लखनऊ के सआदतगंज इलाके में एक महिला को दहेज के लिए उसके पति ने तलाक दे दिया और फिर लोगों का दबाव पड़ने पर उसके सामने हलाला की शर्त रख दी। मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है।
दहेज में पांच लाख रुपये की मांग पूरी न होने पर गर्भवती पत्नी को तीन तलाक देने और फिर जेठ से हलाला करने का दबाव बनाने का मामला प्रकाश में आया है। पीड़िता ने सआदतगंज थाने में तहरीर दी जिस पर केस दर्ज कर पुलिस मामले की जांच कर रही है।
पीड़िता के मुताबिक, उसकी शादी 16 जून 2019 को सुफियान अली उर्फ बाबर से हुई थी। सामर्थ्य के अनुसार, दहेज दिया गया लेकिन विवाहिता विदा होकर जब ससुराल पहुंची तो उस पर दहेज में पांच लाख रुपये लाने का दबाव बनाया गया। आरोप है कि रकम न लाने पर उसकी पिटाई की जाती थी। इसी बीच पीड़िता ने एक बेटे को जन्म दिया। डॉक्टराें ने महिला को सेहत पर ध्यान देने के लिए कहा था। आरोप है कि ससुर महबूब अली, जेठ गुफरान और ननद नूर सबा उसे प्रताड़ित करने लगे। परिवार के दबाव में सूफियान भी पत्नी से गलत व्यवहार करने लगा। आरोप है कि उसे खाने के लिए बासी खाना दिया जाता था जिसे खाने से इनकार पर उसकी पिटाई की जाती थी।
पीड़िता के मुताबिक, 22 अप्रैल 2022 को परिवार के दबाव में सूफियान ने पत्नी को तीन तलाक देकर घर से बाहर निकाल दिया। पीड़िता के मुताबिक, उसके पिता की मौत हो चुकी है। परिवार में केवल मां है। वह मायके पहुंची और जानकारी मां को दी। मां ने संभ्रांत लोगों की मदद लेकर सूफियान के पिता महबूब अली से बहू को वापस घर में लेने के लिए पंचायत कराई। पहले तो ससुराल वालों ने मना कर दिया लेकिन दबाव पड़ने पर हामी भर दी। इसके बाद जब ले जाने का समय आया तो मुकर गए।
आरोप है कि ससुराल के लोगों ने जेठ से हलाला करने की शर्त रख दी। यह बात सुनकर महिला परेशान हो गई। उसने शर्त मानने से मना कर दिया। पीड़िता ने सआदतगंज थाने में तहरीर दी। प्रभारी निरीक्षक सआदतगंज सिद्घार्थ मिश्रा के मुताबिक, पीड़िता की तहरीर पर सुफियान, उसके पिता महबूब, भाई गुफरान समेत दो महिलाओं के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच की जा रही है।