–राउत ने कहा- शिवसेना के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करें फडणवीस
महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट के बीच सत्तारूढ़ शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने शनिवार को दावा किया कि एकनाथ शिंदे गुट के 10 विधायक शिवसेना के संपर्क में हैं। इन विधायकों ने शुक्रवार देर रात मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से फोन पर संपर्क किया था। राउत ने कहा कि बागी विधायकों को तत्काल मुंबई वापस आ जाना चाहिए।
राज्यसभा सदस्य राउत ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का नाम लेकर कहा कि वे शिवसेना के आंतरिक मामलों में दखलअंदाजी ना करें। उन्होंने कहा कि फडणवीस उनके अच्छे मित्र हैं। उन्हें खुद अपनी प्रतिष्ठा का ध्यान रखना चाहिए। राउत इससे पहले भी भाजपा पर शिवसेना विधायकों को तोड़ने का आरोप लगा चुके हैं। राउत के आरोपों पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा था कि शिवसेना के मौजूदा राजनीतिक संकट के पीछे भाजपा की कोई भूमिका नहीं है।
राउत ने कहा कि शिवसेना को कांग्रेस तथा राकांपा का समर्थन पूर्ववत प्राप्त है। शुक्रवार की देररात जब शरद पवार तथा उद्धव ठाकरे के बीच बैठक चल रही थी, उस समय गुवाहाटी के होटल में ठहरे 10 विधायकों ने फोन किया था और शिवसेना में ही रहने की बात कही थी। शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की आज बैठक होने जा रही है। इस बैठक में उपस्थित रहने के लिए कल ही सबको सूचित किया गया था। इस बैठक में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिये जाएंगे। उन्होंने गुवाहाटी के होटल में ठहरे बागी विधायकों पर तंज कसते हुए कहा कि जो लोग खुद को बाघ कहते हैं, वे बकरियों की तरह व्यवहार क्यों कर रहे हैं? यदि उनमें हिम्मत है, मुंबई आएं और विधानसभा में बहुमत हासिल करें। मुख्यमंत्री ठाकरे के पीछे राकांपा और कांग्रेस मजबूती से खड़ी हैं, इसलिए जो विद्रोह कर रहे हैं उन्हें गुवाहाटी से यहां आकर बोलना चाहिए।
उधर, एकनाथ शिंदे ने आरोप लगाया है कि गुवाहाटी में बागी विधायकों के परिवारों की सुरक्षा छीन ली गई है। उन्होंने ट्विटर पर एक पत्र शेयर कहा कि विधायकों के परिवारों की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है। इस बारे में पत्रकारों ने जब संजय राउत से पूछा तो उन्होंने कहा कि भगोड़ों की सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी नहीं है। राउत ने कहा, विद्रोह में राज्य से भागे विधायकों की सुरक्षा के लिए हम जिम्मेदार नहीं हैं। जो विधायक राज्य से भाग गए हैं, उनकी सुरक्षा के लिए हम जिम्मेदार नहीं हैं।
आशा खबर /रेशमा सिंह पटेल