रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा सीटें भाजपा ने सपा से छीन लीं हैं। रामपुर में भाजपा प्रत्याशी घनश्याम लोधी ने आसिम रजा को मात दी। वहीं, आजमगढ़ में भोजपुरी गायक निरहुआ ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव के भाई धर्मेंद्र यादव को हराया।
यूपी उपचुनाव में सपा की अपने गढ़ में ही हार के बाद एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अखिलेश यादव की कड़ी आलोचना की है। ओवैसी ने कहा कि अखिलेश यादव बहुत घमंडी हैं, वे भाजपा को नहीं हरा सकते। इसके साथ ही उन्होंने मुस्लिमों को भी सलाह दी है।
आजमगढ़ व रामपुर लोकसभा सीटों के उपचुनाव के रविवार को आए नतीजों में इन दोनों सीटों पर सपा को भाजपा ने करारी शिकस्त दी है। इन दोनों सीटों पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव और उनके करीबी नेता आजम खान की प्रतिष्ठा दांव पर लगी थी। इसे लेकर हैदराबाद के सांसद ओवैसी ने रविवार को कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने एएनआई से चर्चा में कहा, ‘अखिलेश यादव बहुत घमंडी हैं। उनके पिता व यूपी के पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव इस सीट (आजमगढ़) से सांसद रहे हैं। उसके बाद अखिलेश भी जीते, लेकिन इसके बाद भी उन्होंने वहां जाकर लोगों को यह नहीं बताया कि वह चुनाव क्यों नहीं लड़ रहे हैं।’
रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा सीटें भाजपा ने सपा से छीन लीं हैं। रामपुर में भाजपा प्रत्याशी घनश्याम लोधी ने करीब 42 हजार मतों से समाजवादी पार्टी के आसिम रजा को मात दी। वहीं, आजमगढ़ में भोजपुरी गायक और भाजपा उम्मीदवार दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव के भाई धर्मेंद्र यादव को हराया। भाजपा के लिए यह जीत काफी मायने रखती है, क्योंकि रामपुर को सपा के कद्दावर नेता आजम खां और आजमगढ़ को अखिलेश-मुलायम का गढ़ माना जाता है। 2019 लोकसभा चुनाव में आजमगढ़ से अखिलेश यादव जीते थे। वहीं, 2014 में मुलायम सिंह यादव यहां से सांसद चुने गए थे। उधर, 2019 के लोकसभा चुनाव में आजम खां रामपुर से सांसद बने थे। अब ये दोनों सीटें भाजपा के खाते में चली गई हैं।
बता दें, 2019 में अखिलेश यादव और आजम खान ने विधानसभा चुनाव लड़ा था। अखिलेश आजमगढ़ से और खान रामपुर से सांसद चुने गए थे। दोनों ने लोकसभा चुनाव जीतने के बाद इन सीटों से इस्तीफा दे दिया था। इससे ये सीटें रिक्त हो गई थीं, इसलिए उपचुनाव कराया गया।
अब किस बी-टीम, सी-टीम का नाम लेंगे?
ओवैसी ने कहा कि उत्तर प्रदेश उपचुनाव के नतीजे बताते हैं कि समाजवादी पार्टी भाजपा को हराने में असमर्थ है। उनके पास बौद्धिक ईमानदारी नहीं है। अल्पसंख्यक समुदाय को ऐसी अक्षम पार्टियों को वोट नहीं देना चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि भाजपा की जीत के लिए कौन जिम्मेदार है? अब, किसको इसका दोषी बताएंगे, क्या वे बी-टीम, सी-टीम का नाम लेंगे। ‘बी-टीम’ का इशारा शायद मायावती की टिप्पणियों से जुड़ा था, जो यूपी के चुनावों में अपनी पार्टी के खराब प्रदर्शन के लिए अखिलेश यादव और अन्य को बीजेपी की ‘बी-टीम’ कहने के लिए कोस रही हैं।
मुस्लिम अपने मुकद्दर का फैसला खुद करें : ओवैसी
सांसद ओवैसी ने एक ट्वीट कर मुस्लिमों से अपील करते हुए कहा कि रामपुर और आजमगढ़ चुनाव के नतीजे से जाहिर होता है कि सपा में भाजपा को हराने की न तो काबिलियत है और ना कुव्वत। मुसलमानों को चाहिए कि वे अपने वोट ऐसी पार्टियों को देने की बजाए खुद की आजाद सियासी पहचान बनाएं और अपने मुकद्दर के फैसले स्वयं करें।