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लखनऊ विश्वविद्यालय में नैक निरीक्षण की तिथि तय होने के बाद तैयारियां तेज हो गई हैं। हर विभाग कुछ अलग दिखने की तैयारी में लगा है। इसी क्रम में विभिन्न स्तरों पर मेडल पाने वाले मेडल होल्डर एक बार फिर विभागों में चमकेंगे।
यहां मेरिटोरियस स्टूडेंट्स की जानकारी भी रहेगी। वहीं, वॉल ऑफ फेम में विभागों का जोर इंटरनेशनल पर्सनैलिटी पर ज्यादा है। इनमें रॉकेट वूमेन ऑफ इंडिया के नाम से चर्चित पूर्व छात्रा रितु करिधल और स्पेस साइंटिस्ट अनिल भारद्वाज हैं।
विश्वविद्यालय में नैक टीम का भ्रमण 11 से 13 जुलाई तक होना है। इसे लेकर विभागों में युद्ध स्तर पर तैयारियां और साफ-सफाई का काम चल रहा है।
साथ ही सभी विभाग अपनी वेबसाइट को बेहतर और अपडेट कर रहे हैं। शिक्षकों के डेट से लेकर उनके प्रकाशन की जानकारी अपलोड की गई है। डेटा अपग्रेडेशन, फाइलों के रखरखाव से लेकर अन्य चीजों को भी दुरुस्त किया जा रहा है।
विश्वविद्यालय के हर विभाग की अपनी अलग खासियत है, जिसे ध्यान में रखकर वह तैयारी कर रहे हैं। साइंस के अधिकतर विभागों के अपने शोध, लैब और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चमके छात्र हैं, जिसे वे प्रस्तुत करेंगे।
भौतिक विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो. एनके पांडेय ने बताया कि हमारी पूर्व छात्रा रितु करिधल डिप्टी डायरेक्टर मंगलयान व डिप्टी डायरेटर चंद्रयान टू रही हैं।
उनकी गिनती रॉकेट वूमेन ऑफ इंडिया में गिनती होती है। वहीं स्पेस साइंटिस्ट अनिल भारद्वाज जैसे अंतरराष्ट्रीय पर्सनैलिटी वाले पूर्व छात्रों की वॉल ऑफ फेम तैयार करवा रहे हैं। अन्य तैयारियों को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है।
वहीं, सोशल वर्क के हेड प्रो. अनूप कुमार भारतीय ने बताया कि हमारे यहां एक्टिविटी ज्यादा होती है। इसे देखते हुए हम एक फोटो गैलरी कोलाज के रूप में तैयार कर रहे हैं।
वर्ष 2012-13 से हब के मेडल होल्डर के फोटो कोलॉज भी विभाग में प्रदर्शित करेंगे। हर पीएचडी स्टूडेंट की अपनी अलग प्रगति रिपोर्ट तैयार की गई है। वेबसाइट अपडेट कर दी गई है। विभाग में स्टूडेंट काउंसिल का गठन पहले ही किया जा चुका है।
एआईएच, जियोलॉजी म्यूजियम को प्रस्तुति योग्य बनाएंगे
विवि के कई विभागों के पास काफी महत्वपूर्ण व पुराने म्यूजियम हैं। पिछले दिनों कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने अपने निरीक्षण में एआईएच, जियोलॉजी आदि विभागों को अपने म्यूजियम को प्रस्तुति योग्य बनाने को कहा है। इसी क्रम में विभागों द्वारा अपना प्रेजेंटेशन तैयार कर नैक समन्वय टीम को भेजा जा चुका है। जहां वे उसका परीक्षण कर अगर कोई सुधार की जरूरत होगी तो वह संबंधित विभाग को इसके लिए सूचित करेंगे।