शिव का प्रिय सावन का महीना आते ही माहौल भी शिवमय हो जाता है। सावन के महीने में मेरठ जिले में होटल और रेस्तरां का मेन्यू बदल जाता है। होटल और रेस्तरां के मेन्यू में शामिल सावन के महीने में सात्विक भोजन शामिल हो जाता है। हरिद्वार जाने वाले शिवभक्त और कांवड़ियों की बड़ी संख्या में आमद जिले से गुजरती है।
मेरठ, डिजिटल टीम। सावन माह में शिव भक्तों सहित शहरवासियों का खानपान पूरी तरह से बदल जाता है। सावन के महीने में पूजा पाठ के साथ ही सात्विक भोजन भी दिनचर्या का हिस्सा है। ऐसे में घरों में ही नहीं, होटल और रेस्तरां में भी मांसाहार न खाया और न बनाया जाता है। ऐसे में होटल के मेन्यू पूरी तरह से बदल जाता है। यहां तक कि एक माह के लिए शहर के कुछ होटल और रेस्तरां में बनने वाली किसी भी डिश में प्याज और लहसुन तक का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।
लहसुन और प्याज से भी परहेज करते हैं शहरवासी
होटल संचालकों का कहना है कि सावन माह में लोग मांसाहार ही नहीं, लहसुन-प्याज तक खाने में परहेज करते हैं। ऐसे में एक माह के लिए मेन्यू में सात्विक डिश की संख्या बढ़ा दी जाती है। इसके अलावा दाल मखनी, पनीर हांडी, पनीर धनिया अदरकी, भूना पनीर मसाला, पनीर कोल्हापुरी के अलावा मखमली कोफ्ता जैसी डिश भी इन दिनों प्याज लहसुन के बिना ही पकाई जाती है।
एक माह के लिए मांसाहार डिश नहीं
सावन में एक माह के लिए होटल में मांसाहार डिश पर रोक लगा दी जाती है। लोग भी ऐसी डिश खाने से परहेज करते हैं। इसके साथ ही मेन्यू में कुछ नई स्वादिष्ट डिश को भी शामिल किया है। -नवीन अरोड़ा, निदेशक होटल हारमनी इन गढ़ रोड
इस एक माह में लोग प्याज-लहसुन खाने से भी परहेज करते हैं। ऐसे में उनके लिए आलू, भिंडी के अलावा मिक्स सब्जी और कई प्रकार की दाल को बिना प्याज और लहसुन के पकाया जाता है। इससे लोगों को कोई परेशानी न हो। -गौरव नारंग, निदेशक होटल क्रोम दिल्ली रोड
लोगों की पसंद का ध्यान रखते हुए कई सालों से सावन माह में मेन्यू में बदलाव किया जा रहा है। इस माह में मांसाहार न खाने वाले लोगों की संख्या अधिक होती है। हमें भी लोगों की पसंद का ध्यान है। ऐसे में एक माह के लिए मेन्यू से कई डिश हटा दी जाती है। – शेखर भल्ला, निदेशक ब्रावुरा गोल्ड रिसोर्ट परतापुर बाईपास