोड़ा गया है उसमें टियर गैस, रबर बुलेट समेत अतिरिक्त पुलिसकर्मियों की ड्यूटी समेत अन्य खर्च जोड़े गए हैं। इसकेअलावा बवालियों को नियंत्रित करने के दौरान क्षतिग्रस्त हुए उपकरणों के खर्च को भी इसमें शामिल किया गया है। यही नहीं पुलिस के वाहनों को हुए नुकसान के साथ ही घायल सुरक्षाकर्मियों के इलाज में खर्च हुए रुपयों समेत अन्य मद में खर्च हुई रकम को भी शामिल किया गया है।
दावा अधिकरण में भेजा जाएगा मामला
पुलिस अफसरों का कहना है कि अटाला बवाल प्रकरण में पुलिस विभाग के खर्च के संबंध में रिपोर्ट जिला प्रशासन को भेज दी गई है। जिला प्रशासन की ओर से इस संबंध में वसूली के लिए दावा अधिकरण में अर्जी दी जाएगी। इस अर्जी पर सुनवाई करते हुए दावा अधिकरण आरोपियों को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने को आदेशित करेगा। उनका पक्ष सुनने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। जिसमें वसूली के लिए संबंधितों को नोटिस भी जारी किया जा सकता है।
पुलिस विभाग की ओर से खर्च से संबंधित रिपोर्ट जिला प्रशासन को भेज दी गई है। आगे की कार्रवाई जिला प्रशासन की ओर से ही की जाएगी।